सुर संगम प्रतियोगिता: बीकानेर-कोलकाता के मोईन को सुरश्री अवार्ड
विभिन्न विधाओं में अव्वल युवा सुर साधकों ने राग शुद्ध सारंग, शुद्ध बिलावल और बनारसी ठुमरी का किया प्रदर्शन
गायन के सभी रूपों में अपना कौशल दिखाकर निर्णयकों को प्रभावित करने वाले बीकानेर-कोलकाता के मोईन खान को इस साल सुर संगम का एक लाख रुपए का सुरश्री अवार्ड प्रदान किया गया
जयपुर। सुर संगम संस्थान और जवाहर कला केंद्र की ओर से कला एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से किए जा रहे 34वें राष्ट्रीय युवा संगीत समारोह के अन्तिम दिन गुरुवार को विभिन्न विधाओं में अव्वल रहे कई युवा सुर साधकों ने अपने हुनर का जमकर प्रदर्शन किया। कलाकारों ने राग शुद्ध सारंग, शुद्ध बिलावल और बनारसी ठुमरी आदि को पूरी तैयारी और मनोयोग के साथ प्रस्तुत किया। मेगा फाइनल के बाद सुर संगम के राष्टÑीय अध्यक्ष के.सी. मालू ने पुरस्कारों की घोषणा की। गायन के सभी रूपों में अपना कौशल दिखाकर निर्णयकों को प्रभावित करने वाले बीकानेर-कोलकाता के मोईन खान को इस साल सुर संगम का एक लाख रुपए का सुरश्री अवार्ड प्रदान किया गया। मोईन खान मूल रूप से बीकानेर के हैं और वर्तमान में कोलकाता में रहकर संगीत का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
लोक गायन में रीवा की अतिशी सम्मानित
विभिन्न श्रेणियों में प्रथम रहने वाली प्रतिभाओं को अमेरिका निवासी निर्मल तारा सेठिया की ओर से पच्चीस-पच्चीस हजार के चार पुरस्कार प्रदान किए गए। इन पुरस्कारों के हकदार बने लोक गायन में रीवा की अतिशी तिवारी, सुगम गायन में दिल्ली की सरताज केसर, उप-शास्त्रीय गायन में सतना की आरती शुक्ला और शास्त्रीय गायन में वाराणसी के अक्षत प्रताप सिंह।
सुगम गायन का सर्वश्रेष्ठ अवार्ड वाराणसी की प्रियंका सेहवाल को
गणेश राणा की ओर से सुगम गायन का सर्वश्रेष्ठ अवार्ड वाराणसी की प्रियंका सेहवाल को दिया गया। उन्हें पुरस्कार स्वरूप 51 हजार रूपए नकद प्रदान किए गए। हाल ही में दिवंगत हुए ध्रुवपद मार्तडं पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग की स्मृति में शास्त्रीय गायक जयपुर के हुल्लास पुरोहित को 11 हजार रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी तरह विभिन्न विधाओं में द्वितीय रहने वाली प्रतिभाओं को पृथ्वीराज बापना की ओर से 10-10 हजार रुपए के तीन अवार्ड दिए गए।
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