हाउसिंग बोर्ड के मकानों को अवैध मान लगाए लाल निशान, लोगों में दशहत पैदा, आवासन मंडल एवं जेडीए के काट रहे चक्कर
करीब बीस से तीस फीट अंदर लगा दिए निशान
आवासन मंडल की योजना के बारे में विभाग से नक्शे आदि प्राप्त करने के बाद प्रकरण का निस्तारण मंडल अधिकारियों के सामंजस्य से किया जाएगा।
जयपुर। राजस्थान आवासन मंडल की प्रताप नगर सेक्टर 6 में करीब तीस साल पुराने मकानों को अवैध मानते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण ने 100 फीट रोड सीमा में अवैध मानते हुए लाल निशान लगा दिए। इससे लोगों में दशहत पैदा हो गई और वे आवासन मंडल एवं जेडीए के चक्कर काट रहे हैं। प्रताप नगर स्थित सेक्टर 63 के लोगों ने उप आवासन आयुक्त वृत एवं आवासन आयुक्त को ज्ञापन देते हुए कहा कि करीब 25 से 30 साल पहले मंडल ने आवासों का आवंटन किया है और अब जेडीए यहां 100 फीट सेक्टर प्लान दिखाकर मकानों को अवैध मान रहा है। इसको लेकर स्थानीय लोग दो दिन से आवासन मंडल के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनको अभी कोई साफ आश्वासन नहीं दिया गया है। हालांकि आवासन मंडल के अधिकारियों का कहना है कि जेडीए ने उनको बिना जानकारी के सर्वे किया है और उनकी योजना करीब 30 साल पुरानी है। इस संबंध में जेडीए को पत्र लिखा जाएगा। वहीं जेडीए आयुक्त आनंदी ने बताया कि चीलगाडी रेस्टोरेंट से अजय मार्ग हल्दीघाटी तक 100 फीट सेक्टर रोड है और इस संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका विचाराधीन है। आवासन मंडल की योजना के बारे में विभाग से नक्शे आदि प्राप्त करने के बाद प्रकरण का निस्तारण मंडल अधिकारियों के सामंजस्य से किया जाएगा।
करीब बीस से तीस फीट अंदर लगा दिए निशान
जेडीए अधिकारियों ने कोर्ट में जबाव पेश करने के लिए आनन फानन में बीस से तीस फीट तक मकानों के आगे लाल निशान लगा दिए हैं जबकि इस मार्ग में आवासन मंडल की अवाप्तशुदा जमीनों पर अवैध रूप से बसी हुई कॉलोनियों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। स्थानीय लोगों का कहना हे कि मंडल के मकानों को तो तोड़ने की मुहिम चलाई जा रही है लेकिन अवैध रूप से बसी हुई कॉलोनियों को फायदा पहुंचाने के लिए जेडीए ने कोई कार्रवाई नहीं की है और सेक्टर रोड का प्लान भी बदल दिया है। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने न्यायालय में भी जाने की बात कही है।
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