असर खबर का - अब राशन से नहीं होंगे वंचित, बुजुर्गों को मिली राहत
वर्ष से अधिक उम्र के लाभार्थियों को ई-केवाईसी में दी छूट
बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया बुजुर्गों के लिए चुनौती बनी रही थी।
कोटा। राशन कार्ड से जुड़ी ई-केवाईसी प्रक्रिया की तकनीकी पेचीदगियों के कारण महीनों से परेशान बुजुर्गों को आखिरकार सरकार ने बड़ी राहत दी है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाले राशन के लिए अब 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को ई-केवाईसी से छूट दी गई है। यह फैसला कोटा जिले जैसे क्षेत्रों के लिए बेहद अहम साबित हो रहा है, जहां अधिकांश घर में कोई न कोई सदस्य इस श्रेणी में आता है। जिले में अधिकांश बुजुर्ग लाभार्थी अब इस फैसले से सीधे लाभान्वित होंगे। पिछले कुछ महीनों में ई-केवाईसी के तहत बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया बुजुर्गों के लिए बड़ी चुनौती बनी रही थी। अंगूठे के निशान स्कैन न हो पाना, आंखें झपकने से फेस स्कैन असफल होना आम बात हो गई थी। कई बुजुर्ग घंटों लाइन में लगने के बावजूद सिस्टम से 'अयोग्य' घोषित किए जा रहे थे। जिले में काफी संख्या में बुजुर्गों की ई-केवाईसी अब तक नहीं हो पाई थी।
शिकायतें बढ़ी तो जारी किया आदेश
जानकारी के अनुसार बुजुर्गों और बच्चों को राशन से वंचित होते देख पूरे प्रदेश भर से शिकायतें राज्य सरकार तक पहुंच रही थी। राशन डीलरों, पंचायत प्रतिनिधियों और आमजन से मिले फीडबैक के आधार पर रसद विभाग ने इस बदलाव की सिफारिश की, जिसे अब औपचारिक मंजूरी मिल गई है। इसमें 5 साल से कम आयुवर्ग के बच्चों को भी ई-केवाईसी से छूट मिली है, लेकिन जैसे ही वे 5 वर्ष पूरे करेंगे, ई-केवाईसी अनिवार्य हो जाएगी। इस श्रेणी में आने वाले परिवारों को समय पर जानकारी अपडेट करनी होगी। 5 व 10 साल के बच्चों और 70 साल से कम उम्र के वयस्कों की ई-केवाईसी अनिवार्य रूप से जारी रहेगी। कई जगह नेटवर्क की समस्या, मशीन खराबी या सर्वर डाउन जैसी तकनीकी बाधाएं आ रही हैं। कोटा जिला में आबादी का बड़ा हिस्सा ग्रामीण है और बुजुर्गों पर ही परिवार की जिम्मेदारी होती है, वहां यह निर्णय राहत बनकर आया है।
नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मामला
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पात्र लाभार्थी को मुफ्त राशन वितरण करने के लिए सरकार ने बायोमैट्रिक सिस्टम लागू किया था, लेकिन बुजुर्गो के हाथों के निशान और आंखों की आयरिस नहीं आने से कई लाभार्थियों को गेहूं नहीं मिल पा रहा है। इस सम्बंध में दैनिक नवज्योति में 21 जुलाई को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बताया था कि बढ़ती उम्र के साथ कई बुजुर्गो के हाथों की अंगुलियों के निशान घिस चुके हैं। ऐसे में पोस मशीन में फिंगरप्रिंट नहीं आ पा रहे हैं। इसके अलावा मोतियाबिंद का आपॅरेशन होने से आयरिश भी खराब हो चुकी है। इससे यह विकल्प भी कई बुजुर्गो के लिए बाधा बन रहा है। इसके चलते शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के कई लाभार्थी सरकारी विभागों के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं।
इनका कहना है
अधिक उम्र होने से बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हो पाता है। अंगुलियों में झुर्रियां ज्यादा होने से वे मशीन में स्कैन नहीं हो पाती है। ऐसे में कई बार गेहूं से वंचित रहना पड़ता है। अब सरकार द्वारा बुजुर्गो को ई-केवाईसी में छूट प्रदान करने से राहत मिलेगी।
- जानकी देवी, बुजुर्ग लाभार्थी
खाद्य सुरक्षा योजना में पारदर्शिता जरूरी है, लेकिन तकनीकी बाधाओं के चलते जिन्हें बार-बार सिस्टम बाहर कर रहा था, उनके लिए छूट दी गई है। अब 70 वर्ष से अधिक और 5 वर्ष से कम उम्र के लाभार्थियों को ई-केवाईसी नहीं करवानी होगी। बाकी लोगों के लिए यह अनिवार्य है।
- ब्रह्मानंद, उपायुक्त, खाद्य विभाग

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