8वीं में चली गई आंखों की रोशनी : जयपुर में नवचयनित आईएएस मनु गर्ग के सम्मान में समारोह आयोजित
चुनौती को बनाया सफलता की सीढ़ी
मनु गर्ग ने बचपन में ही आठवीं कक्षा के दौरान अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी थी, लेकिन उन्होंने इस चुनौती को अपनी सफलता की सीढ़ी बनाया।
जयपुर। गणगौरी बाजार जयपुर स्थित राजस्थान नेत्रहीन कल्याण संघ में सम्मान समारोह हुआ, जिसमें नवचयनित आईएएस अधिकारी मनु गर्ग को उनकी अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया। मनु गर्ग जो दृष्टिबाधित हैं, ने अपनी अथक मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प के बल पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 91वीं रैंक हासिल कर न केवल जयपुर बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम की है।
चुनौती को बनाया सफलता की सीढ़ी
मनु गर्ग ने बचपन में ही आठवीं कक्षा के दौरान अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी थी, लेकिन उन्होंने इस चुनौती को अपनी सफलता की सीढ़ी बनाया। अपनी माता वंदना जैन को अपनी सफलता का सबसे बड़ा श्रेय देते हुए मनु ने कहा कि मेरी मां ने हर कदम पर मेरा साथ दिया। उनकी प्रेरणा और समर्थन के बिना यह मुकाम हासिल करना असंभव था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनुप कुमार ढंड थे, जिन्होंने कहा कि मनु गर्ग ने यह साबित कर दिया कि दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत के सामने कोई भी बाधा टिक नहीं सकती। उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजदीपक रस्तोगी (अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल) ने की। विशिष्ट अतिथि जस्टिस जेके रांका और सुमति बिश्नोई (वरिष्ठ अधिवक्ता) ने भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन दिया। इस मौके पर संस्था के सचिव जितेंद्रनाथ भार्गव, अध्यक्ष डॉ. पीसी जैन, कोषाध्यक्ष सुभाष पारीक, निदेशक श्रीवास्तव और वीना जैन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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