टूटी सीलिंग बजा रही खतरे की घण्टी
नगर निगम कोटा उत्तर की तीसरी मंजिल की फॉल सीलिंग नहीं हुई ठीक
बरसात के समय छत से पानी टपकता रहता है। जिससे अधिक बरसात होने पर पूरी फाल सीलिंग के नीचे बालटिया रखनी पड़ती है।
कोटा। नगर निगम के राजीव गांधी प्रशासनिक भवन की तीसरी मंजिल पर काम करने वाले कर्मचारियों व वहां आने वाले आमजन के सिर पर खतरा मंडरा रहा है। करीब एक साल पहले बरसात के समय गिरी फाल सीलिंग को अभी तक भी ठीक नहीं कराए जाने से कर्मचारी तो खतरे के साय में काम करने को मजबूर हैं ही। वहां आने वाले लोगों के लिए भी यह खतरा है। प्रशासनिक भवन की तीसरी मंजिल पर नगर निगम कोटा उत्तर के कार्यालय वालीे तरफ की फाल सीलिंग पिछले साल बरसात के समय गिर गई थी। तीसरी मंजिल के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक में से अधिकतर फाल सीलिंग टूटी हुई है। कई जगह पर तो फाल सीलिंग का हिस्सा नीचे तक लटका हुआ है। तीसरी मंजिल की छत दोनों मंजिलों की छत की अपेक्षा काफी नीची है। जिससे किसी भी व्यक्ति का हाथ छत की फाल सीलिंग तक आसानी से पहुंच सकता है। उस फाल सीलिंग की हालत यह है कि वह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। उसका अधिकतर हिस्सा गिर चुका है। जिससे फाल सीलिंग के बीच से ऊपर की छत का हिस्सा साफ नजर आ रहा है। तीसरी मंजिल की फाल सीलिंग का एक हिस्सा पहले गिर चुका था। जबकि दूसरी तरफ का हिस्सा पिछले साल बरसात में गिरा था। उस समय वहां काम करने वाले कर्मचारी बाल-बाल बच गए थे। आयुक्त क़क्ष के ठीक ऊपर की तरफ सीढ़ियों के पास से लेकर बीच के हिस्से तक यही हालत है। बुधवार को भी यहां कई कर्मचारी बार-बार फाल सीलिंग के नीचे से निकल रहे थे।
न्यास कार्यालय रहा सतर्क
हालांकि नगर विकास न्यास के पुराने भवन में भी नीचे के हिस्से की फाल सीलिंग बरसात में गिरी थी। कुछ हिस्सा पहले से ही क्षतिग्रस्त था। लेकिन न्यास अधिकारियों ने इसे गम्भीरता से लेते हुए उसे कुछ समय पहले ही सही करवा दिया है। न्यास अधिकारियों ने कार्यालय की पूरी फाल सीििलंग ही नई लगवा दी है। जिससे इस बरसात में वहां कोई खतरा नहीं है।
हर व्यक्ति का ध्यान टूटी सीलिंग पर
कई लोग कर्मचारियों के इंतजार में बैंच पर बैठे हुए थे। वहां आने वाले हर व्यक्ति का ध्यान उस टूटी फाल सीलिंग पर जा रहा था। कर्मचारियों ने बताया कि तीसरी मंजिल पर अधिकतर महतवपूर्ण अनुभागों का काम हो रहा है। जहां निगम कर्मचारियों के साथ ही आमजन का भी आवागमन अधिक रहता है। इसमें इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड व प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लोन लेने से संबंधित काम के लिए लोगों को तीसरी मंजिल पर ही जाना पड़ रहा है। अधिशाषी अभियंता से लेकर सहायक अभियंता तक के कई कक्ष भी तीसरी मंजिल पर है। ऐसे में वहां अधिकारियों से अधिक कर्मचारियों व आमजन को जाना पड़ रहा है। पिछले साल गिरी फाल सीलिंग को एक साल होने को है। हालत यह है कि निगम अधिकारियों ने अभी तक भी उस क्षतिग्रस्त फाल सीलिंग को सही करवाने की सुध तक नहीं ली है। जबकि पिछले साल तत्कालीन आयुक्त ने कहा था कि बरसात के बाद इसे सही करवा दिया जाएगा। कुछ समय बाद उनका स्थानांतरण हो गया। उसके बाद से किसी भी अधिकारी को इसे सही करवाने का समय ही नहीं है।
कभी भी हो सकता है हादसा
निगम कार्यालय में लोन संबंंधी काम के लिए आई सावित्री देवी ने बताया कि निगम में लोन के लिए तीसरी मंजिल पर आना पड़ता है। यहां छत की हालत काफी खराब है। ऐसे में बरसात में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। विज्ञान नगर निवासी महेश कुमार ने बताया कि वह निगम में काम से आए थे। उन्हें जेरोक्स करवानी थी। जिसके लिए उन्हें तीसरी मंजिल पर भेजा गया। यहां आकर देखा तो छत की हालत पूरी खराब हो रही है। यह बरसात में अधिक खतरनाक है। अधिकारी तो नीचे बैठते हैं। जहां एसी लगे हुए हैं। जबकि आमजन की जगह पर अधिकारियों का ध्यान ही नहीं है। वहीं निगम कर्मचारियों का कहना है कि पिछले साल बरसात में जब फाल सीलिंग गिरी थी उस समय वहां कई कर्मचारी काम कर रहे थे। गनीमत रही थी कि किसी को चोट नहीं लगी। तीसरी मंजिल पर आमजन भी कई आते हैं। एक साल हो गया। दूसरी बरसात आने को है लेकिन अभी तक भी फाल सीलिंग को सही नहीं कराया गया। ऐसे में बरसात आने पर उनकी जान सांसत में रहती है। यदि अभी भी इसे ठीक नहीं कराया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। कर्मचारियों का कहना है कि बरसात के समय छत से पानी भी टपकता रहता है। जिससे अधिक बरसात होने पर पूरी फाल सीलिंग के नीचे बालटिया रखनी पड़ती है। वरना पानी भरने से लोगों के फिसलकर गिरने का भी खतरा बना रहता है। इधर निगम भवन की देखभाल करने वाले निगम अधिकारियों का कहना है कि तीसरी मंजिल की छत जहां से पानी टपकता है वहां सही करवा दिया है। फाल सीलिंग अधिक खराब हो गई है। वह पूरी हटकर ही नई लगेगी। उसमें समय लगेगा।
Comment List