सतीश पूनिया की पुस्तक अग्निपथ नहीं जनपथ का लोकार्पण : लोकतंत्र में कम होते सौहार्द पर व्यक्त की चिंता, कहा- जनहित में सभी एकजुट होकर करें काम
कटारिया राजनीति के आदर्श
सभी वक्ताओं ने लोकतंत्र में कम होते सत्ता और विपक्ष के संवाद और सौहार्द पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विचारधाराएं अलग हो सकती हैं, लेकिन जनहित में सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए।
जयपुर। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया की विधायक कार्यकाल पर आधारित पुस्तक अग्निपथ नहीं जनपथ (संवाद से संघर्ष तक) का लोकार्पण और कृति चर्चा को जयपुर के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ सहित कई नेता और अन्य लोग उपस्थित रहे। यह आयोजन राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर एवं वेरा प्रकाशन, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। सभी वक्ताओं ने लोकतंत्र में कम होते सत्ता और विपक्ष के संवाद और सौहार्द पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विचारधाराएं अलग हो सकती हैं, लेकिन जनहित में सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए।
राठौड़ बोले : अग्निपथ पर तपे बिना जनपथ नहीं मिलता
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अग्निपथ पर चलकर जो कुंदन की तरह तपता है, वहीं जनपथ तक पहुंचता है। प्रधानमंत्री मोदी भी अग्निपथ पर चलकर शीर्ष तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता प्रतिपक्ष के रूप में गुलाबचंद कटारिया सुबह 9 बजे से विधानसभा में बैठ जाते थे। ऐसी गंभीरता मैंने केवल भैरोसिंह शेखावत और कटारिया में देखी है। पूनिया मुद्दों को पकड़ना और उन्हें राष्ट्रीय विमर्श बनाना जानते हैं। व्यंग्य भरे अंदाज़ में राठौड़ बोले कि सांप-सीढ़ी के खेल में मुझे और पूनिया को 99 पर सांप ने डंसा। अब मैंने आलेख लिखना शुरू किया है, पूनिया और कटारिया उसके विमोचन पर जरूर आएं।
मदन राठौड़ बोले : कटारिया राजनीति के आदर्श
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि गुलाबचंद कटारिया राजनीति के आदर्श हैं। राठौड़ साहब सांप-सीढ़ी की बात कर गए, लेकिन मुझे भूल गए। विधायक भी बना, सांसद भी बना, खेल चलता रहता है।उन्होंने कहा कि सतीश पूनिया का रास्ता हमेशा साफ करता आया हूं और आगे भी करता रहूंगा। कटारिया पिंजरे से बाहर निकल आते हैं, अब देखना है राठौड़ कहीं उसमें न चले जाएं।
टीकाराम जूली बोले : किताब पढ़ी नहीं, पर भरोसा था
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि किताब पढ़ी नहीं, लेकिन भरोसा था कि पूनिया ने विपक्ष के रूप में लिखा होगा। हास्यपूर्ण लहजे में बोले कि अगर विधानसभा चल रही होती, तो मैं पूछता, कौन सांप किसे डंस रहा है। जूली ने कहा कि सदन में भले विचार अलग हों, लेकिन जनहित में सब एक होकर काम करें। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।
कटारिया बोले : हार-जीत नहीं, काम पहचान बनाता है
मुख्य अतिथि गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राजनीति में हार-जीत नहीं, बल्कि जनहित के लिए किया गया कार्य ही पहचान बनाता है। उन्होंने कहा कि भैरोसिंह शेखावत सिखाते थे, राजस्थान को जानना है, तो सदन में बैठो। दुर्भाग्य है कि अब सदन से ज्यादा ध्यान तबादलों पर रहता है। कटारिया ने कहा कि जो अग्निपथ से गुजरता है, वहीं जनपथ को समझता है। विचार भले अलग हों, लेकिन सौहार्द बना रहना चाहिए।
प्रतिभाओं को सम्मानित किया
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए एफएम आरजे कार्तिक, कवयित्री एवं लेखिका शिवांगी सिंह, एडवोकेट एवं सोशल मीडिया चिंतक मनवीर सोनी, कवि दिनेश कुमार सूत्रधार और साहित्यकार नीलू शेखावत को सम्मानित किया गया।

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