संभाग में ना संभागीय आयुक्त, ना एसपी और ना निगम आयुक्त

दो महीने बाद भी नहीं हुई अधिकारियों की नियुक्ति : संभाग के तीनों मुख्य पदों पर अधिकारी नहीं, कार्यवाहक के भरोसे चल रहा काम

संभाग में ना संभागीय आयुक्त, ना एसपी और ना निगम आयुक्त

शहर में पुलिस के मुखिया एसपी का पद करीब एक माह से रिक्त है। वहीं नगर निगम कोटा दक्षिण में आयुक्त का पद भी पिछले कई दिन से रिक्त है। इन सभी पदों पर अधीनस्थ अधिकारियों को कार्यवाहक का चार्ज दिया हुआ है।

कोटा। जयपुर और जोधपुर के बाद कोटा तीसरा सबसे बड़ा संभाग मुख्यालय है। इसके बावजूद यहां की हालत इतनी बुरी है कि संभाग के सबसे बड़े अधिकारी संभागीय आयुक्त से लेकर निगम आयुक्त तक कार्यवाहक लगे हुए हैं। शिक्षा नगरी कोटा को एक तरफ तो स्मार्ट सिटी और दूसरी तरफ पर्यटन नगरी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उसके लिए यहां हजारों करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा संभागीय मुख्यालय होने के बाद भी सरकार का यहां ध्यान नहीं है। यही कारण है कि यहां कई सरकारी विभागों में तो अधिकारियों व कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। वहीं हैरानी की बात यह है कि संभाग के सबसे बड़े अधिकारी संभागीय आयुक्त तक का पद दो माह से रिक्त है। शहर  में जहां आए दिन गम्भीर आपारधिक घटनाएं हो रही हैं। उस शहर में पुलिस के मुखिया एसपी का पद करीब एक माह से रिक्त है। वहीं नगर निगम कोटा दक्षिण में आयुक्त का पद भी पिछले कई दिन से रिक्त है। इन सभी पदों पर अधीनस्थ अधिकारियों को कार्यवाहक का चार्ज दिया हुआ है। जबकि अधीनस्थ अधिकारियों के पास उनका ही इतना अधिक काम है कि ऐसे में कार्यवाहक अधिकारी का काम आने से दोहरी जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। जिला कलक्टर की बैठकों में शामिल होने से लेकर प्रशासनिक काम अधिक करने पड़ रहे हैं। जिससे उनका मूल काम प्रभावित हो रहा है। हालांकि कार्यवाहक अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहन से बचते रहे। प्रदेश के कद्दावर नेता स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल कोटा के होने के बाद भी यहां इतने बड़े अधिकारियों के पद रिक्त हैं।   

दो माह पहले सेवानिवृत्त हुए थे संभागीय आयुक्त
कोटा में संभागीय आयुक्त का पद दो माह से रिक्त है। तत्कालीन संभागीय आयुक्त दीपक नंदी  30 नवम्बर 2022 को इस पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उसके बाद से इस पद पर किसी भी अधिकारी की स्थायी नियुक्ति नहीं की गई है। कुछ समय तक अतिरिक्त संभागीय आयुक्त अनुभाग भार्गव के पास संभागीय आयुक्त का चार्ज रहा। उनका नगर निगम कोटा उत्तर में तबादला होने व उनके स्थान पर कोटा दक्षिण के तत्कालीन आयुक्त राजपाल सिंह को अतिरिक्त संभागीय आयक्त बनाया गया। सिंह के कार्यभार संभालने के बाद से उनके पास कायवाहक संभागीय आयुक्त का चार्ज है। 

एक माह पहले हुई थी शहर एसपी की विदाई
कोटा शहर  में जहां आए दिन गम्भीर अपराध हो रहे हैं। राह चलती महिलाओं के हाथ से बैग व गले से सोने की चैन छीनी जा रही है। दुकान में घुसकर व्यापारी पर चाकु से हमला किया जा रहा है। उस समय में एक माह से पुलिस का मुखिया  पुलिस अधीक्षक ही नहीं है।  तत्कालीन पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत का कार्यकाल 31 दिसम्बर को समाप्त होने से वे उसी दिन सेवानिवृत्त हो गए थे। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद किसी को भी इस पद पर नहीं लगाया गया है। शहर एसपी का चार्ज एएसपी शहर प्रवीण जैन को दिया हुआ है। करीब एक महीने से वही कार्यवाहक एसपी का कार्य संभाल रहे हैं। 

विभागीय काम प्रभावित
जानकारों के अनुसार कोटा संभागीय मुख्यालय होने के बाद भी यहां इतने बड़े अधिकारियों के पद रिक्त होने से विभागों का काम प्रभावित होता है।  जो काम जिस पद के लिए है वह काम उसका अधिकारी ही सही ढंग से कर सकता है। जबकि कार्यवाहक अधिकारी  उतना पारंगतता से काम नहीं कर पाता है। साथ ही कई तरह की वित्तीय स्वीकृतियों में भी अड़चन आती है। इसलिए अधिकारी तो होने ही चाहिए।

Read More पुरानी रंजिश के चलते युवक पर फायरिंग , बाल-बाल बचा

कोटा दक्षिण में आयुक्त ही नहीं
सरकार ने आरएएस अधिकारियों के तबादले तो कर दिए लेकिन उसमें कई पदों पर नियुक्ति ही नहीं की। उसी के तहत नगर निगम कोटा दक्षिण के तत्कालीन आयुक्त राजपाल सिंह को अतिरिक्त संभागीय आयुक्त के पद पर लगा दिया। लेकिन उनके स्थान पर किसी भी अधिकारी को कोटा दक्षिण का आयुक्त नहीं लगाया। राजपाल सिंह 20 जनवरी को आयुक्त के पद से रिलीव हो गए थे। उन्होंने अपना चार्ज अतिरिक्त आयुक्त अम्बालाल मीणा को दे दिया। उसके बाद से अम्बालाल मीणा ही कार्यवाहक आयुक्त का काम भी कर रहे हैं। 

Read More नई दिल्ली-साबरमती आरक्षित स्पेशल रेलसेवा का संचालन, जानें समयसारणी

कांग्रेस अध्यक्ष ने नहीं दिया कोई जवाब
कोटा में बड़े अधिकारियों के कई पद रिक्त होने पर जब शहर कांग्रेस अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी से बात करना चाही तो उन्होंने शादी में होने की बात कहकर इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया। जबकि कांग्रेस के अन्य नेताओं का कहना है कि यह सरकार के स्तर का मामला है। 

Read More कच्चे घर में आग लगने से दो नाबालिग बहनें जिंदा जलीं : शॉर्ट सर्किट से आग की आशंका, 15 बकरियां भी जलकर मरीं

इनका कहना है
संभाग मुख्यालय होने के बाद भी यहां संभागीय आयुक्त  और पुलिस अधीक्षक जैसे अधिकारियों के पद रिक्त होना चिंता का विषय है। सरकार का कोटा की तरफ कोई ध्यान नहीं है। कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। जनता के काम नहीं हो रहे हैंÞ। जिस तरह से बड़े पद रिक्त हैं उससे तो साफ जाहिर है कि चुनावी वर्ष होने से कोई भी अधिकारी कोटा में नहीं आना चाहता है। यहां नेताओं का इतना अषिक  दबाव रहता है कि अधिकारी अधिक दिन तक टिक भी नहीं पाते। 
-कृष्ण कुमार सोनी, शहर जिला अध्यक्ष भाजपा

Post Comment

Comment List

Latest News

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली में अब केवल बीएस-4 और उससे ऊपर के मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली में अब केवल बीएस-4 और उससे ऊपर के मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में केवल बीएस-4 या उससे ऊपर मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे। बीएस-3...
भारत–अर्जेंटीना कृषि सहयोग को नई मजबूती, कार्य योजना 2025-2027 पर किये हस्ताक्षर
मोदी के नेतृत्व एवं भजनलाल की मेहनत से राजस्थान कर रहा है विकास के नए आयाम स्थापित:​ डिप्टी सीएम दियाकुमारी
रेलयात्री कृपया ध्यान दें...लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा एलान, ज्यादा सामान ले जाने पर देना होगा इतना शुल्क, जानें पूरा मामला
बुकिंग शुरू होते ही टाटा सिएरा ने बाज़ार में मचाया तहलका: पहले ही दिन 70,000 से ज्यादा ऑर्डर कन्फर्म
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु वेल्लोर दौरे पर, श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर में किए दर्शन
गुणवत्ता में  5 दवाएं, एक मेडिकल प्रोडक्ट फैल, बेचने पर रोक लगाई