उत्तर भारत में सबसे ज्यादा फ्लाइट डायवर्जन जयपुर एयरपोर्ट पर, अत्यधिक विकसित तकनीकी उपकरणों से लैस एयरपोर्ट के रनवे पर हर तरह के विमान की लैंडिंग संभव

कार्गो फ्लाइट को लैंडिंग की अनुमति नहीं मिली

उत्तर भारत में सबसे ज्यादा फ्लाइट डायवर्जन जयपुर एयरपोर्ट पर, अत्यधिक विकसित तकनीकी उपकरणों से लैस एयरपोर्ट के रनवे पर हर तरह के विमान की लैंडिंग संभव

अहमदाबाद या मुंबई एयरपोर्ट का विकल्प दिया जाता था, लेकिन अब ऐसी फ्लाइट्स को दिल्ली के सबसे नजदीकी जयपुर एयरपोर्ट पर लैंड कराया जाता है। 

जयपुर। राष्ट्रय राजधानी के एयरपोर्ट पर मौसम खराबी को या फिर किसी अन्य कारणों से फ्लाइटों की लैंडिंग नहीं हो पाती है तो उत्तर भारत में जयपुर अन्तराष्टÑीय एयरपोर्ट एक माध्यम होता है, जहां सबसे अधिक फ्लाइटों का डायवर्जन होता हैं। इसका प्रमुख कारण अत्यधिक विकसित तकनीकी उपकरणों से लैस जयपुर एयरपोर्ट के रनवे पर हर तरह के विमान की लैंडिंग संभव हो जाती हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर शुक्रवार रात को हुए खराब मौसम के चलते लिपजिग, जर्मनी से आ रही कार्गो फ्लाइट को लैंडिंग की अनुमति नहीं मिली, तो इसे जयपुर एयरपोर्ट का ऑप्शन दिया गया। चूंकि यह कार्गो फ्लाइट एयरबस 330 जैसे बड़े विमान के जरिए संचालित हो रही थी तो इसे केवल चुनिंदा एयरपोर्ट पर ही डायवर्ट किया जा सकता था। आमतौर पर कुछ साल पहले ऐसे बड़े विमानों की लैंडिंग के लिए दिल्ली के बाद अहमदाबाद या मुंबई एयरपोर्ट का विकल्प दिया जाता था, लेकिन अब ऐसी फ्लाइट्स को दिल्ली के सबसे नजदीकी जयपुर एयरपोर्ट पर लैंड कराया जाता है। 

तकनीक के लिहाज से कई महत्वपूर्ण अपग्रेडेशन किए
पिछले कुछ सालों में जयपुर एयरपोर्ट पर तकनीक के लिहाज से कई महत्वपूर्ण अपग्रेडेशन किए गए हैं। फ्लाइट्स की दृश्यता के लिहाज से आरवीआर, इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम और पैरेलल टैक्सी ट्रैक जैसी सुविधाएं विकसित की जा चुकी हैं। पिछले साल से शुरू देश का पहला ऑटोमेटिक वैदर ऑर्ब्जविंग सिस्टम जयपुर एयरपोर्ट से लहया गया, जिसके जरिए रियल टाइम में मौसम की एक्यूरेसी जानी जा सकती है। इसी के साथ जयपुर एयरपोर्ट पर  दो एयर ऑपरेशन कमांड सेंटर संचालित होते हैं। ऐसे में खराब मौसम के दौरान भी हालात सुधरने पर तुरंत विमान की लैंडिंग कराया जाना संभव है। यही कारण रहा कि 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक कुल 463 विमान जयपुर डायवर्ट हुए। इनमें सर्वाधिक 390 फ्लाइट कोड सी यानी एयरबस 320 या बोइंग 737 श्रेणी के थे, कोड डी में कुल 6 फ्लाइट और कोड ई में कुल 30 फ्लाइट तथा अन्य 37 चार्टर जयपुर डायवर्ट हुए। 

 

Tags: Flight

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