निगम गौशाला से 6 माह में 96 पशुओं को छोड़ा
पशु छोड़ने पर पशु पालकों से वसूला 4.43 लाख जुर्माना
शहर में पिछले काफी समय से सड़कों पर बीच राह बड़ी संख्या में मवेशियों का जमघट देखा जा सकता है।
कोटा। शहर में सड़कों पर बैठे निराश्रित पशुओं के साथ ही ऐसे पालतू पशुओं को भी पकड़ा गया जो सड़क पर दुर्घटनाओं का कारण बन रहे थे। उन पकड़े गए पशुओं में से नगर निगम गौशाला से इस साल के 6 माह में कुल 96 पशुओं को छोडणा गया। जिनकी एवज में निगम ने 4 लाख 43 हजार से अधिक का जुर्माना वसूल किया। शहर में पिछले काफी समय से सड़कों पर बीच राह बड़ी संख्या में मवेशियों का जमघट देखा जा सकता है। कहीं झुंड में बैठे तो कहीं खड़े हुए और कहीं आपस में लड़ते सांड दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहे है। बरसात के सीजन में और रात के समय अंधेरा होने से तो ये पशु नजर भी नहीं आते। जिससे दुर्घटनाओं का खतरा अधिक बना हुआ है। हालांकि नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण द्वारा ऐसे निराश्रित व सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण बन रहे पशुओं को पकड़कर गौशाला में बंद करने का ठेका दिया हुआ है। संवेदकों के माध्यम से इन पशुओं को पकड़ा जा रहा है। हालांकि पकड़े गए अधिकतर पशु निराश्रित होने से उन्हें तो कोई छुड़वाने नहीं आता। लेकिन कई पालतू व दुधारू पशु भी पकड़ में आ जाते हैं। जिन्हें पशु पालक निगम के कायन हाउस व गौशाला से छुड़वा भी रहे हैं।
सबसे अधिक मार्च में वसूला जुर्माना
नगर निगम गौशाला अनुभाग द्वारा पकड़े गए गौवंश को पशु पालकों के आने पर प्रति पशु निर्धारित जुर्माना वसूल करने पर उन्हें छोडा भी गया है। नगर निगम गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने बताया कि गौशाला अनुभाग से इस साल जनवरी से जून तक कुल 96 पशुओं को छोड़ा गया है। जिनसे कुल 4 लाख 43 हजार 900 रुपए जुर्माना वसूल किया गया है। इसमें भी सबसे अधिक 1 लाख 73 हजार 600 रुपए जुर्माना वसूल किया गया। यह जुर्माना मार्च के महीने में वसूल किया गया। इस माह में 41 पशुओं को छोड़ा गया। उनसे जुर्माने के रूप में यह राशि वसूल की गई। इसी तरह जनवरी में 8 हजार, फरवरी में 59 हजार 200 रुपए,अप्रैल में 1 लाख 23 हजार 200 रुपए, मई में 5600 रुपए और जून में 13 पशुओं को छोड़ने की एवज में 74 हजार 300 रुपए का जुर्माना वसूल किया गया।
जिला कलक्टर को दी गलत जानकारी
गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने बताया कि गत दिनों जिला कलक्टर द्वारा नगर निगम व केडीए अधिकारियों की बैठक ले गई थी। उस दौरान उन्हें निगम अधिकारियों द्वारा पशुओं को छोड़ने की एवज में मात्र 30 हजार रुपए जुर्माना वसूल करना बताया गया है। हालांकि उस बैठक में जिला कलक्टर ने निगम अधिकारियों से सवाल भी किया कि जब इतने पशु पकड़े जा रहे हैं तो जुर्माना मात्र 30 हजार ही क्यों वसूला गया। इस पर अधिकािरयों ने बताया कि पशु पालक रास्ते में ही पकड़े हुए पशुओं को छुड़वाकर ले जाते हैं। इस बारे में जितेन्द्र सिंह का कहना है कि 4 लाख 43 हजार 900 रुपए जुर्माना वसृूल कर निगम के राजकोष में जमा कराया गया है। इस संबंध में शनिवार को जिला कलक्टर को भी वाट्सअप के माध्यम से अवगत कराया गया है।
निगम अधिकारी व कलक्टर करें गौशाला का निरीक्षण
अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने बताया कि बंधा धर्मपुरा स्घित गौशाला में क्षमता से अधिक गौवंश है। जिससे उन्हें यहां घूमने की पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है। साथ ही अधिकतर गौवंश के पॉलिथीन खाई होने से उनके बैठक लेने पर उनकी मौत हो रही है। सिंह ने कहा कि लोकसभ अध्यक्ष के प्रयासों से गौशाला विस्तार के लिए केडीए द्वारा नगर निगम कोटा दक्षिण को 4 हैक्टेयर भूमि का आवंटन 8 जनवरी को ही कर दिया था। लेकिन निगम अधिकारी अभी तक उसका कब्जा तक नहीं ले सके है। सिंह ने कहा कि निगम अधिकारियों के साथ ही जिला कलक्टर को भी एक बार गौशाला आकर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेना चाहिए।

Comment List