मुकणा गणेश करते हैं श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी
गणेश चतुर्थी पर यहां होती विशेष सजावट
आज भी यह मंदिर अपने मूल स्वरूप में संरक्षित है ।
कोटा। कोटा शहर के भीतरी हिस्से में मोखापाड़ा क्षेत्र में स्थित मुकणा गणेश मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि सदियों पुरानी आस्था, परंपरा और विश्वास का जीवंत प्रतीक है। माना जाता है कि यह मंदिर लगभग तीन सौ साल पुराना है और आज भी उसी प्राचीन शैली में खड़ा है। पीढ़ी दर पीढ़ी सेवा करने वाले पुजारियों और श्रद्धालुओं की भक्ति इस मंदिर को विशिष्ट बनाती है। यह मंदिर रियासतकालीन के समय का बना हुआ है। इस मंदिर में पीढ़ी-दर पीढ़ी सेवा कर रहे है। इस मंदिर की मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना मुकणा गणेश जी पूरा करते हैं। इस मंदिर में सात सीढ़ियां बनी हुई है। इस मंदिर आज भी प्राचीन की शैली में बना हुआ है। मंदिर में मुकणा गणेश की मूर्ति पत्थर की बनी हुई है। इस मंदिर में जो भी श्रद्धलु अपनी व्यथा लेकर आते हैं उनकी मनोकामना जरूरी पूरी होती है।
पांच कंकर गणेश के रूप में ले जाते हैं
मुकणा गणेश मुदिर के मुख्य पुजारी पं. आलोक शर्मा ने बताया कि विवाह की इच्छा रखने वाले युवक-युवतियां यहां आते हैं और अपनी शादी की मनोकामना करते हैं। जब विवाह तय हो जाता है तो परिवार मंदिर से पांच छोटे-छोटे कंकर गणेश जी का प्रतीक मानकर घर ले जाते हैं। शादी सम्पन्न होने के बाद इन्हीं कंकरों को वापस मंदिर में अर्पित कर दिया जाता है। यह परंपरा सदियों से चलती आ रही है और इसे श्रद्धालु आस्था का अद्वितीय चिह्न मानते हैं। मुकणा गणेश जी को क्षेत्रवासी हर शुभ अवसर पर सबसे पहले न्योता भेजते हैं। चाहे वह विवाह हो, गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार या अन्य धार्मिक आयोजन—गणेश जी का निमंत्रण प्रथम होता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि ऐसा करने से सभी कार्य सहजता और सरलता से सम्पन्न होते हैं।
भीतरी शहर के अंदर स्थित है मुकणा गणेश
यह मंदिर कोटा शहर के भीतरी शहर में स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए परकोटे के अंदर होकर जाना पड़ता है। यहां अधिकांश घर प्राचीनकालीन के बने हुए है। यहां की गलियां आज भी पुराने शहर की शैली को संजोए हुए है। वर्तमान में इस मंदिर की शैली के दर्शन करने के लिए लोग आज भी यहां पहुंचते है। इस मंदिर में मुकणा गणेश के चांदी के मुकुट, चांदी के दांत तथा चांदी का छत्र से सुशोभित हो रह है। यहां गणेश जी अकेले ही विराजमान है। इनकी सूंड दांयी तरफ है। यहां पूजा-अर्चना सिद्धी-विनायक की तर्ज पर ही होती है। इस मंदिर के दर्शन के लिए रोजाना दौ सौ श्रद्धालु आ जाते हैं। इस मंदिर का प्राचीन शिलालेख नहीं होने से इसके ऐतिहासिक प्रमाण भी मौजूद नहीं है। यहां पीढी दर पीढ़ी जो श्रद्धालु आ रहे है उनके अनुसार तीन सौ साल पुराना मंदिर बताते है। मंदिर तक पहुंचते समय श्रद्धालु पुरानी हवेलियों और संकरी गलियों से गुजरते हैं, जो उन्हें अतीत की याद दिलाती हैं।
चार सौ साल पुराना है सदापूरण गणेश मंदिर
सदापूरण गणेश मंदिर भी मोखापाड़ा में स्थित है। यह अपनी अनूठी मान्यतों को संजोए हुए है। श्रद्धालु नीरज जोशी व तन्मय जोशी ने बताया कि यह मंदिर रियासतकालीन के समय का बना हुआ है। यह मंदिर पहले मिट्टी व गोबर से प्रतीक के रूप में बना हुआ था उस दौरान पुराने घर भी मिट्टी से ही बने होते थे। इस मंदिर की मान्यता है कि श्रद्धालु अपने मन में अपनी इच्छा मांगते है। मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु धोक लगाकर अपनी ईच्छानुसार भेंट भी चढ़ाते हैं। इस मंदिर में सदापूरण गणेश मंदिर में मूषक भी विराजमान है। वर्तमान में यह मंदिर आस्था का केन्द्र बना हुआ है। इस मंदिर में पुजारी प्रमोद शर्मा के अलावा सुरेन्द्र शर्मा, सागर शर्मा भी पूजा-अर्चना करवाते हैं।
मंदिर दर्शन कार्यक्रम
- हर बुधवार को पूरे दिन मंदिर खुला रहता है।
- बुधवार के लिए मंदिर सुबह 6 बजे खुलता है।
- रोजाना मंदिर में महाआरती सुबह और शाम होती है
- महआरती के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है।
- दूर क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु कभी भी मंदिर के दर्शन
कर सकते हैं।
- यहां सालाना जागरण, व धार्मिक कार्यक्रम चलते रहते है।
- मंदिर तक पहुंचने के लिए सात सीढ़ियां लगी हुई है।
- मुकणा गणेश के दर्शन व पूजा-अर्चना के बाद चारों तरफ फेरी भी लगा सकते हैं।
पीढ़ी दर पीढ़ी होती हैं सेवा
मुख्य पुजारी पं. आलोक शर्मा ने बताया कि इस मुकणा गणेश मंदिर के लिए कोई ट्रस्ट बना हुआ नहीं है। इस मंदिर में पीढ़ी-दर पीढ़ी सेवाभाव चला आ रहा है। इस मंदिर में पं. मोतीलाल शर्मा व सक्षम शर्मा भी पूजा का कार्य करते हैं। यहां आने वाले कई ऐसे श्रद्धालु है जो पीढ़ी-दर पीढ़ी यहां मुकणा गणेश के दर्शनार्थ के लिए आते हैं। यहां कोटा के अलावा अन्य राज्यों से भी लोग आते हैं। गणेश चतुर्थी के विशेष दिन में वीआइपी लोग भी आते हैं। यहां पूजा-अर्चना कर मनोकामना करते है।

Comment List