सरकार ने लगाई रोक, अनाज मंडियों में अब नहीं बिकेगा जहर
कृषि जिंसों के बीच पेस्टीसाइड के कारोबार पर प्रतिबंध
कृषि उपज मंडियों में अब कीटनाशक और पेस्टीसाइड का कारोबार नहीं हो सकेगा
कोटा। कृषि उपज मंडियों में अब कीटनाशक और पेस्टीसाइड का कारोबार नहीं हो सकेगा। कृषि विपणन निदेशालय ने कृषि जिंसों के बीच कीटनाशक और पेस्टीसाइड की बिक्री पर रोक लगा दी है। कृषि उपज मंडियों में आने वाले अनाज, दलहन और तिलहन से करोड़ों लोग पेट भरते हैं। इन खाद्य कृषि जिंसों के बीच जहर का भंडारण और बिक्री जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे में कृषि विपणन निदेशालय ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए अनाज मंडियों में कीटनाशक और पेस्टीसाइड का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही इस कारोबार के लिए लाइसेंस जारी करने वाले कृषि विभाग को भी पत्र भेजकर लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंडियों में सालभर होती है जिंसों की आवक
हाड़ौती में भामाशाहमंडी सहित अन्य अनाज मंडियों में साल भर कृषि आवक होती है। सीजन के दौरान तो मंडियों में विभिन्न कृषि जिंसों की बम्पर आवक होती है। इस दौरान खरीदे गए माल को व्यापारियों द्वारा अपने दुकानों में रखा जाता है। मंडियों में कुछ व्यापारियों ने कीटनाशक और पेस्टीसाइड का लाइसेंस भी ले रखा था। ऐसे में इन दुकानों पर कई बार अनाज के साथ ही कीटनाशक भी रख दिया जाता है। जिससे अनाज के प्रदूषित होने का खतरा हो सकता है। इस मामले की जानकारी सामने आने के बाद अब निदेशालय ने मंडियों में कीटनाशकों के कारोबार पर रोक लगा दी है।
इसलिए उठाया कदम
असल में पिछले कुछ सालों में कृषि विभाग और कृषि उपज मंडी समिति में रहे अधिकारियों से मिलीभगत कर कृषि जिंसों के व्यापार के लिए आवंटित दुकानों में कीटनाशक और पेस्टीसाइड बेचने की दुकानें खोल दी गई। अनाज मंडियों में कृषि जिंसों के भंडारण के लिए बने गोदामों में पेस्टीसाइड व कीटनाशक रखना शुरू कर दिया। कुछ जगह तो एक ही जगह पर कृषि जिंस और पेस्टीसाइड रखे जाने लगे। यह मामला जब कृषि विपणन निदेशालय तक पहुंचा तो अधिकारी हैरान रह गए। निदेशालय ने कृषि जिंसों के बीच इन पदार्थो का कारोबार होने को गम्भीर माना और खाद्य कृषि जिंसों के बीच जहर के कारोबार पर रोक लगाने के लिए मंडी सचिवों को निर्देश जारी किए।
सर्वे कर सूची कृषि विभाग को भेजी
कृषि निदेशालय का निर्देश मिलने के बाद कृषि उपज मंडी समिति के सचिवों ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अनाज मंडी में अनुमत कृषि जिंसों के अलावा अन्य कोई सामान या पेस्टीसाइड आदि बेचने या दुकानें संचालित करने वालों का सर्वे किया। इस सर्वे की सूची मंडी समिति की ओर से कृषि विभाग को भेजी गई थी। इसके बाद कृषि विभाग की ओर से अनाज मंडियों में नियम विरुद्ध जारी पेस्टीसाइड बेचने के लाइसेंस रद्द करने के लिए सम्बंधित व्यापारियों को पत्र भेजा गया, जिसमें आगामी कुछ दिनों में अनाज मंडी से पेस्टीसाइड, कीटनाशक, खाद-बीज की दुकानों को हटाने के लिए संबंधित दुकानदारों को निर्देश दिए गए हैं।
इनका कहना
अनाज मंडियों में पेस्टीसाइड व कीटनाशक के भंडारण और कारोबार से किसानों और आमजन का जीवन का खतरे में आ सकता है। इस सम्बंध में गत दिनों कृषि विभाग के अधिकारियों को अवगत कराकर रोक लगाने की मांग की गई थी।
- जगदीश कुमार, किसान नेता
पहले जारी गैर कृषि जिंसों खाद, बीज, पेस्टीसाइड के व्यवसाय की अनुमतियों को रद्द कर दिया है। इनकी सूची कृषि विभाग को भेज कर अवगत करवा दिया है। अब चूंकि मंडी परिसर में अनुमति नहीं है, ऐसे में इनके लाइसेंस रद्द करने होंगे।
- शशिशेखर शर्मा, संयुक्त निदेशक, कृषि विपणन विभाग

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