साइबर ठगों का नया जाल : गूगल सर्च पर हेल्पलाइन नंबरों से सावधान
फर्जी नंबरों पर कॉल कर बैठता है तो अपराधी उनसे जुड़ जाते हैं
साइबर ठग पीड़ितों को मनचाही सेवा देने का झांसा देते हैं और उन्हें कोई विशेष एप डाउनलोड करने या किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए उकसाते हैं।
जयपुर। साइबर अपराधी लगातार अपनी चालें बदल रहे हैं। इस बार उन्होंने लोगों की एक आम आदत को निशाना बनाया है, ऑनलाइन हेल्पलाइन नंबर खोजना। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आम जनता को साइबर धोखाधड़ी की नई तकनीक के प्रति आगाह किया है, जिसमें धोखेबाज गूगल सर्च परिणामों में फर्जी हेल्पलाइन नंबर डालकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। एसपी साइबर क्राइम पुलिस मुख्यालय शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर ठग अब एक खास सर्च एल्गोरिथम का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे प्रमुख बैंकों, होटलों, कम्पनियों और अन्य हेल्पलाइन के नाम से फर्जी नंबर इंटरनेट पर खासकर गूगल सर्च परिणामों में सूचीबद्ध कर देते हैं। जब कोई व्यक्तिइन सेवाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर गूगल पर खोजता है और गलती से इन फर्जी नंबरों पर कॉल कर बैठता है तो अपराधी उनसे जुड़ जाते हैं।
साइबर ठग पीड़ितों को मनचाही सेवा देने का झांसा देते हैं और उन्हें कोई विशेष एप डाउनलोड करने या किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए उकसाते हैं। एक बार जब उपयोग कर्ता उनकी बातों में आकर ऐसा कर देते हैं तो साइबर अपराधियों को उनकी डिवाइस का पूरा एक्सेस मिल जाता है। इसका मतलब है कि आपकी बैंक एप, व्यक्तिगत डेटा और अन्य गोपनीय जानकारी तक उनकी सीधी पहुंच हो जाती है। इसके बाद अपराधी या तो सीधे आपके खातों से पैसे निकाल लेते हैं या आपको भुगतान करने के लिए मजबूर करके ठगी का शिकार बनाते हैं।
सुरक्षा के लिए क्या करें
गूगल सर्च परिणामों पर आंख बंद करके भरोसा न करें, किसी भी बैंक, होटल या सेवा प्रदाता का हेल्पलाइन नंबर उनकी आधिकारिक वेबसाइट से ही लें। थर्ड-पार्टी वेबसाइट्स या गूगल सर्च के परिणाम हमेशा सही नहीं होते।
यदि कोई आपको कोई लिंक भेजता है और उसे क्लिक करने को कहता है तो अत्यधिक सतर्क रहें। ऐसे लिंक्स पर क्लिक करने से आपके डिवाइस का नियंत्रण साइबर ठगों के हाथों में जा सकता है।
सतर्क रहें और जागरूक बनें, साइबर अपराधी हमेशा नए तरीके खोजते रहते हैं। ऑनलाइन लेनदेन करते समय और जानकारी साझा करते समय हमेशा सतर्क रहें।

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