सुरक्षित रखने के लिए बनाया जा रहा शोकेस : लकड़ी से बना वृहत सम्राट यंत्र का मॉडल अब न बारिश में भीगेगा ना धूल-मिट्टी से होगा खराब
साइंस पार्क प्रशासन ने पुरातत्व विभाग को पत्र लिखा
स्मारक की आर्च में रखे लकड़ी से बने वृहत सम्राट यंत्र के मॉडल के लिए शोकेस बनवाया जा रहा है, ताकि इसे बारिश और धूल-मिट्टी से बचाया जा सके।
जयपुर। यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट्स की लिस्ट में शामिल जंतर-मंतर स्मारक देखने के लिए हर साल लाखों की संख्या में देसी और विदेशी पर्यटक आते हैं। यहां आकर उन्हें सालों पुराने यंत्रों की कार्य प्रणाली के बारे में जानने और समझने का मौका मिलता है। इस बीच स्मारक की आर्च में वृहत सम्राट यंत्र का लकड़ी से बनाया गया एक मॉडल भी रखा है, जिसे देख पर्यटक आश्चर्य चकित रह जाते हैं। अब इस लकड़ी के मॉडल को बारिश और धूल मिट्टी से बचाने के लिए आर्च में शोकेस बनाया जा रहा है, ताकि इसे सुरक्षित रखा जा सके।
एडमा करवा रहा कार्य
सम्राट यंत्र के मॉडल के लिए बनाए जा रहे शोकेस का कार्य आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एडमा) की ओर से किया जा रहा है। आर्च में रखे यंत्र के मॉडल के आगे एक शीशा लगाया जा रहा है, ताकि उसे सुरक्षित रखा जा सके। ये मॉडल कई साल पुराना बताया जा रहा है।
पर्यटकों के लिए नाइट स्काई टूरिज्म भी होगा
शास्त्री नगर स्थित साइंस पार्क की ओर से 21 जून को जंतर-मंतर स्मारक में आमजन और पर्यटकों के लिए नाइट स्काई टूरिज्म आयोजित किया जाएगा। इसके तहत उन्हें टेलीस्कोप के जरिए शाम 7.30 से रात 9 बजे तक आकाशीय गतिविधियां दिखाई जाएंगी। इससे पहले शनिवार को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक परिचर्चा होगी। जिसमें यंत्रों की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस कार्यक्रम की स्वीकृति के लिए साइंस पार्क प्रशासन ने पुरातत्व विभाग को पत्र लिखा है।
इनका कहना है
स्मारक की आर्च में रखे लकड़ी से बने वृहत सम्राट यंत्र के मॉडल के लिए शोकेस बनवाया जा रहा है, ताकि इसे बारिश और धूल-मिट्टी से बचाया जा सके। इसके लिए एडमा की ओर से कार्य करवाया जा रहा है। इसके अलावा निदेशालय से स्वीकृति मिलने के बाद साइंस पार्क की ओर से 21 जून को नाइट स्काई कार्यक्रम होगा।
प्रतिभा यादव, अधीक्षक,
जंतर-मंतर स्मारक

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