रोज 720 टीमें कर रही सर्वे, नहीं दिख रहा असर, पनप रहे मच्छर
मानसून पूर्व नहीं भरे गड्ढे, बारिश का पानी भरा
शहर के खाली प्लॉट, पार्क के फव्वारों व ब्लैक स्पोट में पनप रहे मच्छर
कोटा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने मानसून पूर्व मलेरिया डेंगू, स्क्रब टाइफस जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए जो कमर कसी थी उसकी पेटी अब खुल गई है। बारिश पूर्व विभाग ने खाली प्लॉट, गड्ढो की जो कवायद की थी वो पूरी नहीं होने से शहर में कई जगह बारिश का पानी जमा हो गया उसमें अब मच्छर पनप रहे जिससे लोग अब इसकी चपेट में आना शुरू हो गए है। विभाग की ओर से व्यापक प्रचार प्रसार और सर्वे के बावजूद भी लोग डेंगू की चपेट में आ रहे है। उल्लेखनीय है कि इस बार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने घरों में सर्वे करने के साथ ही गली मोहल्लों के गड्ढो जिनमें बारिश का पानी जमा हो सकता है उनको चिहिंत करने का काम शुरू किया है। लेकिन वो पूरी तरह मूर्तरूप नहीं ले सका। शहर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की 720 टीमें प्रतिदिन शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर मौसमी बीमारियों का तो सर्वे लेकिन उसका असर धरातल पर नजर नहीं आ रहा है।
शहर में मच्छरों की उत्पत्ति के 50 से अधिक ब्लैक स्पॉट
मानूसन जल्दी सक्रिय होने से विभाग को गड्ढे भरने का समय ही नहीं मिला जिससे शहर में करीब 50 से अधिक ऐस ब्लैक स्पॉट है जहां डेंगू मलेरिया के मच्छर पनप रहे है। एमबीएस अस्पताल के पीछे बने क्वॉटर पीछे पानी का तालाब बना हुआ है। वहीं शहर के विभिन्न कॉलोनियों में भी खाली प्लाट व गड्ढों में पानी जमा हो रहा है। शहर के विभिन्न पार्क में बने जलाशय और फव्वारों जमा पानी में मच्छर पनप रहे है। इस बार डेंगू, मलेरिया के मरीज बढ़ने की संभावनों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग कागजों में तो अलर्ट मोड पर चल रहा है। लेकिन वास्तव में शहर में तेजी से मच्छर पनप रहे है। प्रतिदिन 12 हजार से अधिक घरों का सर्वे कर एंटी लार्वा गतिविधियां की जा रही है। उसके बावजूद मच्छर का आंतक बढ़ रहा है। कोटा शहर में करीब 50 से अधिक ब्लैक स्पॉट चिहिंत किए जहां सबसे ज्यादा मच्छर पनपते है। कोटा में पिछले साल कोटा में डेंगू काफी फैला था जिसके कारण कई लोगों की जान पर बन आई थी। इस बार इसके फैलाव से पहले विभाग इसकी रोकथाम में जुटा है।
जगह जगह गड्ढों में पनप रहे लार्वा
शहर में जगह जगह बने गड्ढो खाली प्लाट में बारिश का पानी जमा होने से मच्छर तेजी से पनप रहे है। वहीं नालों व नदियों की सफाई बेहतर तरीके से नहीं हुई जिसके कारण मच्छरों के लार्वा इनमें पनप रहे है। चिकित्सा एवं स्वास्थ विभाग की टीमे घरों का तो सर्वे कर कूलर, परिडों में एंटी लार्वा गतिविधियां कर रही है लेकिन शहर में कई ऐसे स्थान है जहां जहां मच्छरों का अड्डा बना हुआ है। पिछले साल महावीर नगर, विज्ञान नगर, नया कोटा में डेंगू बेलगाम हो गया था। नगर निगम को नालों की सफाई कराकर यहां एंटी लार्वा गतिविधियां करानी चाहिए। नदी- नालों की सफाई के नाम कचरा निकालकर ढेर बना दिया जाता है। वहां से संबंधित कचरे को हटाया नहीं जाता। जिसकी वजह से मच्छरों के पनपने के अनुकूल परिस्थितियां तैयार हो गई।
-अजय पानेरी, विज्ञान नगर
इन इलाकों में सबसे ज्यादा आए डेंगू के मरीज
पिछले साल मच्छर जनित बीमारियों के सबसे ज्यादा मरीज जवाहर नगर, इंद्रा विहार, तलवंडी सेक्टर ए ,सी,एसएफएस सहित महावीर नगर सैकंड से आए। इसके अलावा अनंतपुरा,भीमगंजमंडी, नयागांव,रंगबाड़ी, महावीर नगर,केशवपुरा पुरोहित जी की टापरी, डीसीएम, विज्ञान नगर, दादाबाड़ी, बोरखेड़ा, नयापुरा, स्टेशन, काला तालाब, डकनिया, शॉपिंग सेंटर,छावनी, कुन्हाडी, नांता सहित करीब 50 से अधिक ब्लैक स्टॉप है यहां अधिक मच्छर के लार्वा पनप रहे है। इन इलाकों से पिछले साल ज्यादा लोग बीमार हुए थे।
-रामनारायण गुर्जर, निवासी नांता
मलेरिया और डेंगू के लक्षण
डॉ. संजय शायर ने बताया कि मलेरिया में सर्दी के साथ एक दिन छोड़कर बुखार आना है। उल्टी, सिरदर्द, बुखार उतरने के बाद पसीना निकलना, कमजोरी होना आदि मलेरिया के लक्षण है। वहीं, डेंगू में तेज बुखार, सिरदर्द, बदन व जोड़ों में दर्द, शरीर पर लाल दाने, चकत्ते पड़ जाना, खून की उल्टी, पेशाब और मल में खून आना, अत्याधिक घबराहट होना आदि डेंगू के लक्षण हैं।
पानी भराव स्थानों कोकर रहे चिंहित
शहर में रोज टीमें घरों में कूलर पानी टंकी में पनपने वाले लार्वा को नष्ट करा रही है। साथ प्रतिदिन 720 टीमें 12 हजार घरों के साथ ही मोहल्लों में बारिश के दौरान पानी जमा होने वाले खाली प्लाट, गड्ढों को चिंहित कर उन्हें भरवाया जा रहा है। जिससे डेंगू के लार्वा नहीं पनपे। इस लार्वा मिलने पर लोगों नोटिस भी दिए जा रहे है। -डॉ. नरेंद्र नागर, सीएमएचओं

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