सरकारी अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन के लिए देश के नामी हॉस्पिटल्स का किया जाएगा भ्रमण
बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन कर सरकारी अस्पतालों में किया जाएगा लागू
अधिकारियों का दल जयपुरिया अस्पताल के सामने स्थित राजस्थान अस्पताल का भ्रमण कर वहां उपलब्ध सुविधाओं और बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करेगा।
जयपुर। प्रदेश के अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी देश के नामी निजी और राजकीय अस्पतालों का भ्रमण कर वहां अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज, प्रबंधन तथा विशेषज्ञ सुविधाओं का अध्ययन करेंगे। इन बेस्ट प्रैक्टिसेज को प्रदेश के राजकीय अस्पतालों में चरणबद्ध रूप से लागू किया जाएगा। नामी अस्पतालों की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करने की शुरुआत जयपुर के संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल से की गई। चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार के नेतृत्व में चिकित्सा शिक्षा विभाग, एसएमएस मेडिकल कॉलेज एवं आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज और उनसे सम्बद्ध अस्पतालों के अधिकारियों ने दुर्लभजी अस्पताल में बेस्ट प्रैक्टिसेज तथा प्रबंधकीय व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। अधिकारियों का दल जयपुरिया अस्पताल के सामने स्थित राजस्थान अस्पताल का भ्रमण कर वहां उपलब्ध सुविधाओं और बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करेगा।
इन व्यवस्थाओं को जाना
अधिकारियों के दल ने दुर्लभजी अस्पताल प्रबंधन की ओर से दिए गए विस्तृत प्रजेंटेशन के माध्यम से वहां चिकित्सक एवं रोगी अनुपात, नर्सिंग व्यवस्था, साफ -सफाई, क्यू मैनेजमेंट, विशेषज्ञ सेवाएं, अस्पताल स्टॉफ और उनके नियोजन, ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी, आईपीडी आदि के बारे में जाना। प्रजेंटेशन के दौरान बताया गया कि किस तरह से बेहतर चिकित्सा एवं नर्सिंग सेवाएं देने के लिए अस्पताल में स्टॉफ का प्रबंधन किया जा रहा है। आईसीयू और वार्ड में पेशेंट फ्रेंडली व्यवस्थाओं के लिए क्या उपाय सुनिश्चित किए गए हैं। अस्पताल में जांच सुविधाओं की स्थिति का भी अधिकारियों ने अध्ययन किया। अधिकारियों के दल ने अस्पताल परिसर में ओपीडी, आईपीडी, इमरजेंसी, जनरल वार्ड, फूड कोर्ट, लैब, बल्ड बैंक आदि स्थानों का अवलोकन कर व्यवस्थाओं को देखा।
सरकारी अस्पतालों में नामी डॉक्टर्स और संसाधन, प्रबंधन की कमी
चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि राजकीय चिकित्सा संस्थानों में देश दुनिया के नामी विशेषज्ञ चिकित्सक, प्रशिक्षित स्टॉफ और मजबूत आधारभूत ढांचा उपलब्ध है। चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित अस्पतालों में करीब 3.45 करोड़ सालाना ओपीडी, 35 हजार से अधिक बेड हैं और 27 लाख से ज्यादा सर्जरी की जाती हैं। साथ ही संसाधनों की समुचित उपलब्धता है, लेकिन यहां प्रबंधकीय कमी महसूस होती है। इसी कड़ी में प्रतिष्ठित अस्पतालों का भ्रमण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के ही नहीं देशभर के निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र के चिकित्सालयों का भ्रमण किया जाएगा तथा जो छोटी-छोटी प्रबंधकीय बाधाओं को दूर किया जाएगा।
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