जेजेएम में 900 करोड़ का घोटाला : एक्शन में ईडी, पूर्व मंत्री महेश जोशी गिरफ्तार
चार दिन भेजा रिमाण्ड पर
इतने बड़े घोटाले का खुलासा होने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जोशी समेत 22 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर जांच की थी।
जयपुर। जल जीवन मिशन (जेजेएम) में करीब 900 करोड़ के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया। ईडी की टीम ने देर शाम जोशी को मजिस्ट्रेट के घर पर पेश किया जहां से चार दिन के रिमाण्ड पर भेज दिया। न्यायाधीश ने जोशी को घर का खाना और दवाइयां लेने की इजाजत दी है। अब ईडी की टीमें उनसे पूछताछ करेगी। इससे पहले ईडी के अफसरों ने जोशी से करीब आठ घंटे पूछताछ की। ईडी अफसरों ने नोटिस देकर जोशी को पूछताछ के लिए अपने कार्यालय में बुलाया था। जोशी सुबह करीब ग्यारह बजे अपने सहायक को लेकर दस्तावेजों के साथ पहुंचे थे।
ईडी ने उनसे शाम करीब सात बजे तक पूछताछ की। इस दौरान जोशी से पूछताछ के अनेक दौर चलने के बाद भी ईडी जोशी के जवाबों से संतुष्ट नहीं हुई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जोशी को पूर्व में भी तीन नोटिस भेजे गए थे, लेकिन व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए वह उपस्थित नहीं हुए थे। पूछताछ में ईडी के अफसरों ने उनसे मिशन में टेंडर प्रक्रिया, फं ड के वितरण और संभावित भ्रष्टाचार से जुड़ी जानकारियां जुटाई।
यह है मामला
केन्द्र सरकार की जेजेएम में 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के ठेकेदार पदमचंद जैन एवं महेश मित्तल ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र दिखाकर जलदाय विभाग से करोड़ों रुपए के चार टेंडर हासिल किए थे। इन प्रमाण पत्रों से मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल ने जलदाय विभाग की 68 निविदाओं में भाग लिया था। उनमें से 31 टेंडर में एल-वन के रूप में 859 करोड़ दो लाख रुपए के टेंडर हासिल किए थे। इसी प्रकार श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में भाग लिया और 73 निविदाओं में एल-वन के रूप में भाग लेकर 120 करोड़ 25 लाख रुपए के टेंडर हासिल किए थे।
एसीबी ने भी की थी जांच
इतने बड़े घोटाले का खुलासा होने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जोशी समेत 22 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर जांच की थी। एसीबी ने सात अगस्त 2023 को जलदाय विभाग के अभियंता मायालाल सैनी और प्रदीप के साथ ठेकेदार पदमचंद जैन और कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह तथा दलाल प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया था। एक अन्य अभियंता राकेश चौहान को पकड़ा था। उस समय एसीबी ने इन लोगों के कब्जे से दो लाख 90 हजार रुपए भी जब्त किए थे। इस घोटाले की जानकारी उत्तरप्रदेश के पदमसिंह नाम के व्यक्ति ने नौ बड़े अफसरों को 16 फरवरी 2023 को मेल भेजकर दी थी। इसके एक महीने बाद 16 मार्च को मनेश कुमार कलवानिया ने भी शिकायत की थी। शिकायतों के बाद भी फाइनेंशियल कमेटी ने मई 2023 में टेंडर पास कर दिए।
ईडी ने किया केस दर्ज
एसीबी की जांच के दौरान ही इस मामले को लेकर ईडी ने भी सितम्बर 2023 में प्रकरण दर्ज किया। ईडी ने पूर्व मंत्री महेश जोशी और उनके निकटतम सहयोगी संजय बढ़ाया समेत एक दर्जन लोगों के ठिकानों पर दबिश दी थी। इसी बीच सीबीआई ने भी पिछले साल तीन मई को केस दर्ज किया था।
कई अफसर संदेह के घेरे में
ईडी जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपए के कथित मनी लॉडिंग मामले जांच कर रही हैं, जिसमें कई अधिकारियों और ठेकेदारों की भूमिका भी संदेह में हैं। जोशी का नाम इस मामले में सामने आने के बाद से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई थी।
जोशी के निवास पर छापे की कार्रवाई हुई थी
ईडी ने पिछले साल 16 जनवरी को महेश जोशी के निवास, उनके दो पूर्व अफसरों और दो कर्मचारियों पर छापे की कार्रवाई की थी। ईडी ने जेजेएम घोटाले में अब तक विभिन्न लोगों से 11.42 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जब्त कर चुकी हैं। ईडी ने पूर्व में उनके सहयोगी पीयूष जैन और संजय बड़ाया तथा अन्य लोगों से भी कई बार पूछताछ कर चुकी हैं।
मुझे कानून पर पूरा भरोसा, न्याय की उम्मीद: जोशी
जेजेएम घोटाले के मामले में गिरफ्तारी के बाद देर शाम पूर्व मंत्री डॉ. महेश जोशी की तबियत नासाज हो गई। उसके बाद ईडी की एक टीम पूर्व मंत्री डॉ. महेश जोशी को मेडिकल जांच के लिए एसएमएस अस्पताल लेकर गई। यहां अस्पताल की इमरजेंसी जोशी की सामान्य जांचें की गईं। मेडिकल जांच के बाद जोशी को जल्दी ही ईडी कोर्ट में पेश किया जा सकता है।
गिरफ्तारी के बाद जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुझे देश के कानून पर पूरा भरोसा है। जेजेएम मामले में मैंने कोई गड़बड़ी नहीं की है और ना ही किसी से कोई पैसा लिया है। जिन लोगों के खिलाफ मैंने कार्रवाई की और उन्हें ब्लैकलिस्टेड किया। उन्हीं लोगों के बयानों के आधार पर मुझे ईडी ने गिरफ्तार किया है। मुझे कानून पर पूरा भरोसा है। उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा।

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