खोखला हुआ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, सड़कों की दरारों में भरा पानी, बह गई मिट्टी
ऐट-लेन की गुणवत्ता को लेकर एनएचएआई पर उठे सवाल
ल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर लबान से मंडावरा के बीच ऐठलेन पहला मानसून भी नहीं झेल पाया
कोटा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर लबान से मंडावरा के बीच ऐठलेन पहला मानसून भी नहीं झेल पाया। जगह-जगह से सड़कें खोखली हो गई। जबकि, सड़क का निर्माण हजारों करोड़ की लागत से हुआ है। लेकिन, मानसून की पहली बारिश में ही एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता बिखर गई। बदहाल सड़कों की तस्वीरें भ्रष्टाचार की ओर ईशारा कर रही है। वहीं, पीपल्दा विधायक चेतन पटेल ने एनएचएआई की भूमिका पर सवाल उठाते हुए एक्सप्रेस-वे को भ्रष्टाचार की खुली किताब बताया। वहीं, पैकेज-12 की लबान से मंडावरा तक 28 किमी की सड़क पर जानलेवा गड्ढ़े हो गए। जबकि, इस सड़क का निर्माण 1071.27 करोड़ की लागत से हुआ है।
4 किमी में जानलेवा गड्ढ़े
पैकेज-12 पर ऐट लेन का निर्माण संवेदक फर्म जीआर इंफ्रा लिमिटेड ने किया है। इस 28 किमी की सड़क पर चंबल पुलिया से मंडावरा के बीच 3 से 4 किमी के दायरे में जगह-जगह जानलेवा गड्ढ़े हो गए। वहीं, 2 से 3 इंच गहरी दरारें पड़ गई।
ढह गई शू-लेन, बह गई मिट्टी, ड्रेनेज फेल
बारिश के पानी की निकासी के लिए एक्सपे्रस-वे पर बनाई गई शू-लेन भी ढह गई। रोड के नीचे की मिट्टी पानी के साथ बह गई। जिससे शू-लेन खोखली हो गई। जबकि, ऐठलेन से ट्रक, ट्रोला, ट्रेलर सहित भारी वाहनों का आवागमन रहता है। ऐसे में खोखली सड़कों से बड़ा हादसा घटित होने की आशंका बनी रहती है।
एक्सप्रेस-वे की थर्ड व फोर्थ लेन धंसी
लबान से मंडावरा की ओर चैनेज नंबर 349.400 पर ऐटलेन की तीसरी और चौथी लेन जगह-जगह से धंस गई। डामर सड़कों के टुकड़े हो गए और सुरक्षा दीवार की रेलिंग टूट गई। हालात यह हैं, एक्सप्रेस-वे शुरू होने के 8 माह में ही सड़क गुणवत्ता की धज्जियां उड़ गई। जबकि, ऐटलेन का निर्माण एनएचएआई की निगरानी में हुआ है। ऐसे में एनएचएआई अधिकारियों की भूमिका सवालों के कठघरे में आ गई।
एनएचएआई ने बिना सीओडी के शुरू करवा दिया टोल
सीमलिया के बगरू से गोपालपुरा मंडाना तक 31 किमी की सड़क पैकेज-14 कहलाती है। इसका निर्माण जीएचवी कम्पनी ने 887.53 करोड़ की लागत से किया है। जिसे एनएचएआई ने बिना सीओडी (कॉर्मशियल ऑपरेशन डेट) किए टोल चालू करवा दिया है।
हर माह 22 लाख का टोल
एक्सप्रेस वे से हर महीने एनएचएआई 22 लाख रुपए की टोल वसूली करती है। इसके बावजूद एक्सप्रेस-वे बदहाल हो रहा है। प्रतिदिन 3 हजार से अधिक वाहन ऐटलेन से गुजरते हैं। ऐसे में दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
हालांकि, अभी गोपालपुरा से लबान तक हाइवे बंद है।
दावा-120 किमी स्पीड का, हकीकत-70 पर ही डगमगा रहे वाहन
एनएचएआई द्वारा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 120 किमी की स्पीड से वाहन चलाने का दावा करती है लेकिन हकीकत में 70 की स्पीड में ही कार डगमगा जाती है। कई जगहों पर एप्रोच सड़क धंस गई है। वाहनों का अलाइनमेंट बिगड़ रहा है। ऐसे में यहां से गुजरने पर गाड़ी जम्प करती है। इससे कार सवारों को तेज झटका लगता है और वाहन अनियंत्रित होने से दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
- शशिकांत शर्मा, अशोक गुप्ता, महावीर नगर विस्तार
यह कहते हैं वाहन चालक
एक्सप्रेस-वे शुरू हुए अभी 8 महीने ही हुए हैं। मानसून की पहली बारिश में ही सड़कें उधड़ गई। एनएचएआई ने सड़क गुणवत्ता में गंभीर लापरवाही बरतते हुए वाहन चालकों की जान से खिलवाड़ किया है। एक्सप्रेस-वे निर्माण की जांच की जानी चाहिए।
- पुलकित वैष्णव, सद्दाम हुसैन, बोरखेड़ा
सवालों से बचते रहे अधिकारी
खबर को लेकर नवज्योति ने एनएचएआई के कोटा प्रोजेक्ट डायरेक्टर से रीजनल आॅफिसर जयपुर तक से फोन पर पक्ष जानना चाहा लेकिन, सवाल सुनने के बाद मिटिंग में होने का हवाला देकर एक घंटे बाद बात करने को कहा लेकिन बाद में न फोन अटैंड किया और न ही मैसेज का जवाब दिया।
मैं अभी मिटिंग में हूं, एक घंटे बाद बात करुंगा।
- प्रदीप अत्री, रीजनल ऑफिसर
मैं जयपुर मिटिंग में आया हूं। बाद में बात करुंगा।
- संदीप अग्रवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई, कोटा
इधर, सवाल सुना और फोन काटा
मामले को लेकर नवज्योति ने पैकेज-12 के प्रोजेक्ट मैनेजर फूलचंद कुमार को फोन कर पक्ष जानना चाहा लेकिन उन्होंने सवाल सुनने के बाद आवाज नहीं आने का हवाला देकर फोन कट कर दिया। इसके बाद उन्हें मैसेज किया लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
एक्सप्रेस-वे का निर्माण, भ्रष्टाचार की खुली किताब
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाइवे पर 120 किमी की रफ्तार से वाहन चलाने के दावे किए हैं लेकिन एक्सप्रेस-वे की वर्तमान स्थिति को देखते हुए 80 की स्पीड पर भी वाहन नहीं चला सकते। 8 माह में ही मानसून की पहली बारिश में ही ऐटलेन उखड़ गया। यह भ्रष्टाचार की खुली किताब है। यहां से वाहनों का गुजरना मौत को आमंत्रण देना जैसा है। इसके निर्माण कार्य की जांच करवाई जाए तो करोड़ों का भ्रष्टाचार सामने आएगा। मामले को विधानसभा में उठाएंगे।
- चेतन पटेल, विधायक, पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र

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