एयरपोर्ट पर खुलेंगी मदिरा की मॉडल शॉप, दस कमरों से कम वाले होटल को नहीं मिलेगा बार लाइसेंस
राजस्थान आबकारी एवं मद्य संयम नीति जारी की गई
राज्य सरकार ने आगामी चार सालों के लिए राजस्थान आबकारी एवं मद्य संयम नीति जारी की गई है।
जयपुर। राज्य सरकार ने आगामी चार सालों के लिए राजस्थान आबकारी एवं मद्य संयम नीति जारी की गई है। इसमें मदिरा की दुकानों की संख्या को यथावत रखते हुए जिलेवार समूहों का गठन करने के साथ ही प्रतिवर्ष दस प्रतिशत गारंटी राशि बढ़ाते हुए पूर्ण नीति अवधि के दौरान नवीनीकरण कराने का प्रावधान किया गया है। इसी तरह वर्तमान अनुज्ञाधारियों को वर्ष 2025-26 के लिए नवीनीकरण का अवसर दिया जाएगा। वित्त विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए है।
वार्षिक लाइसेंस फीस तय :
मदिरों की दुकानों समूह के लिए निर्धारित वार्षिक गारंटी राशि की पांच प्रतिशत राशि वार्षिक लाइसेंस फीस के रूप में ली जाएगी। यह राशि दो समान किस्तों में भी देय होगी। राज्य में जयपुर तथा अन्य शहरों में आवश्यकतानुसार वातानुकूलित आदि की सुविधायुक्त मॉडल शॉप आवंटित की जाएंगी।
एयरपोर्ट पर भी जारी किए जाएंगे लाइसेंस :
एयरपोर्ट अथॉरिटी की मांग पर राज्य के सभी एयरपोर्ट पर वार्षिक लाइसेंस फीस के आधार पर मदिरा की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे। इन दुकानों पर मॉडल शॉप के अनुरूप मदिरा विक्रय अनुमत होगा। एयरपोर्ट पर शॉप का आवंटन जयपुर में बीस लाख और अन्य शहरों में 10 लाख रुपए की वार्षिक लाइसेंस फीस पर किया जाएगा।
देशी मदिरा की कमी पर आयात की व्यवस्था :
नीति के तहत राज्य में देशी मदिरा की सप्लाई में कमी की स्थिति पर राज्य सरकार राज्य के बाहर से भी देशी मदिरा के आयात की अनुमति प्रदान कर सकेगी। राजस्थान निर्मित मदिरा पर 100 प्रतिशत तथा देशी मदिरा पर बीस प्रतिशत आबकारी ड्यूटी निर्माता एवं आपूर्तिकर्ताओं की ओर से राजकोष में अग्रिम भुगतान करना होगा। हेरिटेज मदिरा के उत्पादों में विविधता लाने एवं उत्पाद को अन्य राज्यों तथा विदेशों में निर्यात की संभावना के दृष्टिगत आरएसजीएसएम को अन्य राज्यों और विदेश में वितरण एवं मार्केटिंग के लिए फ्रंचाइजी नियुक्त करने की अनुमति होगी।
वार्षिक लाइसेंस फीस में मिलेगी छूट :
होटल, क्लब, रेस्टोरेंट बार अनुज्ञाधारियों की ओर से उनकी वार्षिक लाइसेंस फीस के तीन गुणा से अधिक राशि की आबकारी ड्यूटी की मदिरा, बीयर, वाइन आदि का उठाव करने पर उन्हें इस अतिरिक्त उठाव के पेटे आगामी वार्षिक लाइसेंस फीस में छूट दी जाएगी। जैसलमेर, माउंट आबू, रणकपुर, जवाई, सवाई माधोपुर, कुंभलगढ़, पुष्कर आदि पर्यटक स्थलों में स्वीस टैंट जैसी अस्थायी संरचना में सीजनल वार्षिक बार लाइसेंस जारी किए जा सकेंगे।
ऑकेजनल लाइसेंस की फीस तय :
नीति के तहत ऑकेजनल लाइसेंस की फीस तय की गई है। इसमें रजिस्टर्ड कॉमर्शियल स्थान व होटल बार अनुज्ञाधारी के लिए पंजीकरण की वार्षिक फीस बीस हजार तथा प्रतिदिन की 12 हजार रुपए और निजी आवास पर पंजीकरण की वार्षिक फीस बीस हजार रुपए और प्रतिदिन दो हजार रुपए फीस देनी होगी।
Comment List