कॉलोनियों के नियमन के लिए कट ऑफ डेट दिसंबर 2018 होगी
कच्ची बस्तियों के नियमन के लिए सरकार लाएगी नई पॉलिसी
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बसी कच्ची बस्तियों के नियमन के लिए राज्य सरकार नई पॉलिसी लाएगी। इसका प्रारूप तैयार कर मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा।
जयपुर। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बसी कच्ची बस्तियों के नियमन के लिए राज्य सरकार नई पॉलिसी लाएगी। इसका प्रारूप तैयार कर मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा। इसके साथ ही आवासन मण्डल क्षेत्राधिकार की कॉलोनियों में पट्टे देने के लिए बोर्ड अपने एक्ट में संशोधन करेगा ताकि बोर्ड के मकानों के बेचान के बाद आखिरी क्रेता के पक्ष में नियमितिकरण किया जा सके। बोर्ड का क्षेत्र ट्रांसफर होने के बाद निकाय इन कॉलोनियों में पट्टे देने के लिए बोर्ड से एनओसी मांग रहे थे। कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के नियमन के लिए कट ऑफ डेट को भी दिसंबर 2018 तक बढ़ाई जाएगी। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रशासन शहरों के संग अभियान की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। अपने आवास पर हुई बैठक में धारीवाल ने नई नीति का प्रस्ताव करने करने के यूडीएच अधिकारियों को निर्देश दिए।
हाउसिंग बोर्ड एक्ट में संशोधन कर शेष कॉलोनियों में देगा पट्टे
कट ऑफ डेट बढ़ाने से मिलेगी राहत
साथ ही नियमन के लिए मौजूदा कट ऑफ डेट को बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। अभी नियमन के लिए कॉलोनियों की कट ऑफ डेट 15 अगस्त, 2009 निर्धारित है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर दिसंबर 2018 करने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के लिए 17 जून, 1999 है, जिसे भी बढ़ाकर दिसंबर 2018 किया जा सकता है। बैठक में बताया गया कि कट ऑफ डेट बढ़ाने के लिए भू-राजस्व अधिनियम में बदलाव जरूरी है, ऐसा होने से हजारों की तादाद में भूखण्डधारियों को राहत मिल सकेगी। भूखण्ड व सुविधा क्षेत्र में 60:40 के अनुपात की बजाय 70:30 अनुपात भी हो सकता है। साथ ही पट्टा लेने के लिए पहले की तुलना में कम राशि देनी होगी।
नाम हस्तांतरण के मामलों में आर्थिक भार कम
मकान व भूखण्ड का नाम हस्तांतरण के लिए विज्ञप्ति प्रकाशित कराने में विस्तृत ब्यौरा नहीं देने का निर्णय लिया गया ताकि आवेदक पर आर्थिक भार कम हो। प्रशासन शहरों के संग अभियान के कैम्प मार्च में फिर शुरू हो सकते है। इसके लिए धारीवाल-मुख्यमंत्री के बीच चर्चा कर समय तय किया जाएगा।
चार सीई का पदोन्नति के बाद पदस्थापन
नगरीय विकास विभाग ने पदोन्नति के बाद चार मुख्य अभियंता के पदस्थापन कर दिया है। इसमें सीई अशोक कुमार चौधरी को निदेशक जेडीए, महेन्द्र कुमार माथुर को निदेशक जेडीए, पीके जैन को अतिरिक्त परियोजना निदेशक आरयूआईडीपी और ओपी वर्मा को कोटा यूआईटी में पदस्थापित किया है।
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