जंगल में गवर्नमेंट गर्ल्स पॉलिटेक्निक कॉलेज, खतरे में छात्राओं की जान

खुले पड़े विद्युत पैनल, फर्नीचर के कबाड़ से आगजनी का खतरा

जंगल में गवर्नमेंट गर्ल्स पॉलिटेक्निक कॉलेज, खतरे में छात्राओं की जान

कक्षाओं की गैलरी की छतों के उखड़े प्लास्टर, सरिए निकले बाहर ।

कोटा। कोटा जिले का एकमात्र गवर्नमेंट गर्ल्स पॉलिटेक्निक कॉलेज घने जंगल से घिरा हुआ है। यह जंगल प्राकृतिक नहीं बल्कि कॉलेज प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। इसमें सांप, बिच्छू, गोयरा सहित जहरीले जीव-जंतुओं की मौजूदगी बनी रहती है। वहीं, बालिकाओं के टॉयलेट भी क्षतिग्रस्त  हैं। खिड़कियां टूट गई, दीवारों में सीलन तो छतों का प्लास्टर उखड़ रहा है। वहीं, कॉलेज में मुख्य विद्युत पैनल खुले पड़े हैं। जिनके पास फर्नीचर का कबाड़ लगा हुआ है। ऐसे में स्पार्किंग होने से आगजनी का खतरा बना रहता है। हालात यह है, कॉलेज कैम्पस में जगह-जगह पानी भरा हुआ है। जिनमें खरतनाक बीमारियों के मच्छर पनप रहे हैं। महाविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्राओं की सुरक्षा में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। 

दीवारों पर उगा पीपल का पेड़, जड़ों से आई दरारें
छात्राओं के टॉयलेट की बाहरी दीवार पर पीपल के पेड़ उग गए हैं। जिनकी जड़ों से कॉलेज की पत्थरों की दीवार फट गई। जगह-जगह गहरी दरारें आ रही हैं। जिसे कॉलेज प्रशासन द्वारा अनदेखा किया जा रहा है। ऐसे में दीवार ढहने का खतरा बना रहता है। 

गैलरी की छतों का गिरा प्लास्टर, निकले सरिए
फर्स्ट फ्लोर पर गैलरी की छतों का प्लास्टर जगह-जगह से गिर गया। सरिए बाहर निकल रहे हैं। जबकि, इस गैलरी में कॉमर्शियल आर्ट ब्रांच की कक्षाएं संचालित होती है। इस गैलरी में छात्राओं की मौजूदगी रहती है। ऐसे में बालिकाओं पर प्लास्टर गिरने का खतरा बना रहता है। वहीं, पानी पीने के लिए बना स्थान भी दुर्दशा का शिकार है। 

बालिकाओं के टॉयलेट बदहाल
कॉलेज में ग्राउंड व फर्स्ट फ्लोर पर बालिकाओं के लिए बने सुविधा घर बदहाल हो रहे हैं। दीवारें सीलन से दुर्गंध मार रही है तो छतों का प्लास्टर जगह-जगह से उखड़ रहा है। वहीं, फर्श भी क्षतिग्रस्त हो रहा है। टॉयलेट की खिड़कियां टूटी हुई है, जबकि सामने जंगल है। ऐसे में सुविधा घरों में जहरीले जीव-जंतुओं के आने खतरा रहता है।

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वाहन स्टैंड के पास लगा गंदगी का ढेर
कॉलेज में स्थित वाहन स्टैंड के पास ही कचरे का ढेर लगा हुआ है। दुर्गंघ से छात्राओं का सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है। टेक्सटाइल की छात्रा ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कैम्पस से कई दिनों तक कचरा उठता नहीं है। परिसर में ही स्टाफ के लिए क्वार्टर बने हुए हैं। जिनके घरों का कचरा भी यहीं डाला जाता है। वहीं, मुख्य मार्ग के नालों का गंदा पानी भी कैम्पस में ही जमा रहता है। ऐसे में स्टैंड पर वाहन खड़े करने के दौरान छात्राओं का सांस लेना तक दूभर हो जाता है। 

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