घर की तलाशी में मिली चाबियां खोलेंगी घूस का राज
रिश्वतखोर कुलपति ने तय कर रखी थी हर एक सीट की कीमत ,दस सीट बढ़वानी है तो दस लाख लेता था ,बैंक लॉकर भी उगल सकता है जेवरात व नकदी
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामावतार गुप्ता के कोटा स्थित घर की तलाशी में मिली करोड़ों की संपत्ति के साथ मिली कई चाबियां घूसखोरी के कई राज खोलेगी। यह चाबियां किसकी हैं उसकी जानकारी एसीबी जुटा रही है।
कोटा। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामावतार गुप्ता के कोटा स्थित घर की तलाशी में मिली करोड़ों की संपत्ति के साथ मिली कई चाबियां घूसखोरी के कई राज खोलेगी। यह चाबियां किसकी हैं उसकी जानकारी एसीबी जुटा रही है। जांच में एसीबी को जानकारी मिली कि वीसी ने निजी विवि में इंजीनियरिंग की सीट बढ़ाने की कीमत तय कर रखी थी। हर एक सीट के एक लाख रुपए तय थे। इसी दर पर उसने दस सीट बढ़वाने के लिए निजि विवि से 10 लाख रुपए की रिश्वत मांग की थी। एसीबी ने 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते गुप्ता को गुरुवार को जयपुर में गिरफ्तार किया था। वहीं कोटा स्थित उनके सरकारी आवास में एसीबी कोटा के अधिकारियों ने तलाशी की तो वहां भी लाखों की नकदी, सोने-चांदी के जेवरात और अलग-अलग बैंकों की 25 पास बुक मिली। जिनमें 79 लाख रुपए जमा हैं। इसके अलावा करोड़ों रुपए के मकान व भूखंड अलग हैं।
एसीबी के अधिकारियों को गुप्ता के घर की तलाशी में कुछ चाबियां भी मिली हैं। लेकिन वे चाबियां किसकी हैं उसकी जानकारी एसीबी जुटा रही है। अभी तक गुप्ता के परिजन भी उनके बारे में एसीबी अधिकारियों को जानकारी नहीं दे सके सके हैं। वहीं एचडीएफसी बैंक का एक लॉकर मिला है। एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि उस बैंक लॉकर की भी जांच की जाएगी। उस लॉकर में क्या है यह तो उसे खोलने के बाद ही पता चल सकेगा। तकनीकी विवि के कुलपति गुप्ता ने इंजीनियरिंग कॉलेज में सीटें बढ़ाने की कीमत तय कर रखी है। हर सीट पर एक लाख रुपए की रिश्वत लेते थे।
सूत्रों के अनुसार गेस्ट हाउस में गुप्ता के पास से मिले 21 लाख रुपए भी रिश्वत के ही हैं। जिसे वे 4 दिन से वहां रहकर वसूल कर रहे थे। गुप्ता को इसकी जानकारी है कि एक सीट बढ़ने पर कॉलेज संचालक को हर साल कितनी आय होगी उसके हिसाब से उन्होंने रिश्वत की राशि तय कर रखी है। सूत्रों का कहना है कि अभी तो एसीबी की पूछताछ में और भी खुलासा होने की संभावना है।
बेटे का पॉलिटेक्नीक कॉलेज
सूत्रों के अनुसार रामावतार गुप्ता के स्वयं के नाम ही इतनी अधिक सम्पति व नकदी है। साथ ही उनके बेटे का एक पॉलिटेक्नीक कॉलेज भी है। इसके अलावा भी रिश्तेदारों व अन्य लोगों के नाम पर करोड़ों रुपए की बेनामी सम्पति मिलने की संभावना जताई जा रही है।
एसीबी के वाट्सएप ग्रुप ने किया कमाल
एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि एसीबी के वाट्सएप ग्रुप ने यह कमाल किया है। एक निजी विवि के संचालक ने तकनीकी विवि के कुलपति के खिलाफ सीधे एसीबी में शिकायत करने की जगह वाट्सएप ग्रुप पर शिकायत दी। जिसमें बताया कि उनके विवि में इंजीनियरिंग की दस सीट बढ़ाने के लिए कुलपति 10 लाख की मांग कर रहे हैं। यह राशि काफी अधिक है। सिर्फ उनसे ही यह मांग नहीं की जा रही है। इस तरह के कई और संचालक भी हैं। जिन्हें कुलपति सरकारी गेस्ट हाउस में बुलाकर रिश्वत राशि प्राप्त कर रहे हैं। इतना पता चलते ही एसीबी के डीजी ने परिवादी से सम्पर्क किया और मात्र दो दिन में ही इतनी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि परिवादी सामने आने की जगह इस तरह से उनके वाट्सएप ग्रुप पर भी शिकायत भेज सकते हैं। जिसमें परिवादी की पहचान गुप्त रखी जाएगी लेकिन रिश्वत लेने वाले को उजागर किया जाएगा।
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