PCC चीफ डोटासरा का अपनी ही सरकार से सवाल, वीडियो में दिख रहे निंबाराम की क्यों नहीं हुई गिरफ्तारी
बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि से भुगतान के बदले 10 फीसदी कमीशन मांगने के राजाराम गुर्जर के वायरल वीडियो में आरएसएस प्रचारक निंबाराम की मौजूदगी के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सवाल उठाए हैं। डोटासरा ने कहा कि मेरा सवाल है कि वीडियो में आरएसएस के उस व्यक्ति की मौजूदगी साबित हो रही है, लेकिन उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है।
जयपुर। बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि से भुगतान के बदले 10 फीसदी कमीशन मांगने के राजाराम गुर्जर के वायरल वीडियो में आरएसएस प्रचारक निंबाराम की मौजूदगी के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सवाल उठाए हैं। डोटासरा ने बुधवार को पीसीसी में मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं। मेयर के पति का आरएसएस के दफ्तर के अंदर रिश्वत मांगने के ऑडियो वीडियो जारी हुए, जिसमें आरएसएस के बड़े पदाधिकारी की मौजूदगी में रिश्वत मांगी गई। भाजपा और आरएसएस अपने आप को ईमानदार और राष्ट्रवादी कहते हैं, लेकिन अब वो बेनकाब हो चुके हैं। ऑडियो वीडियो की प्रामाणिकता की जांच एसीबी ने करवाई है।
डोटासरा ने कहा कि मेरा सवाल है कि वीडियो में आरएसएस के उस व्यक्ति की मौजूदगी साबित हो रही है, लेकिन उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है। सरकार से भी मांग है कि इस पर से पर्दा उठाया जाए। डोटासरा ने कहा कि आरएसएस के निम्बाराम वीडियो में मौजूद दिख रहे हैं। उसमें मौजूदगी की बात छिपाने की बात हो रही है। भाजपा और आरएसएस के लोग धर्म की आड़ में कारगुजारियां और भ्रष्टाचार कर रहे हैं। राम मंदिर चंदा मामले में भी यह बात सामने आ चुकी है। पूरे देश में इनका चेहरा बेनकाब हो चुका है। इनका बहिष्कार होना चाहिए, तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए। डोटासरा ने कांग्रेस कमेटी की ओर से सरकार और एसीबी से दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
डोटासरा ने कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार में ज़ीरो टॉलरेंस के साथ काम करती है और आगे भी करती रहेगी। अन्य सवालों के जवाब में कहा कि किसी के कहने से कोई एफआईआर दर्ज नहीं होती। ऑडियो वीडियो के आधार पर कार्रवाई हुई है। भाजपा के लोग कुछ भी कर सकते हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में मुकदमा दर्ज करवाया था। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति मामले में एआईसीसी द्वारा सीधे नाम मांगने के सवाल पर कहा कि पीसीसी से तो नाम मांगते-मांगते 4 महीने हो गए। सब नेताओं के साथ चर्चा कर निर्णय होगा। मुझसे भी नाम मांगे गए हैं और पीसीसी द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर आलाकमान नाम तय करेगा। मनोनीत पार्षदों के सवाल पर कहा कि मापदण्डों के आधार पर ही चयन किया गया है। कुछ कार्यकर्ता रह गए होंगे। उन्हें सम्मानजनक पदों पर मनोनीत किया जाएगा। कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती मामले पर कहा कि इस मामले में जल्द ही दोबारा बैठक की जाएगी।
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