राजस्थान फिल्म फेस्टिवल: रीजनल सिनेमा ने देश की तस्वीर बदली: अरबाज खान
रीजनल सिनेमा ने देश की तस्वीर बदली है
टॉक शो में बालिका वधू फेम अभिनेत्री स्मिता बंसल, सीनियर एक्टर पुनीत इस्सर, राजस्थान से श्रवण सागर, सहित देश के अन्य शहर कलाकार मौजूद रहे।
जयपुर। बॉलीवुड एक्टर अरबाज खान ने कहा कि कोविड से पहले मेरे पास दो-तीन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के सब्सक्रिप्शन थे। मेरे पास एक ओटीटी प्लेटफॉर्म जब आया था, तब से मेरे पास मौजूद था। वह मेरे पास पांच साल से था, जो मैंने 5 साल में नहीं देखा था। वह मैंने कोविड के दौरान डेढ़ साल में देख लिया था। उससे क्या हुआ कि मैंने वर्ल्ड सिनेमा को एक्सप्लोर किया। उसमें भाषाई विरोध नहीं था, क्योंकि सबटाइटल फिल्मों के साथ मौजूद थे।
ऐसे समय में लोगों ने भी सिर्फ हिंदुस्तानी फिल्में नहीं, कई जगह की डब फिल्में भी देखीं। यहां से टेस्ट बढ़ने लग गया। इसके बाद दर्शक उन फिल्मों के लिए सिनेमा घर जाने लगे, जो कंटेंट से लबरेज थी। एंटरटेनमेंट के नाम पर कुछ दशक पहले हिंदुस्तान में चंद सिनेमाघर के अलावा सर्कस ही था। आज सिनेरियो बदल गया है, आज कॉमेडी से लेकर म्यूजिक डांस कई तरह के लाइव प्रस्तुतियां लोगों के सामने हैं तो ऐसे में लोगों को कई आप्शन एंटरटेनमेंट के मिल रहे हैं। ओटीटी ने तो लोगों को अलग से आप्शन भी दे दिया है, जिसमें रिमोट उनके हाथ में है। जिस कंटेंट को वह देखना चाहते हैं उसे ही वह देखेंगे। ऐसे में कंटेंट है किंग हो गया है। आज की आडियंस बहुत सिलेक्टिव हो गई है। आज वर्ड आफ माउथ सबसे बड़ा प्रमोशन बिंदु बन गया है। आज रीजनल सिनेमा ने देश की तस्वीर बदली है। अरबाज ने ये बात राजस्थान फिल्म फेस्टिवल के तहत शहर के एक होटल में भारतीय क्षेत्रीय सिनेमा की विविधता को सेलिब्रेट करते हुए टॉक शो में कहीं।
सिनेमा की सबसे बड़ी ताकत दर्शक: बंसल
टॉक शो में बालिका वधू फेम अभिनेत्री स्मिता बंसल, सीनियर एक्टर पुनीत इस्सर, राजस्थान से श्रवण सागर, सहित देश के अन्य शहर कलाकार मौजूद रहे। फेस्टिवल की फाउंडर संजना शर्मा और प्रोग्रामिंग हैड अनिल जैन ने बताया कि यह टॉक शो क्षेत्रीय सिनेमा के विकासशील परिदृश्य पर अमूल्य जानकारी प्रदान करने वाला साबित हुआ।
स्मिता बंसल ने कहा कि सिनेमा की सबसे बड़ी ताकत दर्शक ही होते हैं, अगर उन्होंने आपके प्रोजेक्ट को एक्सेप्ट कर लिया तो आपकी प्रगति को कोई नहीं रोक सकता। एक्टर पुनीत इस्सर ने कहा कि हमारे देश का कल्चर दुनिया का सबसे रिच कल्चर है। ऐसे में रीजनल भाषाओं में बनने वाली फिल्में इस कल्चर को और खूबसूरत बना देती हैं।
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