शाम को रैंग रैंग कर चल रहा ट्रैफिक, वाहन चालक परेशान
जाम में फंसे रहे वाहन चालक
गंतव्य तक पहुंचने में हुई देरी, घूमकर जाना पड़ा।
कोटा। कोटा शहर में चल रहे दशहरा मेले के दौरान यातायात पुलिस द्वारा किया गया यातायात डायवर्जन वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। इससे वाहन चालकों को अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने में देरी हो रही है। इस दौरान ट्राफिक शहर में कई स्थानों पर रैंग-रैंग कर चलता रहा तथा आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान पैदल चलने वाले राहगीरों को भी परेशान होना पड़ा है। यातायात पुलिस ने मेला के दौरान सीएडी सर्किल की तरफ जाने वाले वाहनों का डायवर्जन किया गया था। इससे एरोड्रम सर्किल से सीएडी की और जाने वाले वाहन चालकों को बीच में गलिया व कट से निकलने के स्थानों को रोक दिए जाने से घूमकर अपने गंतव्य तक जाना पड़ा। इससे रास्ते में दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई।
वाहन चालक रहे परेशान
एरोड्रम सर्किल से सीएडी सर्किल की और जाने वाले वाहन चालक परेशान होते रहे तथा इधर-उधर गलिया में भटकने पर मजबूर हो गए। जबकि पुलिस ने 28 अक्टूबर तक शाम पांच बजे से सीएडी चौराहे की तरफ कंट्रोल रूम, दादाबाड़ी तिराहे और चंबल गार्डन तिराहे से हल्के वाहनों का प्रवेश मेले में जाने के लिए दिया गया था। इसके बाद एरोड्रम सर्किल से सीएडी की तरफ जाने वाले रास्ते में जगह-जगह बैरिकेटस लगाकर रास्ता रोक दिया। जिससे उन्हें घूम कर जाना पड़ा और परेशानी का सामना करना पड़ा है। इसी प्रकार से सीएडी से एरोड्रम सर्किल की और जाने वाले वाहन चालकों को बीच में सोफिया स्कूल के पास कट पर बैरिकेटस लगा दिए गए। अभय कमांड सेंटर की और जाने वाले वाहन चालकों को घोड़ा सर्किल तथा एरोड्रम आॅवरब्रिज तथा एयरपोर्ट की और से वापस आना पडा है। जिससे एक से डेढ़ किलो मीटर तक जाना पड़ा था। बल्लभ नगर पुलिया के नीचे पुलिस जाप्ता तक तैनात नहीं था। इससे लोग बैरिकेटस से परेशान होते रहे।
इनका कहना है
दशहरा मेला को देखते यातायात पुलिस ने 28 अक्टूबर तक यातायात को डायवर्ट किया गया है। इसके बाद भी वाहन चालक आ रहे हैं। वाहन चालकों को डायवर्जन की तरफ से जाने के लिए निर्देश दिए गए तथा यातायात सुचारू रूप से और स्मूथली चल सके इसको देखते हुए यातायात को डायवर्ट किया गया था। इसकी सूचना भी प्रकाशिक की जा चुकी है। हालांकि पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया है। जिससे जाम के हालत नहीं हो सकें।
- पूरन सिंह, यातायात निरीक्षक
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