नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क : उम्रदराज बाघिन की दहाड़ से लेकर नन्हें शावकों की गूंज रही किलकारी
बाघिन रंभा से लेकर पांच दिन के शेर शावक हैं एनबीपी में
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाघिन रंभा की बहन महक को 2019 में कोटा से जयपुर लाया गया था।
जयपुर। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (एनबीपी) में पिछले दिनों बाघिन रानी और शेरनी तारा में सफल प्रजनन के चलते कुनबा बढ़ा है। इनमें नर, मादा और शावकों को मिलाकर बाघों की संख्या 13 है और शेरों की संख्या करीब 8 हो गई है। इस बीच खासबात ये है कि कैट फैमिली में
उम्रदराज बाघिन रंभा भी रह रही है। हालांकि उम्र के इस पड़ाव को देखते हुए इसे कराल एरिया में रखा जा रहा है। इससे पहले अगस्त, 2004 में बाघिन चन्दा ने जयपुर चिड़ियाघर में 4 शावकों को जन्म दिया था। उनमें बाघिन रंभा भी शामिल रही। अब ये बाघिन अगस्त में 21 साल की पूरी हो जाएगी। इसकी एक बहन और भी है, जो अभी कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में रहवास कर रही है। ये भी अगस्त में 21 साल की पूरी हो जाएगी। कहा जाए तो प्रदेश के बायोलॉजिकल पार्कों (कैप्टिविटी) में सबसे अधिक उम्र की ये दो बाघिन बहनें हैं। जो अभी भी जिंदा है।
नई पीढ़ी करेगी अगुवाई
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पिछले महीने 27 अप्रैल को बाघिन रानी ने पांच शावकों को जन्म दिया था। अब वे करीब 15 दिन के हो गए हैं। इनकी आंखें भी खुल चुकी है। ये दिनभर अपनी मां के आस-पास घूमते रहते हैं। कहा जाए तो पहली बार प्रदेश के बायोलॉजिकल पार्कों (कैप्टिविटी) में बाघिन द्वारा पांच शावकों को जन्म देने का पहला मामला बताया जा रहा है। रानी के पहली बार में दिए शावक भीम और स्कंदी एक साल के पूरे हो गए हैं।
शावकों को हर चार घंटे में दूध पिलाया जा रहा
दूसरी ओर शेरनी तारा ने 7 मई को शावकों को जन्म देने के बाद अपनाया नहीं, लेकिन नियो निटेल केयर यूनिट में उनकी देखरेख की जा रही है। इन्हें हर चार घंटे में दूध पिलाया जा रहा है। वे पांच दिन के हो गए हैं। आने वाले दिनों में अब यही शावक यहां की कमान संभालते हुए दिखाई देंगे।
रंभा को खाने में दिया जा रहा चिकन-सूप
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघिन रंभा को खाने में चिकन और सूप दिया जा रहा है। हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए इसे विटामिंस, मिनरल्स सहित आवश्यक दवाइयां दी जा रही है। इसे सुबह कराल एरिया में छोड़ा जाता है। जहां ये दिनभर घूमती और दहाड़ती हुई देखी जा सकती है। कहा जाए तो उम्रदराज होने के बावजूद दहाड़ की आवाज में कोई कमी नहीं है।
महक को फिर ले गए थे कोटा
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाघिन रंभा की बहन महक को 2019 में कोटा से जयपुर लाया गया था। वहीं मार्च, 2023 में इसे पुन: कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया था।
बाघिन रंभा अगस्त में 21 साल की हो जाएगी। यहां कैट फैमिली में उम्रदराज बाघिन यही है। इसके अतिरिक्त इसकी एक बहन महक कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में है। बाघिन रंभा की अधिक उम्र के कारण इसका खास ध्यान रखा जा रहा है। इसे डाइट में चिकन और सूप देने के साथ ही आवश्यक दवाइयां दी जा रही हैं। अभी बाघिन को कराल एरिया में रखा जा रहा है। जहां ये मूवमेंट करती रहती है।
-डॉ.अरविंद माथुर, वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क
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