सरकार का अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा निर्णय : सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए भूमि रूपांतरण की आवश्यकता नहीं, विभाग ने दिए आदेश
प्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में मदद
राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा निर्णय लिया। नगरीय विकास एवं आवासन विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब निजी कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा तथा अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए भूमि उपयोग परिवर्तनकी आवश्यकता नहीं। सरकार का यह कदम हरित ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा तथा भूमि उपयोग में लचीलापन लाते हुए किसानों और निजी निवेशकों के लिए नए अवसर खोलेगा।
जयपुर। राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा निर्णय लिया है। नगरीय विकास एवं आवासन विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब निजी कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा तथा अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन (भूमि रूपांतरण) की आवश्यकता नहीं होगी। विभाग के जारी परिपत्र के अनुसार यह निर्णय ऊर्जा विभाग की “राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024” के प्रावधानों के अनुरूप लिया गया है। इस नीति के बिंदु संख्या 10.2 (iv) में उल्लेख किया गया है कि राजस्थान भू-अधिकार अधिनियम 1955 तथा राजस्थान भूमि राजस्व अधिनियम 1956 और उनके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार निजी कृषि भूमि पर नवीकरणीय ऊर्जा पार्क के विकास के लिए भूमि रूपांतरण आवश्यक नहीं होगा।
विभाग के उप शासन सचिव प्रथम रवि विजय ने आदेश में बताया है कि अब सौर फार्म, सौर संयंत्र, पवन फार्म अथवा पवन ऊर्जा संयंत्र जैसी परियोजनाएं सीधे कृषि भूमि पर स्थापित की जा सकेंगी। इस निर्णय से निवेशकों को भूमि रूपांतरण की जटिल प्रक्रिया से राहत मिलेगी और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को गति मिलेगी। सरकार का यह कदम हरित ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा तथा भूमि उपयोग में लचीलापन लाते हुए किसानों और निजी निवेशकों के लिए नए अवसर खोलेगा। इससे प्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में मदद मिलेगी।

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