राजस्थान में शिक्षकों के लिए लागू होगा ड्रेस कोड, पूर्व सीएम वंसुधरा राजे ने भी की थी ड्रेस कोड लागू करने की कोशिश
महाराष्ट्र में 2024 में ड्रेस कोड लागू किया
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के सरकार के इस फैसले से विद्यालयों में अनुशासन में सुधार आएगा और यह शिक्षक तथा विद्यार्थियों दोनों के लिए प्रेरणास्पद वातावरण प्रदान करेगा।
जयपुर। राज्य सरकार सरकारी और निजी स्कूलों में एकीकृत ड्रेस कोड लागू करने पर विचार कर रही हैं। शिक्षा विभाग उन राज्यों का अध्ययन कर रही है, जहां पहले से ड्रेस कोड अपनाया जा चुका है। महाराष्ट्र और असम के बाद राजस्थान इस नियम को लागू करने वाला तीसरा राज्य बन जाएगा। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अक्टूबर में एक कार्यक्रम में कहा था कि कई शिक्षक-शिक्षिकाएं पूरा शरीर दिखाने वाले कपड़े पहनते हैं। इससे बच्चों पर बुरा असर होता है। उन्होंने कहा था कि शिक्षकों को ध्यान रखना चाहिए, कि वे क्या पहने हैं। शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद से ही कयास लगाए जाने लगे कि प्रदेश में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू होगा। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के सरकार के इस फैसले से विद्यालयों में अनुशासन में सुधार आएगा और यह शिक्षक तथा विद्यार्थियों दोनों के लिए प्रेरणास्पद वातावरण प्रदान करेगा। सरकार नए सत्र से ड्रेस कोड लागू करने की दिशा में काम कर रही हैं। ड्रेस कोड के तहत पुरुष शिक्षकों को टी-शर्ट और जींस पहनने पर रोक लगा दी जाएगी। महिला शिक्षकों को साड़ी और सलवार-सूट पहनकर स्कूल आना होगा।
असम सरकार ने 2023 में समान ड्रेस लागू किया
असम सरकार ने अगस्त 2023 में समान ड्रेस लागू किया था। सरकार के आदेशानुसार शिक्षक कैजुअल कपड़े पहनकर ड्यूटी पर नहीं आ सकते है। पुरुष शिक्षक फॉर्मल शर्ट, ट्राउजर, धोती या पायजामा पहनेंगे। जबकि महिला शिक्षकों को सलवार सूट, साड़ी और पारंपरिक वस्त्र पहनने की अनुमति दी गई है। शिक्षकों को साफ-सुथरे, साधारण और गहरे रंग के वस्त्र पहनना अनिवार्य है।
महाराष्ट्र में 2024 में ड्रेस कोड लागू किया
महाराष्ट्र सरकार ने मार्च 2024 में समान ड्रेस कोड लागू किया था। इस नियम के तहत शिक्षकों को टी-शर्ट, जींस या डिजाइन वाले कपड़े पहनने की अनुमति नहीं हैं। महिला शिक्षकों को साड़ी या सलवार-कमीज और पुरुष शिक्षकों को पैंट ताथ शर्ट पहनने की सलाह दी गई हैं। इस नियम के तहत स्कूलों को अपने अनुसार रंग चुनने की स्वतंत्रता दी गई है। पुरुष शिक्षकों को हल्के रंग के शर्ट और गहरे रंग की पैंट होने चाहिए। यह नियम सरकारी निजी और गैर-सहयाक सभी स्कूलों में लागू किया गया है।
पहले भी नियम लाने की कोशिश
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने साल 2017 में समान ड्रेस कोड लाने की कोशिश की थी। वसुंधरा सरकार शिक्षकों, टीचिंग स्टॉफ और शिक्षा अधिकारियों तक के लिए ड्रेस कोड लागू करने की कोशिश की थी। इसके लिए अधिकारियों की कई दौर की बैठकें भी ली गई थी। लेकिन इस पर अंतिम फैसला नहीं हो सका था। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ ने समान ड्रेस कोड नियम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन प्रकाश ने कहा कि सरकार को शिक्षकों के पहनावे पर ध्यान देने के बजाय स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने पर ध्यान देना चाहिए। अगर सरकार को यह नियम लाना ही है तो प्रदेश के 10 लाख कर्मचारियों के लिए लाना चाहिए।
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