भरपूर आवक, मांग कमजोर: किसानों और व्यापारियों की चिंता बढ़ी, मंडी से सब्जियां जा रही है गौशाला
डिमांड कमजोर रहने के कारण किसानों और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है
कुछ व्यापारी अपनी सब्जियां गोशालाओं में मुफ्त में भेज रहे हैं
जयपुर। बढ़ती आवक और गिरती मांग से सब्जियां रिटेल मार्केट के बजाय सीधे गौशालाओं में अधिक जा रही है। मुहाना मंडी में व्यापारी और किसान दोनों चितिंत है। गुजरात से आने वाली लौकी, कद्दू, बैंगनए खीरा, तुरई, भिंडी, मिर्ची, टमाटर समेत अन्य सब्जियों के दामों में जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। लोकल आवक ज्यादा होने और डिमांड कमजोर रहने के कारण किसानों और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कुछ व्यापारी अपनी सब्जियां गोशालाओं में मुफ्त में भेज रहे हैं, लेकिन गोशालाओं ने भी अधिक मात्रा में सब्जियां लेने से मना कर दिया है।
सावे खुलने के बाद भी नहीं लौटी तेजी
मलमास के दौरान एक महीने तक मंदी रहने के बाद किसानों और व्यापारियों को उम्मीद थी कि सावे खुलने के बाद बाजार में सुधार होगा। लेकिन अब भी सब्जियों के भाव औंधे मुंह गिरे हुए हैं, जिससे किसान अपनी लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं। कई किसान अब सब्जियां खेतों से काटकर मंडी लाने में भी संकोच कर रहे हैं, क्योंकि न तो उनकी मजदूरी निकल रही है और न ही भाड़ा।
तेजी के आसार धीमे पड़े
जयपुर फल-सब्जी थोक विक्रेता संघ, मुहाना मंडी के अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया कि आने वाले दिनों में भी सब्जियों की कीमतों में कोई खास सुधार होने की संभावना नहीं है। जनवरी के बाद जब लोकल आवक धीरे-धीरे कम होगी, तभी कुछ सब्जियों के थोक भावों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। सब्जिÞयों की सबसे अधिक आवक आसपास के गांवों जैसे टोंक, चौमंू, मुहाना, बगरू, जमवारामगढ से हो रही है।
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