कोटा में प्रिंसिपल से लेकर शिक्षकों के एक हजार से ज्यादा पद खाली, जिले के 343 सरकारी स्कूलों में नहीं विषय-विशेषज्ञ
प्रदेश में संयुक्त निदेशक से चतुर्थ श्रेणी तक 1.16 लाख से ज्यादा पद खाली
माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में लंबे समय से शिक्षकों के रिक्त पद भरे नहीं जा सके।
कोटा। जिले के सरकारी स्कूलों में एक हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। जिसकी वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। गुरुजी के इंतजार में बोर्ड परीक्षा ही सर पर आ गई लेकिन शिक्षकों की कमी पूरी नहीं हो सकी। नतीजन, स्कूलों से गुणवत्ता की दूरी बढ़ गई। जिसका असर परीक्षा परिणामों के रूप में पड़ सकता है। दरअसल, विभाग शिक्षा विभाग न तो समय पर पदोन्नति करवा पा रहा है और न ही राज्य सरकार सीधी भर्ती करवा प रही। जिसके कारण माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में लंबे समय से शिक्षकों के रिक्त पद भरे नहीं जा सके।
स्कूलों में 1129 शिक्षक पद रिक्त
जिले में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन 343 सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल से लेकर तृतीय श्रेणी लेवल-2 तक के 1129 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। इनमें अधिकतर फर्स्ट व सेकंड ग्रेड के पद रिक्त हैं। जिसकी वजह से विद्यार्थियों को सब्जेक्ट टीचर नहीं मिल पाया। हालात यह हैं, सालभर इंतजार के बावजूद स्कूलों में शिक्षक तो नहीं मिले लेकिन परीक्षा जरूर सिर पर आ गई। शिक्षकों के रिक्त पदों का असर 6 मार्च से होने वाली दसवीं व बारहवी बोर्ड परीक्षाओं में नजर आएगा।
स्मार्ट टीवी तो दी लेकिन पढ़ाने को गुरुजी नहीं
जानकारी के अनुसार, शिक्षा विभाग ने जिन स्कूलों में सब्जेक्ट टीचर के पद रिक्त हैं, वहां स्मार्ट टीवी के साथ सब्जेक्ट लेक्चर के वीडियो ट्यूटोरियल भी उपलब्ध करवा रखे हैं। लेकिन, समस्या यह है, विषय विशेषज्ञ अध्यापक नहीं होने से वीडियो लेक्चर को समझाने वाला ही नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों के डाउट क्लियर नहीं हो पा रहे। विभाग ने एलइडी देकर महज, खानापूर्ति कर दी।
कोटा में माध्यमिक शिक्षा विभाग में पदों की स्थिति
जिले में कुल स्कूल 343
पद स्वीकृत कार्यरत रिक्त
प्रिंसिपल 333 240 093
ग्रेड-1 टीचर 1145 737 408
ग्रेड-द्वितीय टीचर 1731 1443 288
ग्रेड-तृतीय एल-2 व समकक्ष 946 804 142
गे्रड-तृतीय एल-1 व समकक्ष 1050 908 142
प्रारंभिक माध्यमिक ग्रेड-फर्स्ट 344 288 56
सेकंड, 3 ग्रेड व समकक्ष
लैब अस्टिेंट ग्रेड फर्स्ट, सेकंड व तृतीय ग्रेड पदों की स्थिति
स्वीकृत कार्यरत रिक्त
89 76 13
पदोन्नति नहीं होने से विद्यार्थियों को नहीं मिले गुरुजी
शिक्षक संघ रेस्टा के प्रदेशाध्यक्ष मोहर सिंह सलावद ने बताया कि वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्याता के 50 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती व 50 प्रतिशत पदों पर पदोन्नति से भरने का नियम हैं। इनकी भी समय पर पदोन्नति नहीं होने से बोर्ड परीक्षाओं के विद्यार्थियों को भी समय पर विषय अध्यापक नहीं मिल पा रहे। राज्य के सभी सेकेंडरी स्कूलों को उच्च माध्यमिक स्कूलों में क्रमोन्नत करने से सरकारी स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों का टोटा है, जिसकी पूर्ति पदोन्नति के अभाव में नहीं हो सकी।
लाखो विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा खामियाजा
शाला दर्पण के 1 फरवरी के आंकड़ों के अनुसार स्कूलों में शिक्षकों से लेकर प्राचार्यों तक स्वीकृत 3 लाख 71 हजार 126 पदों में से वर्तमान में 2 लाख 54 हजार 684 कार्यरत हंै और 1 लाख 16 हजार 442 पद रिक्त पड़े हैं। इतनी बड़ी संख्या में पद रिक्त होने से राज्य के हजारों स्कूलों में व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है। लेकिन सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसका खामियाजा सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है।
इनका अब तक नहीं हुआ पदस्थापन
वरिष्ट अध्यापक से व्याख्याता की चार सत्रों की बकाया चल रही पदोन्नति में से केवल दो सत्रों की पदोन्नति हुई है । लेकिन, इन्हें यथावत स्कूलों में ही कार्यग्रहण करवा दिया गया ओर पदस्थापन के लिए दो बार जारी हुए काउंसलिंग कार्यक्रम को स्थगित किया जा चुका है। एक अप्रैल को तीसरे सत्र की पदोन्नति और बकाया जो जाएगी। ऐसे में दो सत्रों के पदस्थापन आदेश और दो सत्रों की पदोन्नति बकाया है, जिसे छात्र हित में जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
स्कूलों में लाखों पद रिक्त होना चिंताजनक
राज्य के सबसे बड़े विभाग शिक्षा विभाग में बोर्ड परीक्षाएं से 6 मार्च से शुरू होने जा रही है। दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षा विभाग में एक लाख 16 हजार 442 पद रिक्त होना गंभीर विषय है। राज्य सरकार व शिक्षा विभाग को नई भर्तियों में पदों की संख्या बढ़ानी चाहिए। साथ ही लंबे समय से लंबित सभी पदोन्नतियों को समय पर करके रिक्त पदों को भरा जाएं, जिससे राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों विद्यार्थियों को नए सत्र से पहले शिक्षक मिल सकें।
- मोहर सिंह सलावद, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ रेसटा
विभाग में कर्मचारियों की डीपीसी किए जाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जल्द ही शिक्षकों व प्रिंसिपलों के रिक्त पदों को भर दिया जाएगा।
- केके शर्मा, जिला मुख्य शिक्षाधिकारी कोटा
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