दुर्दशा की भेंट चढ़ा बच्चों का मनोरंजन
चम्बल गार्डन में कई दिन से बंद हैं झूले
गार्डन में लगे झूलों में से अधिकतर तो टूटे हुए हैं।
कोटा। चम्बल गार्डन में लोग परिवार समेत घूमने तो जा रहे हैं लेकिन बच्चे झूलों का आनंद नहीं ले पा रहे हैं। गार्डन में लगे कई झूले तो टूटे हुए हैं जबकि कई झूले बंद पड़े हुह हैं। नगर निगम की ओर से संचालित चम्बल गार्डन शहर का सबसे प्रसिद्ध गार्डन है। यहां बरसों से लोग घूमने आते हैं। नदी किनारे होने से यह शहर वासियों की ही नहीं बाहर से आने वालों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र है। लेकिन पिछले काफी समय से निगम अधिकारियों की अनदेखी के चलते गार्डन की दुर्दशा हो रही है। गार्डन घूमने गए लोगों का कहना है कि परिवार समेत घूमने जाने पर बच्चे वहां झूला झूलने की जिद करते हैं। गार्डन में लगे झूलों में से अधिकतर तो टूटे हुए हैं। जिन पर बच्चों को झूलने से चोट लगने का खतरा बना हुआ है। वहीं जो झूले सही हैं वे बंद पड़े हुए हैं। लोगों का कहना है कि गार्डन में पहले नगर निगम की ओर से निजी फर्म को झृलों का टेंडर दिया था। जिसमें निर्धारित टिकट लेकर बच्चे झूलों का आनंद ले रहे थे। लेकिन पिछले काफी समय से ये झूले बंद हैं। जिससे गार्डन में आने वाले बच्चे उन झूलों का आनंद नहीं ले पा रहे हैं। विज्ञान नगर निवासी अमजद खान ने बताया कि वे अपने बच्चों को घुमाने चम्बल गार्डन लेकर गए थे। लेकिन वहां कई झूले तो टूटे हुए मिले। जबकि कई झूले बंद थे। जिससे बच्चों को बिना झूलों का आनंद लिए ही लौटना पड़ा।
ट्रेन के घूम रहे चक्के
लोगों ने बताया कि चम्बल गार्डन में बच्चों के मनोरंजन के लिए एक मात्र टॉय ट्रेन है। यह अभी चल रही है। लेकिन यहां भी 40 रुपए बड़ों का और 20 रुपए बच्चों का टिकट दने के बाद भी जरा सा ही चक्कर घुमाया। जिसमें बच्चों को ही मजा नहीं आया। लोगों का कहना है कि नयापुरा स्थित सीबी गार्डन में भी कई झूले टूटे हुए हैं। लेकिन नाना देवी से सीबी गार्डन तक चलने वाली जॉय ट्रेन में घूमने का आनंद आता है। यह ट्रेन दो गार्डन का चक्कर काटती है।
इनका कहना है
चम्बल गार्डन में झूलों का टेंडर दस साल के लिए जुलाई 2014 में किया गया था। प्रकाश ए’यूमेंट फर्म इसका सचालन कर रही है। वैसे तो यह जुलाई 2024 तक है। लेकिन इसके संचालन तिथि को लेकर कुछ असमंजस बना हुआ है। उसकी जांच की जा रही है। जांच होने तक झूलो को फिलहाल बंद किया हुआ है। मामले का शीघ्र ही निस्तारण कर झूलों को या तो शुरू कर दिया जाएगा। या फिर दोबारा से टेंडर कर झूले चालू किए जाएंगे।
- ए.क्यू कुरैशी, अधिशाषी अभियंता नगर निगम कोटा दक्षिण
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