संयम लोढ़ा ने दिए विशेषाधिकार हनन के 2 प्रस्ताव
पुलिस से जुड़े दो मामलों में दिए हैं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने विधानसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन के दो प्रस्ताव दिए हैं।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने विधानसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन के दो प्रस्ताव दिए हैं। उन्होंने ये प्रस्ताव नियम 157 के तहत राजस्व विभाग और पुलिस से जुड़े दो मामलों में दिए हैं। पहला मामला भूमि से जुड़ा है तथा दूसरा प्रकरण निर्दोष व्यक्ति को हत्या के मामले में झूठा फंसाने से संबंधित है। संभवत राजस्थान विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक ही सदस्य ने एक ही दिन में विशेषाधिकार हनन के दो प्रस्ताव दिए हैं।
पहला प्रस्ताव
उन्होंने कहा कि 15वीं विधानसभा के चतुर्थ सत्र में प्रक्रिया नियम 131 के तहत एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव संख्या 94 ग्राम बनास तहसील पिण्डवाड़ा जिला सिरोही में भूमि रूपांतरण के संबंध दिया था। इस प्रकरण में जमीन की बिना रजिस्ट्री हुए ही कई गुणा मुआवजा बढ़ा दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के बाद यह प्रस्ताव 19 फरवरी 2020 को सूचीबद्ध किया गया था। यह मामला इस भूमि का फर्जी तरीके नामांतकरण खोलने से जुड़ा हुआ था। इस प्रस्ताव पर राज्य सरकार की ओर से तत्कालीन राजस्व मंत्री हरीश चौधरी सदन में जवाब पेश करते हुए कहा था कि इस मामले की जांच राजस्व सचिव से कराई जाएगी। मंत्री ने सदन को यह भी आश्वासन दिया था कि इस मामले में दोषी पाए गए अफसरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी। विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव में विधायक ने कहा है कि दो साल का समय व्यतीत हो जाने के बाद भी जांच तक शुरू नहीं की गई। इससे स्पष्ट है कि सदन की अवमानना हुई है और सदस्य के विशेषाधिकार का हनन हुआ है।
दूसरा प्रस्ताव
सिरोही जिले के बरबूट थाने में निर्दोष नागरिक को हत्या के मामले में झूंठा फंसाने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने को लेकर दिया है। यह मामला भी विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर 15वीं विधानसभा के सप्तम सत्र में गत 15 मार्च सदन की कार्रवाई में सूचीबद्ध किया गया था। प्रस्ताव पर राज्य सरकार की ओर से मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में जवाब देते हुए घोषणा की थी कि सात दिन के अन्दर जांच करवाकर दोषी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन दो महीने से ज्यादा का समय होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह सदन और सदस्य के विशेषाधिकार का हनन है।
मैंने विधानसभा अध्यक्ष के नाम विधानसभा सचिव को विशेषाधिकार हनन के दो प्रस्ताव दिए हैं।
- संयम लोढ़ा, सलाहकार मुख्यमंत्री और विधायक सिरोही
विधानसभा सदस्य संयम लोढ़ा ने विशेषाधिकारी हनन के दो प्रस्ताव दिए हैं, इनको लेकर संबंधित विभागों से तथ्यात्मक जानकारी मांगी जा रही है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- महावीर प्रसाद शर्मा, सचिव, राजस्थान विधानसभा
Comment List