पार्क रीजेंसी प्रोजेक्ट प्रकरण : हाईकोर्ट ने ईडी और सरकार से मांगा जवाब, प्रमोटर्स को भुगतान की राशि
वैध स्रोतों से अर्जित राशि से यहां निवेश किया
जस्टिस संजीत पुरोहित की एकलपीठ ने यह आदेश तारा देवी केडिया व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर रोड स्थित पार्क रीजेंसी प्रोजेक्ट को ईडी की ओर से अटैच करने से जुड़े मामले में राज्य सरकार, ईडी, आदर्श बिल्ड एस्टेट लिमिटेड के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल व मधु चौरड़िया सहित अन्य से जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा है कि याचिकाकर्ताओं को फ्लैट्स का अधिकार क्यों नहीं सौंपा गया। जस्टिस संजीत पुरोहित की एकलपीठ ने यह आदेश तारा देवी केडिया व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता नीतीश बागड़ी ने बताया कि याचिकाकर्ताओं ने साल 2012 से साल 2017 के दौरान पार्क रीजेंसी में अपने फ्लैट्स खरीदे और फ्लैट्स की 90 फीसदी से भी ज्यादा रकम प्रमोटर्स को भुगतान की जा चुकी है। बिल्डर ने कई लोगों को ऑफर ऑपजेशन भी जारी कर दिया, लेकिन इस दौरान ही 2019 में ईडी ने आदर्श क्रेडिट सोसायटी स्कैम के चलते इस प्रोजेक्ट को भी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान अस्थाई तौर पर अटैच कर दिया। इस दौरान ईडी ने फ्लैट खरीदारों को न तो कोई नोटिस दिया और ना ही उनका पक्ष जाना।
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने अपने वैध स्रोतों से अर्जित राशि से यहां निवेश किया है। इसके अलावा ईडी को अपराध के अनुपात में संपत्ति को अटैच करने का अधिकार है न कि निर्दोष लोगों की संपत्ति को। इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया है।

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