बारिश में दशहरा मैदान बना जंगल, कच्ची जमीन पर उगी बड़ी-बड़ी घास
मैदान के चारों तरफ अतिक्रमण बन रहा ग्रहण
मेला शुरु होने में करीब सवा महीने का समय शेष है।
कोटा। नगर निगम कोटा दक्षिण व उत्तर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाला 132 वां राष्ट्रीय दशहरा मेला अगले महीने 22 सितम्बर से शुरु होने वाला है। लेकिन उससे पहले बारिश के कारण दशहरा मैदान की कच्ची जमीन पर उगी बड़ी-बड़ी घास यह जंगल सा लगने लगा है। वहीं मैदान के चारों तरफ अतिक्रमण मैदान पर ग्रहण की तरह दिख रहा है। मेला शुरु होने में करीब सवा महीने का समय शेष है। ऐसे में जहां मेले से संबंधित कामों और कलाकारों के टेंडर की प्रक्रिया ही चल रही है। वहीं दूसरी तरफ दशहरा मैदान के फेज एक में कच्ची भूमि पर बड़ी-बड़ी घास उगी हुई है। किशोरपुरा थाने के सामने की तरफ से लेकर रंगमंच के दोनों तरफ, उसके सामने व पीछे चार दीवारी की तरफ जहां देखो वहां बड़ी-बड़ी घास ऐसी लग रही है जैसे यह दशहार मैदान नहीं जंगल का हिस्सा हो। इस कच्ची जगह पर जहां फूडकोर्ट व अन्य फेरी व फुटकर सामान बेचने वालों के ठेले व जमीन पर सामान बेचने वाले बैठते हैं उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
खाना बदोश का अतिक्रमण
दशहरा मैदान फेज एक के चारों तरफ अम्बेडकर भवन के सामने से लेकर किशोरपुरा थाने के सामने, दाजी देहड़ा पुुलिया से लेकर आशापुरा माताजी मंदिर के आस-पास तक चार दीवारी के चारों तरफ अतिक्रमण हो रहा है। खास तौर पर खाना बदोश लोगों ने स्थायी डेरा डाला हुआ है। यहां टापरियां बनाकर परिवार समेत रह रहे हैं। जिससे मैदान की सुंदरता पर ग्रहण लग रहा है।
घास कटाई शुरु, अतिक्रमण भी हटाएंगे
नगर निगम मेला उत्सव व अन्य आयोजन समिति के अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि उन्होंने दशहरा मैदान का दौरा किया था। उस समय घास बढ़ी हुई थी। उसके बाद निगम अधिकारियों को कहकर उसे कटवाने के लिए कहा था। घास कटाई का काम तो शुरु कर दिया है। उन्होंने बताया कि अभी बरसात का सीजन शेष है। ऐसे में मेला शुरु होने तक फिर से यह घास बढ़ सकती है। इस कारण से इसे देर से काटना शुरु किया है। राजवंशी ने बताया कि अभी मेला शुरु होने में वैसे तो समय है। उससे पहले मैदान के चारों तरफ व आस-पास का अतिक्रमण हटा दिया जाएगा। अतिक्रमण हटाने के संबंध में पूर्व में आयुक्त को पत्र भी लिखा गया है। हालांकि अभी गणेश चतुथी का त्योहार आने वाला है। ऐसे में यहां मूतित्त्यां बेचने वाले भी दुकानें लगाते हैं। इस त्योहार के बाद ही अतिक्रमण हटाने का काम होगा।

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