प्रदेश के जंगलों में गूंजी दस नन्हें शावकों की किलकारियां : सरिस्का, रणथम्भौर और जयपुर बायोलॉजिकल पार्क में बाघों का कुनबा बढ़ा
शावकों की सुरक्षा के लिए बढ़ाई गई निगरानी
28 अप्रैल को रणथम्भौर नेशनल पार्क के खारिया खाल क्षेत्र में बाघिन आरबीटी 2313 दो शावकों के साथ फोटो कैमरा ट्रेप में कैद हुई थी।
जयपुर। राजस्थान के वन्यजीव प्रेमियों के लिए बीते तीन दिन किसी खुशी से कम नहीं रहे। 27 से 29 अप्रैल के बीच सरिस्का, रणथम्भौर और जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में कुल 10 नन्हें बाघ शावकों ने जन्म लिया, जिससे प्रदेश में बाघों के कुनबे में खासा इजाफा हुआ है। बीते तीन दिन में दस शावकों के जन्म लेने की जानकारी सामने आई है। जयपुर के बायोलॉजिकल पार्क में 27 अप्रैल को बाघिन रानी ने एक साथ 5 शावकों को जन्म दिया जिनमें एक सफेद और चार गोल्डन बाघ शावक हैं। इनकी सीसीटीवी के जरिए निगरानी की जा रही है।
शरीर में आगे का हिस्सा गोल्डन और पीछे का रंग सफेद
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघिन रानी के दिए शावकों में एक शावक के शरीर में आगे के कुछ हिस्से का रंग गोल्डन और पीछे का सफेद रंग बताया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों को सीसीटीवी कैमरों से निगरानी के दौरान देखने पर ऐसा लगा है। हालांकि अभी बाघिन के आसपास किसी को जाने की अनुमति नहीं है। इसलिए कुछ दिनों के इंतजार के बाद इसकी पुष्टि की बात कही जा रही है।
रणथम्भौर में भी दिखी नई जिंदगी
28 अप्रैल को रणथम्भौर नेशनल पार्क के खारिया खाल क्षेत्र में बाघिन आरबीटी 2313 दो शावकों के साथ फोटो कैमरा ट्रेप में कैद हुई थी। इन शावकों की उम्र लगभग तीन माह बताई जा रही है। इसके बाद क्षेत्र में ट्रैकिंग और निगरानी बढ़ाई गई है।
सरिस्का से फिर खुशखबरी
29 अप्रैल मंगलवार को सरिस्का से भी शुभ समाचार आया। बाघिन एसटी 30 अपने तीन शावकों के साथ दिखाई दी। इससे सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़कर 45 हो गई है, जिनमें 11 बाघ, 18 बाघिन और 16 शावक शामिल हैं। मीडिया के बातचीत के दौरान वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने कहा कि 10 बाघ शावक बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इसमें रणथम्भौर में 2, सरिस्का में 3 और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 5 शावक शामिल हैं। जो वन्यजीव क्षेत्र के लिए अच्छी खबर है।

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