अम्बेडकर को लेकर खराड़ी-गर्ग और जूली में तकरार
बिरसा मुंडा पर नहीं बोल पाए मंत्री
जनजाति क्षेत्रीस विकास विभाग की मांगों के दौरान विभाग के मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने संविधान निर्माता बाबा साहेब अम्बेडकर के सामने कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी खड़ा कर उन्हें चुनाव हराने के आरोप लगाए।
जयपुर। जनजाति क्षेत्रीस विकास विभाग की मांगों के दौरान विभाग के मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने संविधान निर्माता बाबा साहेब अम्बेडकर के सामने कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी खड़ा कर उन्हें चुनाव हराने के आरोप लगाए। जिस पर सत्ता और प्रतिपक्ष आमने सामने हो गए। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि उन्हें आरएसएस ने चुनाव हराया था। मेरे पास इसके प्रामाणिक दस्तावेज हैं। अम्बेडकर ने अपने मित्र को पत्र लिखकर कहा था कि आरएसएस ने उन्हें चुनाव हराया। इस पर मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने उनके आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि आरएसएस ने तो उनके चुनाव प्रचार में उन्हें जिताने के लिए काम किया था। अम्बेडकर को कानून मंत्री से तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू ने हटाया।
अम्बेडकर ने अपने इस्तीफे में अपनी पीड़ा लिखी थी। इस पर जूली ने गर्ग को तथ्य पेश करने की चुनौती दी। जिसे गर्ग ने स्वीकार कर लिया। अनुदान मांगों पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री अविनाश गहलोत के जवाब और मांगों के पारित के बाद गर्ग ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की मंजूरी से अम्बेडकर के चुनाव में संघ के सहयोग और उनके मंत्री पद से इस्तीफे की कॉपी सदन में टेबल की। इसके बाद जूली ने भी अम्बेडकर के अपने मित्र को लिखे पत्र को टेबल किया। जूली ने कहा कि आरएसएस के डोंगे और सावरकर ने उन्हें चुनाव हराया, इसका जिक्र इस पत्र में है।
बिरसा मुंडा पर नहीं बोल पाए मंत्री :
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में विभाग के मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने अपनी बात की शुरुआत आदिवासी वर्ग के महापुरुष बिरसा मुंडा से की। वे मुंडा का इतिहास बताने लगे। लेकिन उनका इससे जुड़ा कागज इधर-उधर हो गया। जिसके चलते वे मुंडा पर आगे कुछ नहीं बोल पाए। एकाध मिनट के लिए वे कागज ढूंढते भी रहे। लेकिन कागज नहीं मिलने पर उन्होंने दूसरे विषय पर अपनी बात कहनी शुरू कर दी।
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