रेलवे ने 36 ट्रेनों को बिजली इंजन में किया परिवर्तित, अब हो रहा ट्रेनों का इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर संचालन
तीव्र गति से विद्युतीकरण का कार्य किया
उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण के कार्य वर्ष-2015 में शुरू हुआ था। इन 10 वर्षों में तीव्र गति से विद्युतीकरण का कार्य किया गया।
जयपुर। उत्तर पश्चिम रेलवे पर पर्यावरण अनुकूल रेल संचालन के लिए ब्रॉडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का कार्य शत प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। नव निर्मित दौसा-गंगापुर सिटी रेल मार्ग का विद्युतीकरण भी वर्ष 2025-26 में पूर्ण कर लिया जाएगा। रेलवे के विद्युत विभाग की ओर से विद्युतीकरण का कार्य युद्धस्तर पर करते हुए अब तक कुल 5466 रुट किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण के कार्य वर्ष-2015 में शुरू हुआ था। इन 10 वर्षों में तीव्र गति से विद्युतीकरण का कार्य किया गया।
351 कि.मी. रेलमार्ग का विद्युतीकरण
रेलवे पर वर्ष 2024-25 में कुल 351 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण किया गया। दौसा-गंगापुर सिटी (93 कि.मी.) रेलखंड का विद्युतीकरण कार्य चल रहा है और 2025-26 में वर्ष में पूर्ण कर लिया जाएगा। रेलवे पर अब तक कुल 343 जोड़ी में से 197 रेल सेवाओं का संचालन इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर किया जा रहा है। वर्ष 2025-26 में 36 जोड़ी ट्रेनों का संचालन डीजल से परिवर्तित कर बिजली के इंजन में किया गया। वर्ष 2025-26 में 13 ट्रेक्शन सब-स्टेशन कमीशन किए गए हैं, जिससे ट्रेक्शन सब-स्टेशनों की कुल संख्या 52 हो गई है, इससे शीघ्र ही अन्य ट्रेनों का संचालन भी बिजली के इंजन से किया जा सकेगा।
ट्रेनों की बढ़ेगी रफ्तार
रेलवे पर सभी रेलमार्गों के विद्युतीकरण होने से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, जिससे यात्रा समय में बचत होगी। इसके साथ ही डीजल की जगह बिजली के प्रयोग से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा व राजस्व में भी बचत होगी। ट्रेनों की गति बढ़ने से और अधिक वंदे भारत ट्रेनों का संचालन भी शुरू किया जा सकेगा।
उ त्तर पश्चिम रेलवे पर सभी रेलमार्गों के विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। सभी ट्रेक्शन सब स्टेशनों का काम भी लगभग पूर्ण हो चुका है। शीघ्र ही सभी ट्रेने इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित होंगी।
- शशि किरण, सीपीआरओ

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