शहर में सांडों का उत्पात, लड़ते हुए बाइक सवार पर चढ़े

हादसे में दो बाइक सवार हुए चोटिल

शहर में सांडों का उत्पात, लड़ते हुए बाइक सवार पर चढ़े

पूर्व में भी सांड कई लोगों को घायल कर चुके हैं।

कोटा। शहर की सड़कों पर लावारिस मवेशियों का जमघट तो लगा हुआ ही है। साथ ही सांडों का आतंक व उत्पात भी इतना अधिक है कि वे आए दिन लोगों को घायल कर रहे है। गुरुवार को भी सांड  लड़ते हुए आए और बाइक सवार पर चढ़ गए। जिससे वे घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि  गुरुवार  सुबह केशवपुरा में पंचमुखी हनुमान मंदिर  पर महिलाएं पूजन कर रही थी। उसी दौरान वहां 3 से 4 सांड आपस में लड़ते हुए आए। जैसे ही वहां से बाइक सवार गुजरा तो सांड ने उनके टक्कर मारी  जिससे वह नीचे गिर गया। उसके पीछे आ रहा दूसरा  बाइक सवार भी उससे टकराकर नीचे गिर गया। इसके बाद वे सांड उन बाइक सवार के ऊपर से होकर निकल  गए। जिससे वे बुरी तरह से चोटिल हो गए।  यह देख वहां मौजूद लोग दौड़े और सांडों को वहां से भगाया। साथ ही दोनों ने बाइक सवारों को उठाकर प्राथमिक उपचार के लिए भेजा। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र में कई सांड हैं जो आए दिन उत्पात मचाते रहते हैं। यह पहला मामला नहीं है। इस तरह से पूर्व में भी सांड कई लोगों को घायल कर चुके हैं।  

पूनम कॉलोनी में भी किया था घायल
शहर में सांडों का आतंक किसी एक एरिया में ही नहीं है। ये शहर में सभी क्षेत्रों में दिनभर घूमते हुए देखे जा सकते है। मेन रोड पर ही आपस में लड़ते  और दौड़ते रहते हैं। जिससे अचानक सामने से आ रहे बाइक सवार इनसे टकराकर घायल हो रहे हैं। गत दिनों रेलवे कॉलोनी इलाके की पूनम कॉलोनी में भी दो सांड ने एक बुजुर्ग महिला को उठाकर पटक दिया था। जिससे वे चोटिल हो गई थी। 

नियमित पकड़ रहे, गौशाला में 15 सौ सांड
नगर निगम गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने बताया कि शहर में सांडों की संख्या काफी अधिक है। निगम की ओर से इन्हें पकड़ा जा रहा है। जहां से शिकायत आती है वहां प्राथमिकता से टीम व एम्बूलेंस भेजकर पकड़ा जा रहा है। गौशाला में वर्तमान में करीब 3 हजार गौवंश हैं। जिनमें से आधे करीब 15 सौ तो सांड व बैल ही हैं। 

निगम की जिम्मेदारी पकड़े गाय व सांड
संतोषी नगर निवासी अरुणा शर्मा ने बताया कि घर से बाहर निकलते ही गायों व सांड का झुंड नजर आया है। जिस तरह से शहर में आए दिन गाय व सांड द्वारा लोगों पर हमले कर घायल करने की सूचनाएं मिल रही हैं उससे तो इन्हें देखकर ही डर लगने लगता है न जाने कब हमला कर दे। निगम की जिम्मेदारी हैं कि वे इन्हें पकड़े। 

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सब्जीमंडी में जाना हुआ मुश्किल:
केशवपुरा सेक्टर 7 निवासी कमलेश वर्मा का कहना है कि गली मौहल्लों में भी इतनी अधिक गाय व सांड हैं कि  वे बच्चों और महिलाओं को निशाना बना रहे है। सब्जीमंडी में तो गाय कम और सांड अषिक होने से वहां जाने में डर लगने लगा है। ये खाने की चीज देखकर महिलाओं के हाथ से थैली छीन लेते हैं। नहीं देने पर हमला कर कर रहे है। निगम अधिकारियों को चाहिए कि वे नियमित रूप से इन्हें पकड़े तभी तो शहर कैटल फ्री बनेगा। अभी तो सिर्फ नाम का कैटल फ्री है। 

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शहर में कचरा पॉइंट व मेन रोड पर जहां खाने-पीने की सामग्री अधिक रहती है। गाय व सांड का वहां जमावड़ा लगा रहता है। निगम की ओर से समय-समय पर घेरे डालकर गाय और सांड दोनों को पकड़ा जा रहा है। निगम की गौशाला में जगह कम होने के बाद भी लगातार पकड़ रहे हैं। यदि लोग सड़क पर खाद्य पदार्थ डालना बंद कर दें तो गाय व सांड नजर नहीं आएंगे। घास डालकर धर्म करना है तो गौशालाओं या मंदिरों में बनी गौशालाओं में कर सकते हैं। 
- राजीव अग्रवाल, महापौर नगर निगम कोटा दक्षिण 

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