सड़क किनारे कच्चे घरों में जीवन-यापन की मजबूरी

इन तक नहीं पहुंचीं केंद्र व राज्य सरकार की योजनाएं

सड़क किनारे कच्चे घरों में जीवन-यापन की मजबूरी

40 साल से पेयजल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं गाड़िया लोहार परिवार।

रावतभाटा। शहर के बीचों-बीच मुख्य बाजार में बसा गाड़िया लोहार समाज सरकारों की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण पिछले 40 सालों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। जानकारी के अनुसार गत 40 सालों से मुख्य बाजार में निवास कर रहे करीब 25 परिवारों के बाशिंदे शौचालय और पानी जैसी जरूरत से महरूम हैं। प्रधानमंत्री मोदी की दस साल की केंद्र सरकार गरीब तबके के लिए कई योजनाएं लाई। जिनमें घर और शौचालय प्रमुखता से गरीब तबके को दिए गए। गाडिया लोहार परिवार केंद्र की इस सुविधा से भी वंचित हैं। यह लोग सड़क किनारे ही अपने कच्चे मकानों में रहते हैं। ना तो बिजली कनेक्शन हैं, ना ही पानी की आपूर्ति की कोई व्यवस्था। 

कई बार उठा चुके हैं मांग
ये परिवार अपनी समस्याओं के समाधान की वर्तमान और पूर्व सरकारों से कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन सुनवाई आज तक नहीं हुई। ना तो इनको जमीन आवंटित कर निशुल्क पट्टे दिए गए हैं, ना ही मूलभूत सुविधाएं। 

दुकानदारों से होती रहती है बहस
इनके कारण मुख्य बाजार का रास्ता भी संकरा हो गया है। कई बार दुकानदारों से भी इनकी बहसबाजी हो जाती है। लेकिन प्रशासन फिर भी इन गरीब गाड़िया लोहार परिवारों की मदद को आगे नहीं आता। ना ही इन्हें कहीं जमीन आवंटित कर बसाया गया। 

मेरे पिताजी और अन्य लोग करीब 40 साल पहले यहां आ कर बसे थे। तब रावतभाटा छोटा सा क्षेत्र था। तब से लेकर आज तक हम लोगों के लिए किसी भी सरकार ने नहीं सोचा। आज भी हमारी स्थिति दयनीय है। हमें ना बिजली की सुविधा मिली है और ना पानी की। 
- जगदीश लोहार, गाडिया लोहार 

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दयनीय स्थिति में जिन्दगी जीने को मजबूर 
हम एक छोटी सी कच्ची झोंपड़ी में करीब 12 से 13 लोग रहते हैं। सरकार ने आज तक हमारी सुध नहीं ली। हम आज भी दयनीय स्थिति में जिन्दगी जीने को मजबूर हैं।
- भंवर लोहार, गाड़िया लोहार 

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गाड़िया लोहार समाज के कच्चे मकान मेरी दुकान के सामने हैं। जिससे मुझे आने-जाने में काफी दिक्कत होती है। सरकार इनको कहीं निशुल्क जमीन दे। जिससे यह लोग भी अपना जीवन बसर कर पाएं। 
- दीपक, दुकानदार 

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इनको जमीन देकर सही जगह पर बसाया जाए
हमारे अस्पताल के सामने इन लोगों का बसेरा है। करीब 40 साल से ये लोग यहीं निवास कर रहे हैं। अब सरकार को भी सोचना चाहिए कि इन गरीब लोगों को कहीं जमीन आवंटित कर बसाया जाए। ताकि यह समाज भी मुख्य धारा में आ सके।
- पंकज परमार, दवा विक्रेता

पहले गाड़िया लोहार के परिवार छोटे थे। अब इनकी जनसंख्या काफी बढ़ गई है। ऐसे में इनके लिए यह स्थान छोटा पड़ता है। जिससे मुख्य सड़क बाधित हो जाती है। सरकार को चाहिए कि इनको सही जगह पर बसाए। 
- डॉ. भवानी शंकर परमार 

इनका कहना है
हमारी सरकार के समय गाड़िया लोहार परिवारों के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन बाद में क्या हुआ इसकी मुझे जानकारी नहीं।
- दीपिका तिल्लानी, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष, रावतभाटा

गाड़िया लोहार परिवारों की तरफ से जमीन आवंटन की मांग की गई थी। प्रशासन द्वारा मौका मुआयना कर जमीन आवंटित की जाएगी।
- मधु कंवर हाड़ा, पालिकाध्यक्ष, रावतभाटा 

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