पाटली नदी को पुनर्जीवित करने के लिए खर्च होंगे 6 करोड़ रुपए, विभाग ने शुरू किया काम
माइनिंग का मलबा डालने से नदी का अस्तित्व खतरे में था
रामगंज मंडी की पाटली नदी, जो सालों से विलुप्त हो चुकी थी, अब पुनर्जीवित की जा रही है। इस कार्य में कुल छह करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे
जयपुर। रामगंज मंडी की पाटली नदी, जो सालों से विलुप्त हो चुकी थी, अब पुनर्जीवित की जा रही है। इस कार्य में कुल छह करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पाटली नदी कभी 37 किलोमीटर लंबाई तक बहती थी, जिसमें से 15 किलोमीटर मध्य प्रदेश और 22 किलोमीटर राजस्थान में बहते थे।
हालांकि पिछले कुछ सालों से नदी के किनारे माइनिंग का मलबा डाला गया था, जिससे नदी का अस्तित्व खतरे में था। पाटली नदी का पानी आडू से होकर कालीसिंध नदी में चला जाता था, और इस पानी का उपयोग रामगंज मंडी के किसान सिंचाई के लिए करते थे। लंबे समय से पाटली नदी को पुनर्जीवित करने की मांग की जा रही थी, और अब जल संसाधन विभाग ने इसे पुनर्जीवित करने का काम शुरू कर दिया है।
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