किसी को रिटायरमेंट के बाद, तो किसी को पहले मिला प्रमोशन, फिर भी नहीं बने डीईओ-सीबीईओ
कोटा में एक दर्जन से अधिक प्राचार्यों का डीईओ व समकक्ष पदों पर हो चुका प्रमोशन, नहीं मिला पदस्थापन
278 प्रिंसिपलों को डीईओ या समकक्ष पदों पर पोस्टिंग का इंतजार
कोटा। शिक्षा विभाग अपने कार्यों के प्रति कितना गंभीर है, इसकी बानगी प्राचार्यों की पदोन्नति में देखने को मिल रहा है। विभाग की उदासीनता से प्रमोशन जैसा सम्मान भी शिक्षकों के लिए मजाक बनकर रह गया। हालात यह हैं, किसी को रिटायरमेंट के बाद प्रमोशन दिया गया तो किसी को सेवानिवृति से पहले, लेकिन दोनों ही सूरत में शिक्षक अपने मूल पदोन्नत पद पर आसीन नहीं हो सके। वहीं, जो शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं, उन्हें अब तक पदस्थापन का इंतजार है। दरअसल, विभाग ने प्रदेशभर में 329 प्राचार्यों को जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नत कर दिया है लेकिन उन्हें अपने मूल पदोन्नत पद (डीईओ या समकक्ष) पदों पर पोस्टिंग नहीं दी। जिसके इंतजार में 51 प्राचार्य तो रिटायर्ड हो गए। जबकि, शेष शिक्षक अभी तक प्राचार्य के पद पर ही स्कूलों में सेवाएं देने को मजबूर हैं। पदस्थापन में देरी से शिक्षकों (प्राचार्यों) में आक्रोश है।
पोस्टिंग के इंतजार में रिटायर्ड हो गए 51 प्राचार्य
शिक्षा विभाग ने फरवरी 2025 में सत्र 2023-24 की पदोन्नति में 182 तथा सत्र 2024-25 की पदोन्नति में 147 प्राचार्यों को जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया था। इस तरह दोनों सत्रों में 329 प्राचार्य जिला शिक्षाधिकारी के पद पर पदोन्नत हुए। इसके बावजूद पदोन्नत प्राचार्यों को यथा स्थान यानी जिस स्कूल में कार्यरत थे, वहीं पर डीईओ के पद पर कार्यग्रहण करवा दिया। पिछले 3 माह से वे जिला शिक्षाधिकारी होते हुए भी अपने ही स्कूलों में प्राचार्य के पद पर प्रबंधन संभाल रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि डीईओ या समकक्ष पदों पर पोस्टिंग के इंतजार में 51 प्रिंसिपल सेवानिवृत्त हो गए। ऐसे में शेष रहे 278 प्रिंसिपलों को पदस्थापन का इंतजार है।
यहां डीईओ सैकंडरी सहित 3 पद खाली
जानकारी के अनुसार, कोटा में जिला शिक्षाधिकारी तथा इसके समकक्ष तीन पद खाली चल रहे हैं। जिनमें डीईओ सैकंडरी, एडीपीसी तथा सीबीईओ सांगोद शामिल है। जबकि, यहां एक दर्जन से अधिक प्राचार्य इन पदों के लिए पदोन्नत हो चुके हैं। इसके बावजूद सरकार पदस्थापन देकर रिक्त पदों को नहीं भर रही है।
कोटा में एक दर्जन से अधिक प्राचार्यों को पदस्थापन का इंतजार
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, कोटा जिले में सत्र 2023-24 व 2024-25 में करीब 16 प्राचार्यों का जिला शिक्षाधिकारी या समकक्ष पदों पर प्रमोशन हो चुका है। इसके बावजूद उन्हें अब तक पोस्टिंग (पद स्थापन) नहीं दिया गया। ऐसे में जिला शिक्षाधिकारी होते हुए भी उन्हें अपने ही स्कूलों में प्राचार्य के पद पर ही काम करना पड़ रहा है। वहीं, इनमें से कुछ प्राचार्य तो पोस्टिंग के इंतजार में रिटायर्ड हो गए। जबकि, जिले में जिला शिक्षाधिकारी के समकक्ष तीन पद खाली चल रहे हैं। इसके बावजूद पोस्टिंग नहीं दी जा रही। जिससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है।
प्रदेश में जिला शिक्षाधिकारी के 320 पद रिक्त
शिक्षा विभाग के 1 मई के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में जिला शिक्षा अधिकारी के कुल 552 पद स्वीकृत हैं, जिनमें वर्तमान में 232 कार्यरत है और 320 पद रिक्त हंै यानी आधे से अधिक पद रिक्त है। यदि, नव पदोन्नति जिला शिक्षा अधिकारियों का पदस्थापन हो जाता है तो भी काफी संख्या में पद रिक्त रहेंगे।
क्या कहते हैं शिक्षक
डीईओ के समकक्ष 10 पद, जिन पर पोस्टिंग का इंतजार
जिले में जिला शिक्षाधिकारी व इस पद के समकक्ष कुल 11 पद हैं, जिनमें जिला शिक्षाधिकारी सैकंडरी, जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक, ब्लॉक शिक्षाधिकारी कोटा शहर, लाडपुरा, खैराबाद, सांगोद, इटावा, सुल्तानपुर तथा डाइट प्रिंसिपल तथा एडीपीसी शामिल है। ऐसे में इन पदों पर पदोन्नत हुए प्राचार्यों को पोस्टिंग दी जानी चाहिए। ताकि, रिक्त पदों की पूर्ति हो सके और शिक्षा से संबंधित कार्य बिना व्यवधान से चल सके।
-पप्पूलाल चंडालिया, मंडल अध्यक्ष कोटा, शिक्षक संघ रेस्टा
पदस्थापन के आदेश जल्द जारी करे सरकार
शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा अधिकारियों के पदों पर लंबे समय बाद पदोन्नति होने के बावजूद पदस्थापन नहीं होने से कई जिला शिक्षा धिकारी तो पदस्थापन के इंतजार में सेवानिवृत्त हो गए हैं। इसलिए, राज्य सरकार व शिक्षा विभाग को पदस्थापन मामले को गंभीरता से लेते हुए पदोन्नत हुए जिला शिक्षा अधिकारियों के पदस्थापन आदेश जल्दी जारी करने चाहिए, जिससे जिला व ब्लॉक मुख्यालय पर रिक्त चल रहे पदों को भरा जा सके और विभाग की योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वित हो सके।
- मोहर सिंह सलावद, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ रेसटा
रिटायरमेंट के बाद मिला प्रमोशन
जिला शिक्षाधिकारी के पद पर मेरा प्रमोशन 12 फरवरी 2025 को हुआ। जबकि, रिटायरमेंट पिछले साल 31 जुलाई 2024 को प्राचार्य पद से ही हो गया। हम तो रिटायर्ड हो गए लेकिन जो शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं, उन्हें डीईओ या समकक्ष पदों पर जल्द से जल्द पोस्टिंग दी जानी चाहिए। ताकि, वे नई ऊर्जा के साथ काम कर सके और अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सके।
-भवानी सिंह चौबदार, सेवानिवृत प्राचार्य
सरकार के स्तर पर पदस्थापन की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही डीईओ व समकक्ष पदों पर पदस्थापन किया जाएगा।
-तेज कंवर, संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा कोटा संभाग

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