लंपी स्किन जांच के लिए पूरे देश में सिर्फ तीन लैब

सैम्पल की रिपोर्ट मिलने में लगता है समय

लंपी स्किन जांच के लिए पूरे देश में सिर्फ तीन लैब

लंपी स्किन वायरस गोवंश की जान ले रहा है, लेकिन राजस्थान में पशुपालन विभाग संसाधनों के अभाव में लाचार बना हुआ है। प्रदेश में इस बीमारी की जांच के लिए लैब तक नहीं है। सैंपल लेने के बाद उन्हें जांच के लिए भोपाल, बरेली और हिसार भेजा जा रहा है।

कोटा। लंपी स्किन वायरस गोवंश की जान ले रहा है, लेकिन राजस्थान में पशुपालन विभाग संसाधनों के अभाव में लाचार बना हुआ है। प्रदेश में इस बीमारी की जांच के लिए लैब तक नहीं है। सैंपल लेने के बाद उन्हें जांच के लिए भोपाल, बरेली और हिसार भेजा जा रहा है। इसकी रिपोर्ट आने में करीब दस दिन लग रहे हैं। इस कारण लंपी स्किन रोग से पीड़ित गोवंश को समय पर उचित उपचार नहीं मिल पाता है। कोटा से भी कुछ गोवंशों के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं। यहां पर है लैब लंपी स्किन रोग की जांच के लिए पूरे देश में केवल तीन ही लैब है। यह उत्तर प्रदेश के बरेली में इंडियन वेटनरनी रिसर्च इंस्टीटयूट, भोपाल की निशाद लैब और हरियाणा के हिसार में नेशनल रिसर्च सेंटर आॅफ इग्वाइन लैब स्थित है। इन लैबों में राजस्थान व गुजरात सहित पांच राज्यों के हजारों सैंपल भेजे जा रहे हैं। यहां से लैब काफी दूर होने से जांच रिपोर्ट आने में करीब दस दिन का समय लग रहा है। इस दौरान पशुपालन विभाग के चिकित्सक रोग की स्थिति देखकर ही उपचार कर रहे हैं। संभाग में अभी एक भी नहीं आया केस कोटा संभाग में लंपी बीमारी के अभी एक भी केस नहीं आया है। लेकिन यहां से संदिग्ध गायों के सैंपल लेब में भेजे है। रिपोर्ट आने का इंतजार है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक सीएल मीणा ने बताया कि कोटा में अभी एक भी केस नहीं आया लेकिन पूरी सर्तकता बरती जा रही है। यह होता है लंपी स्किन रोग लंपी स्किन बीमारी मुख्य रूप से गोवंश को प्रभावित करती है। देसी गोवंश की तुलना में संकर नस्ल के गोवंश में लंपी स्किन बीमारी के कारण मृत्यु दर अधिक है। इस बीमारी से गोवंश में मृत्यु दर 1 से 5 प्रतिशत तक है। रोग के लक्षणों में बुखार, दूध में कमी, त्वचा पर गांठें, नाक और आंखों से स्राव आदि शामिल हैं। रोग के प्रसार का मुख्य कारण मच्छर, मक्खी और परजीवी जैसे जीव हैं। इसके अतिरिक्त इस बीमारी का प्रसार संक्रमित पशु के नाक से स्राव, दूषित फीड और पानी से भी हो सकता है। संक्रमित गोवंश में लंपी बीमारी की जांच के लिए राजस्थान में लैब नहीं है। सैंपलों को राज्य से बाहर स्थित लैबों में भेजा जाता है। कोटा से भी कुछ सैम्पल भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट आने में काफी समय लगता है। - एस. भावडेकर, पशु चिकित्सक

Post Comment

Comment List

Latest News

रक्तदान शिविर में 69 यूनिट रक्त एकत्र, मुख्य उद्देश्य रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना रक्तदान शिविर में 69 यूनिट रक्त एकत्र, मुख्य उद्देश्य रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना
गोविंदगढ़ के ग्राम सीतारामपुरा में आयोजित रक्तदान शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया।
आज का भविष्यफल     
वन रक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक के बाद पढ़ाने वाले गिरोह के तीन बदमाश गिरफ्तार
मोदी लेक्स फ्रिडमैन के साथ दिया 3 घंटे का साक्षात्कार, मोदी ने कहा-  भारत-चीन को प्रतिस्पर्द्धा करनी चाहिए, टकराव नहीं
मन में ठान लें तो कोई भी कार्य कठिन नहीं : रुक्मणी रियाड़
पाक सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला, 7 सैनिकों की मौत
स्वच्छता सर्वेक्षण के चलते अवकाश रद्द, निगम अधिकारी रहे फील्ड में मौजूद