68 करोड़ को सवा साल से उपयोग का इंतजार

नया अस्पताल व डीलक्स कॉटेज वार्ड को शिफ्टिंग का इंतजार

68 करोड़ को सवा साल से उपयोग का इंतजार

अस्पताल में डीलक्स कॉटेज वार्ड चालू नहीं होने से यहां लोग आॅपरेशन कराने से कतराते है।

 कोटा । एमबीएस अस्पताल परिसर में डीलक्स कॉटेज वार्ड और नया अस्पताल भवन का लोकार्पण हुए सवा साल  होने आया  लेकिन अभी तक इसके शिफ्टिंग का कार्य शुरू नहीं हुआ। कांग्रेस सरकार ने 27 अप्रेल 2023 को इसका  लोकार्पण तो कर दिया लेकिन उसके बाद भाजपा सरकार आने से इस भवन का शिफ्टिंग कार्य धीमा हो गया। अभी भवन में उपकरण से लेकर अन्य मूलभूत सुविधाएं और स्टाफ लगाना बाकी है। ऐसे में  पिछले एक साथ से तैयार किए भवन पर अभी ताले लगे हुए है। सरकार की ओर से 68 करोड़ रुपए लगाकर भवन तो तैयार कर दिया लेकिन अभी इसको चालू करने में समय लग रहा है।  

68 करोड़ रुपए से तैयार भवन का नहीं हो रहा उपयोग
68 करोड रुपए की लागत से तैयार नए अस्पताल भवन और डीलेक्स कॉटेज वार्ड का पिछले सवा साल से कोई उपयोग नहीं हो रहा है। अस्पताल में डीलक्स कॉटेज वार्ड चालू नहीं होने से यहां लोग आॅपरेशन कराने से कतराते है। जबकि एमबीएस अस्पताल में अच्छे डॉक्टर और संसाधन होने के बाद भी लोगों निजी अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा है।  एमबीएस परिसर में तैयार हुए  नए अस्पताल में 340 बेड  है। अस्पताल का निर्माण कार्य यूआईटी द्वारा कराया गया है। जिसमें करीब 68 करोड़ खर्च किए गए है। एमबीएस अस्पताल प्रशासन ने बताया कि डीलक्स कॉटेज वार्ड व नया अस्पताल भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अब फर्नीचर और उपकरण लगाना बाकी है। इसमें सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होगी। इसके अलावा इसके पीछे प्रशासनिक भवन आकार ले चुका है। नया अस्पताल शुरू हो जाने से जगह की कमी नहीं रहेगी।

मौसमी बीमारियों के सीजन में बेड की कमी से आती है परेशानी
मौसमी बीमारियों के सीजन में सबसे ज्यादा बेड की कमी खलती है। नया अस्पताल शुरू हो जाए तो बेड की कमी से राहत मिलेगी।  अभी कई बार बेड की दिक्कत आती है।  खासकर मौसमी बीमारियों के सीजन में बेड का कम होने से मरीजों को भर्ती करने में परेशानी आती है। नया अस्पताल शुरू होने से  नया अस्पताल शुरू होने से परेशानी दूर हो जाएगी। बेड की कमी के कारण अभी मरीजों को अन्य जगह रैफर करना होता था। पिछले साल भी डेंगू के समय  मरीज अधिक आने से  मरीजों को मेडिकल कॉलेज और रामपुरा सैटेलाइट अस्पताल शिफ्ट  करना पड़ा था।  ऐसी परेशानियों से बचने के लिए अस्पताल का शुरू होना जरूरी है। लेकिन अभी तक इसमें कई छोटे बड़े तकनीकी कार्य बाकी होने से यह शुरू नहीं हो पा रहा है। 

पीजी हॉस्टल का काम अभी नहीं हुआ पूरा
एमबीएस के पीछे पीजी स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल का कार्य भी  धीमी गति से चल रहा है। अभी इसमें फिनिंशिग वर्क बाकी है।  एक दो फ्लॉर का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। इसमें 120 रुम है। जबकि, मेडिकल कॉलेज में 150 रुम है। इस तरह से 270 रुम हो जाएंगे। यानि कि स्टूडेंट्स के लिए पर्याप्त रूम की व्यवस्था हो जाएगी। हॉस्टल का निर्माण कार्य तो पहले ही शुरू हो गया था। हॉस्टल भवन में फिनिशिंग वर्क चल रहा है।

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इनका कहना है
एमबीएस अस्पताल परिसर में डीलक्स कॉटेज वार्ड व नया अस्पताल  को शीघ्र शुरू करने के प्रयास किए जा रहे है। अभी स्टाफ और उपकरण कुछ कार्य बाकी है उनको पूरा किया जा रहा है। इसमें छोटे छोटे कार्य बाकी उनको एक एक पूरा कराया जा रहा है। उसके बाद इसमें शिफ्टिंग की जाएगी।
-डॉ. संगीता सक्सेना, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज 

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