जमानत मिलने पर भी जेल में रहता है गरीब आदमी : सीजे
गरीबी की वजह से वह बेल बॉन्ड नहीं भर पाता है
उन्होंने कहा कि यह सिस्टम का फेल्योर है, जिसे आज तक कोई डिटेक्ट नहीं कर पाया।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने कहा कि गरीब आदमी जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ पाता है। पहले तो वह कोर्ट तक नहीं पहुंच पाता है। अगर कोर्ट में पहुंचने पर उसे बेल मिल जाती है तो भी वह गरीबी के चलते जेल से बाहर नहीं आ पाता है। सीजे ने कहा कि गरीबी की वजह से वह बेल बॉन्ड नहीं भर पाता है, सिक्योरिटी जमा नहीं करा पाता है। इसलिए उसके मामले में जितनी सजा होती है, उससे ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम का फेल्योर है, जिसे आज तक कोई डिटेक्ट नहीं कर पाया।
मुख्य न्यायाधीश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लीगल एड डिफेंस कौंसिल के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। जेल वाले भी नहीं समझ पाए, परिवार वाले नहीं समझ पाए। हमारे लीगल एड क्लिनिक भी कुछ नहीं कर पाए और वह व्यक्ति पूरी सजा से ज्यादा समय तक जेल में रहा। श्रीवास्तव ने कहा कि कोर्ट को बताना चाहिए कि गरीब व्यक्ति है। 25 हजार रुपए की सिक्योरिटी नहीं दे सकता है। कोर्ट इसे कंसिडर करके आदेश पास कर देगा। एक लीगल एड डिफेंस कौंसिल के तौर पर आप इस सिस्टम का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस पूरे सिस्टम की सफलता आप पर निर्भर करती है।
Comment List