प्रदेश में साइबर ठगी का बढ़ता ग्राफ : 338 करोड़ की ठगी, केवल 2.21 करोड़ की रिकवरी
केवल 24,766 मामलों का ही निस्तारण हो पाया है
एफआईआर दर्ज की गई हैं जो कि कुल मामलों का महज 2.52 प्रतिशत है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जयपुर कमिश्नरेट में यह आंकड़ा और भी कम केवल 0.18 प्रतिशत है।
जयपुर। राजस्थान में साइबर अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से स्थापित नंबर 1930 पर इस साल कुल 102189 साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज की गई हैं। राजधानी जयपुर सबसे ज्यादा साइबर ठगी की चपेट में है। अकेले जयपुर कमिश्नरेट से 20485 और जयपुर रेंज से 18628 शिकायतें दर्ज की गई हैं। सबसे कम मामले जोधपुर कमिश्नरेट से सामने आए हैं, जहां केवल 5177 शिकायतें दर्ज हुईं। राज्यभर में दर्ज 102189 शिकायतों में से मात्र 265 मामलों में ही एफआईआर दर्ज की गई हैं जो कि कुल मामलों का महज 2.52 प्रतिशत है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जयपुर कमिश्नरेट में यह आंकड़ा और भी कम केवल 0.18 प्रतिशत है।
74 हजार से अधिक मामले जांच में 3 हजार पेंडिंग
पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अब तक 74,286 मामलों को जांच में लिया गया है जबकि 3,137 शिकायतें अब भी पेंडिंग हैं। इसका मतलब यह है कि केवल 24,766 मामलों का ही निस्तारण हो पाया है।
प्रदेश ने सबसे ज्यादा संदिग्ध नंबर ब्लॉक किए
साइबर ठगी को रोकने के लिए राज्य में 91,465 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कराया गया है जो कि देश में सबसे अधिक है। इसमें सबसे ज्यादा कार्रवाई जयपुर रेंज में हुई हैं जहां 72,758 नंबर ब्लॉक किए गए। जयपुर कमिश्नरेट में केवल 502 नंबरों पर ही ब्लॉकिंग की गई।
अकेले जयपुर कमिश्नरेट में ही 85 करोड़ रुपए की ठगी
इन 9 महीनों में राजस्थान में कुल 338 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हो चुकी है। इस आंकड़े में अकेले जयपुर कमिश्नरेट में ही 85 करोड़ रुपए की ठगी हुई है। हालांकि पुलिस और संबंधित एजेंसियों की कोशिशों से अब तक केवल 2.21 करोड़ रुपए की ही रिकवरी हो सकी है जो कुल ठगी का मात्र 0.65 प्रतिशत है।

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