पॉलिथीन रोजाना ले रही 15 से अधिक गायों की जान

प्रतिबंध के बावजूद बाजार में धडल्ले से हो रहा पॉलिथीन का उपयोग

पॉलिथीन रोजाना ले रही 15 से अधिक गायों की जान

नगर निगम की बंधा धर्मपुरा स्थित गौशाला में ही वर्तमान में रोजाना करीब 15 से 20 गायों की मौत हो रही है। जिनमें से अधिकतर की मौत का कारण पॉलिथीन खाया हुआ होना है। शहर में पॉलिथीन का सेवन करने से मरने वाली गायों का आंकड़ा अधिक भी हो सकता है।

कोटा। पॉलिथीन की थैलियां इंसानों के लिए तो हानिकारक है हीं। मवेशियों के लिए भी जानलेवा हैं। पॉलिथीन शहर में रोजाना15 से अधिक गायों की जान ले रही है। सरकार द्वारा प्रतिबंधित होने के बावजूद भी शहर में पॉलिथीन का धडल्ले से उपयोग हो रहा है। पॉलिथीन की थैलियों में खाद्य पदार्थ रखने से उनका सेवन करने पर वे न केवल शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं। वरन् उन थैलियों को सड़क पर व नालियों में फेकने पर वे नालियां जाम कर देती हैं। इतना ही नहीं अधिकतर लोग थैलियों में खाने की बची हुई वस्तुएं व सब्जी और उनके छिलके फेक रहे हैं। जिन्हें सड़कों पर लावारिस हालत में घूमने वाले गाय खा रही है। खाद्य पदार्थ के साथ प्लास्टिक की थैलियां भी गायों के पेट में जाकर जम रही है। जिससे वह उन्हें न केवल नुकसान पहुंचा रही है। वरन् उनकी जान तक ले रही है। इसका अंदाजा एक दिन पहले नगर निगम की ओर से बंधा धर्मपुरा स्थित निगम की गौशाला में मृत गायों का पोस्ट मार्टम में निकले पॉलिथीन के गुच्छों से लगाया जा सकता है। नगर निगम की बंधा धर्मपुरा स्थित गौशाला में ही वर्तमान में रोजाना करीब 15 से 20 गायों की मौत हो रही है। जिनमें से अधिकतर की मौत का कारण पॉलिथीन खाया हुआ होना है। 

आंकड़ा अधिक भी हो सकता है
शहर में पॉलिथीन का सेवन करने से मरने वाली गायों का आंकड़ा अधिक भी हो सकता है। यह आंकड़ा तो सिर्फ निगम की गौशाला का है। इसके अलावा शहर में कई निजी गौशालाएं भी हैं। उनके अलावा लावारिस हालत में घूमने वाली अन्य गाय व घरों पर पालतू गायों की मौत भी हो रही होगी। जिससे यह आंकड़ा अधिक भी हो सकता है। 

सरकार का प्रतिबंध, फिर भी हो रहा उपयोग
सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिससे उनका उपयोग करना गैर कानूनी है। लेकिन हालत यह है कि उसके बाद भी बाजार में बड़ी संख्या में पॉलिथीन व प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है। गर्म चीजों के कारण पॉलिथीन पिघलकर शरीर में उसके कण पहुंचकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। इना सब कुछ जानने के बाद भी लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कर रहे हैं। 

सड़क पर कचरे में पॉलिथीन का ढेर
शहर में सड़क किनारे हो या कचरा पाइंट। हर जगह पर लगे कचरे के ढेर में बड़ी मात्रा में पॉलिथीन के ढेर लगे हुए मिल जाएंगे। ऐसा लोगों की आदत के कारण हो रहा है। अधिकतर लोग विशेष कर महिलाएं घर में बची खाद्य वस्तुओं, रोटियों और सब्जी व उनके छिलकों को थैलियों में भरकर फेक रही हैं। उस कचरे में खाने की वस्तुओं के साथ पॉलिथीन भी गायों के  पेट में जा रही है। जिससे वह च नहीं पाती और गुच्छा बनकर उनको नुकसान पहुंचा रही है। निगम द्वारा एक दिन पहले तीन मृत गायों का पोस्ट मार्टम करने पर सभी के पेट से 30 से 40 किलो पॉलिथीन के गुच्छे निकले हैं। 

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हकीकत में लगे प्रतिबंध
सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध तो लगा दिया है लेकिन वह कागजों में ही है। हकीकत में बाजार में अधिकतर चीजें पॉलिथीन की थैलियों में ही बिक रही है। प्रतिबंध कागजों में नहीं हकीकत में लगे। तभी इसे समाप्त किया जा सकता है। 
-मोहनलाल चोरसिया, रामपुरा

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अनजाने में बन रहे गायों की मौत के वाहक
गाय को एक तरफ तो गौ माता के रूप में पूजा जा रहा है। दूसरी तरफ उनकी मौत इस खतरनाक पॉलिथीन के सेवन से हो रही है। यह बड़ा दु:खद है। लोग अनजाने में ही सही पॉलिथीन में खाने की वस्तुएं फेक रहे हैं। जिसका सेवन गाय द्वारा करने पर उनकी मौत हो रही है। इसे रोकने के लिए चाहिए कि कोई भी खाद्य पदार्थ पॉलिथीन में नहीं फेका जाए। 
-दिनेश रावल, श्रीपुरा

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घर से कपड़े का थैला लेकर जाएं
पॉलिथीन शरीर के लिए तो नुकसान दायक है ही। तभी तो सरकार ने उसके उपयोग पर रोक लगाई है। लेकिन लोग जान बूझकर उनका उपयोग कर शरीर को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लोगों को चाहिए कि वे स्वयं अपनी आदत बदलें। सब्जी हो या किराने का सामान कुछ भी लेने जाएं तो अपने साथ कपड़े का थैला लेकर जाएं। गायों की मौत पॉलिथीन से होना गौ हत्या के पाप के समान है। 
-घनश्याम गोचर, बल्लभबाड़ी

इनका कहना
निगम की गौशाला में रोजाना गायों की मौत हो रही है। लोग आरोप तो लगा रहे हैं कि निगम की अनदेखी व लापरवाही से गायों की मौत हो रही है। लेकिन जब हकीकत का पता किया तो मौत का कारण पॉलिथीन है। लोगों को चाहिए कि वे गौमाता को बचने के लिए खाने की वस्तुएं पॉलिथीन मे नहीं फेके। गौशाला में अभी तो 15 से 0 गायों की मौत हो रही है। बरसात के समय में यह संख्या बढ़ जाती है।  
-जितेन्द्र सिंह, अध्यक्ष गौशाला समिति

निगम की गौशाला में वर्तमान में करीब 4 हजार से अधिक गौवंश है। जिनमें से रोजाना 15 से 20 गायो।की मौत हो रही है।  निगम द्वारा उन्हें हरा चारा, भूसा व पानी भी पर्याप्त मात्रा में दिया जा रहा है। गौशाला की व्यवस्थाओं में पहले से काफी सुधार हुआ है। उसके बाद भी गायों की मौत 1 फीसदी तो होती है। लेकिन गौशाला में यह संख्या कम है। गायों की मौत का कारण पोस्ट मार्टम से पॉलिथीन आया है। ऐसे में इसके उपयोग को रोकने की आवश्यकता है। नगर निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलाकर गत दिनों बड़ी मात्रा में जब्त भी की थी। लोगों को पॉलिथीन का उपयोग नहीं करने के लिए जागरूक किया जाएगा। साथ ही पॉलिथीन बिकने पर कार्रवाई भी की जाएगी। 
-राजेश डागा, कार्यवाहक आयुक्त, नगर निगम कोटा दक्षिण

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