आत्महत्या के लिए उकसाने वाले पति को दस साल की सजा, अभियुक्त पर 10 हजार का जुर्माना भी लगाया
गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया कि अभियुक्त और सुनीता का दूसरा विवाह आटा-साटा प्रथा से साल 2018 में हुआ था।
जयपुर। महिला उत्पीड़न मामलों की विशेष अदालत, महानगर द्वितीय ने पुत्र के स्थान पर दो बार पुत्रियों को जन्म देने के चलते पत्नी को प्रताड़ित कर उसे अपनी चार साल की बेटी की हत्या कर स्वयं आत्महत्या के लिए उकसाने वाले अभियुक्त पति मुकेश निठारवाल को दस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पीठासीन अधिकारी आशुतोष कुमावत ने अपने आदेश में कहा कि आज के युग में जहां कई क्षेत्रों में लड़कियां, लड़कों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन कर देश का नाम रौशन कर रही हैं। ऐसे में यह विड़म्बना है कि एक स्त्री, जिसे मनचाही संतान पैदा करना वश में नहीं है को लड़की पैदा करने का दोषी मानकर प्रताड़ित किया जाता है। प्रकरण में विवाहिता से इस हद तक क्रूरता की गई कि उसे अपनी चार साल की बेटी को फंदे पर लटकाने के बाद स्वयं के फांसी लगाकर आत्महत्या करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं मिला। ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।
पुत्र को जन्म नहीं देने पर ससुराल वाले उसे आए दिन प्रताड़ित करते थे
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया कि अभियुक्त और सुनीता का दूसरा विवाह आटा-साटा प्रथा से साल 2018 में हुआ था। शादी के बाद सुनीता ने समय-समय दो पुत्रियों को जन्म दिया। सुनीता की ओर से पुत्र को जन्म नहीं देने पर ससुराल वाले उसे आए दिन प्रताड़ित करते थे। इस दौरान मारपीट करने पर सुनीता ने पुलिस थाने में भी शिकायत दी थी। मार्च 2020 में दूसरी पुत्री के जन्म देने की सूचना मिलने पर उसके ससुराल पक्ष के लोग सुनीता को अस्पताल में ही छोड़कर आ गए थे। इस पर उसने अस्पताल वालों से मिलकर महिला थाने में शिकायत दी थी। पुलिस की समझाइश के बाद ससुराल वाले सुनीता को लेकर गए थे। विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि आए दिन की प्रताड़ना से तंग आकर 4 जुलाई, 2023 को सुनीता ने पहले अपनी चार साल की बेटी को फांसी पर लटकाया और बाद में खुद ने भी फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना को लेकर मृतका के पिता की ओर से दर्ज रिपोर्ट पर पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया।
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