बाप विधायक जयकृष्ण पटेल घूसकांड: विधानसभा आवास में घूस के 20 लाख रुपए लेकर अपने पीए को देते और उसके फरार होने के फुटेज सीसीटीवी में कैद
एसीबी ने विधानसभा आवास में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले
घूस के 20 लाख रुपयों को छिपाने वाले रोहित के मामा जसवंत और जगराम से दो दिन की रिमांड पर पूछताछ जारी है।
जयपुर। टोडाभीम में माइंस व्यवसायी से विधानसभा में लगाए प्रश्नों को वापस लेने की एवज में 20 लाख रुपए की घूस लेते गिरफ्तार हुए मामले में नया खुलासा हुआ है। एसीबी टीम ने गुरुवार को विधानसभा आवास में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो विधायक जयकृष्ण पटेल परिवादी से घूस के रुपए लेते और अपने भाई विजय को देते हुए दिख रहे हैं। इसके अलावा विजय ने यह बैग विधायक के पीए रोहिताश्व उर्फ रोहित को दिया था और रोहित बैग को लेकर स्कूटी के मार्फत फरार हो गया था। एसीबी की टीम अभी भी रोहित की तलाश में दबिश दे रही है।
जब इस मामले में विधायक जयकृष्ण, उसके भाई विजय को जेल भेज चुकी है। घूस के 20 लाख रुपयों को छिपाने वाले रोहित के मामा जसवंत और जगराम से दो दिन की रिमांड पर पूछताछ जारी है। इन दोनों को एसीबी शुक्रवार को कोर्ट में पेश करेगी।
ऐसे बुना घूस का मकड़जाल
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) के बागीदौरा बांसवाड़ा से विधायक जयकृष्ण के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। एफआईआर के अनुसार पटेल पर विधानसभा में खनन से जुड़ा प्रश्न लगाने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप है। करौली खनन विभाग के अधिकारियों ने शिकायतकर्ता को जानकारी दी कि विधायक की ओर से उसकी खान को लेकर प्रश्न उठाए गए हैं। इसके बाद शिकायतकर्ता ने पहली बार 5 फरवरी 2025 को वह जयपुर के ज्योति नगर स्थित विधायक आवास में पटेल से मिला और उन्हें खनन से जुड़े दस्तावेज दिखाकर संतुष्ट किया। विधायक ने आगे कोई प्रश्न नहीं उठाने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद अगली विधानसभा बैठक में फिर से प्रश्न लगाया गया। इसकी भी जानकारी करौली खान विभाग के अधिकारियों ने परिवादी को दी कि फिर विधायक ने आपके खिलाफ प्रश्न लगाया है। जब शिकायतकर्ता ने विधायक से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि पहले उनसे मिलना चाहिए था। इस पर पटेल ने प्रश्न हटाने के बदले ढाई लाख रुपए की मांग की।
ढाई लाख नहीं ढाई करोड़ मांगे थे
शुरुआत में शिकायतकर्ता समझा कि उससे विधायक ने प्रश्न नहीं लगाने की एवज में ढाई लाख रुपए मांगे हैं, लेकिन बाद में पता चला कि ढाई लाख नहीं ढाई करोड़ रुपए की घूस मांगी जा रही है। इस दौरान एक लाख रुपए नकद घूस के दिए गए। इसके बाद घूस की आधी रकम मई और बाकी के जून और जुलाई में देना तय हुआ। बातचीत में एक मई को घूस की पूरी राशि पहुंचाना तय हो गया। इसके बाद 20 लाख की यह राशि देने के दौरान एसीबी ने विधायक को जयपुर में रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
हैड कास्टेबल का नाम रखा पापाजी, पानी वाले बाबा
एसीबी ने विधायक को ट्रेप करने के लिए पूरी सावधानी बरती और किसी तरह की लापरवाही नहीं हो इसके लिए कोड नाम का भी इस्तेमाल किया गया। एसीबी की रिपोर्ट के अनुसार जब विधायक गाड़ी में बैठकर रुपए गिन रहे थे। रुपयों की गिनती पूरी होने के बाद परिवादी ने अपने मोबाइल में एसीबी के हैड कांस्टेबल का नम्बर पापाजी, पानी वाले बाबा के नाम से सेव कर रखा था। उस पर विधायक की बात करवाई और टीम को इशारा कर दिया। उसके बाद एसीबी ने अपनी और निगरानी बढ़ा दी।

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