5 साल में पहली बार 612 एनटीयू लेवल पर पहुंची टर्बिडिटी

टर्बिडिटी ने घटा दी कोटा शहर की 26 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई

5 साल में पहली बार 612 एनटीयू लेवल पर पहुंची टर्बिडिटी

घरों में पहुंचा मटमेला पानी लेकिन बैक्टीरिया मुक्त।

कोटा। राणा सागर व जवाहर सागर डेम के गेट खोले जाने से चंबल में टर्बिडिटी (गंदलापन) का लेवल 612 एनटीयू लेवल तक पहुंच गया। जिससे शहर की जलापूर्ति गड़बड़ा गई। अत्यधिक मात्रा में पानी में मिट्टी आने से अकेलगढ़, मिनी अकेलगढ़-सकतपुरा और श्रीनाथपुरम फिल्टर प्लांट से जल शोधन उत्पादन 50%  कम हो गया। ऐसे में शहर में प्रतिदिन होने वाली 51.50 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई घटकर 26 करोड़ लीटर ही रह गई। हालांकि, जलदाय विभाग के अधिकारी गुरुवार को दिनभर स्थिति नियंत्रित करने में जुटे रहे। शाम 4.30 बजे के बाद से टर्बिडिटी घटकर 3.50 से 400 एनटीयू पहुंच गया था। ऐसे में शुक्रवार सुबह तक जलापूर्ति समान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है। इधर, राणा सागर के गेट खुलने पर टर्बिडिटी 612 एनटीयू आंकड़ा पिछले 5 साल में पहली बार बढ़ा है।

तड़के 453 तो दोपहर को 612 एनटीयू पहुंची टर्बिडिटी 
अधिशाषी अभियंता नगर खंड प्रथम प्रकाशवीर नथानी ने बताया कि बुधवार तक स्थिति समान्य थी लेकिन गुरुवार को राणा सागर व जवाहर सागर बांध के गेट खोले जाने पर तड़के पांच बजे चंबल में टर्बिडिटी का लेवल अत्यधिक मात्रा में बढ़ गया। इस वक्त टर्बिडिटी का लेवल 453 एनटीयू था। जिसका असर शहर के मुख्य जल शोधन केंद्र अकलेगढ़ पर पड़ा। इससे शुद्ध पेयजल उत्पादन क्षमता लगभग 50% कम हो गई है। हालांकि, लोगों को पानी के लिए परेशान न होना पड़े, इसके लिए लगातार 24 घंटे प्रयास किए जा रहे हैं। 

घरों में आया पीला-चिकना पानी
चंबल में अचानक टर्बिडिटी का लेवल बढ़ने से जल उत्पादन केंद्रों की जलशोधन प्रक्रिया गंभीर रूप से प्रभावित हुई। जिसके कारण घरों में मटमेला पानी आया। बजरंग नगर निवासी सत्येंद्र राजावत, आकाशवाणी के फिरोज अहमद, सरस्वती कॉलोनी के फयाज खान व लोकेश मेहरा ने बताया कि सुबह नलों में गंदा पानी आया। पानी में चिकनापन था। पीने के पानी के लिए भी परेशान हो गए। 

प्लांट के फिल्टर बेड हो रहे चौक
चंबल में अत्यधिक मिट्टी आने से जल शोधन केंद्रों के फिल्टर बेड चौक हो रहे हैं। जिन्हें बार-बार साफ करने के लिए प्लांट बंद करना पड़ रहा। ऐसे में दो से तीन घंटे के अंतराल में एक-एक फीडर पर जलापूर्ति करनी पड़ी। विज्ञान नगर, तलवंडी व महावीर नगर फीडर पर गुरुवार सुबह 10.30 बजे सप्लाई की गई। इसके बाद दोपहर 1 बजे से दादाबाड़ी फीडर पर सप्लाई की गई। 

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42 फिल्टर बेड, साफ करने में खर्च हुआ 6.30 लाख  लीटर पानी
अधिकारियों के अनुसार, जल शोधन केंद्र पर कुल 42 फिल्टर बेड हैं। जिनमें रॉ वाटर को ट्रीटमेंट डोज देकर फिल्टर किया जाता है। लेकिन, गुरुवार को पानी में अधिक मात्रा में मिट्टी आने से फिल्टर बेड चौक हो गए। पानी छन भी नहीं पा रहा था।  जिन्हें साफ करने के लिए 3 से 4 बार फिल्टर बेड साफ करने पड़े। इसकी सफाई के लिए भी पानी की आवश्यकता होती है। प्रत्येक बेड की सफाई के लिए औसतन 10 से 15 हजार लीटर पानी खर्च होता है। ऐसे में 42 बेड की एक बार सफाई करने पर ही 6.30 लाख लीटर पानी खर्च हो रहा है। टर्बिडिटी का लेवल देखते हुए इस पानी को दोबारा रिसाइकिलिंग भी करना संभव नहीं होता। ऐसे में लाखों लीटर पानी को फिर से चंबल में बहाना पड़ता है। 

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दिनभर यूं घटा-बड़ा टर्बिडिटी का लेवल
एक्सईएन नथानी बताते हैं, राणा सागर व जवाहर सागर का गेट खुलने से चंबल के कैचमेंट एरिया की मिट्टी भी बहकर नदी में आ गई। बुधवार सुबह तक 53 एनटीयू टर्बिडिटी थी, जो बांधों के गेट खुलने के साथ-साथ बढ़ती गई लेकिन स्थिति काबू में थी। गुरुवार तड़के 5 बजे अचानक 450 एनटीयू (पानी में मिट्टी की मात्रा) टर्बिडिटी बढ़ गई। ऐसे में सुबह 9.30 बजे तक फिल्टर प्लांट बंद करना पड़ा। बेड की सफाई व पम्पों का मेंटिनेंस कर साढ़े 10 बजे नए कोटा के तीन इलाकों का एक फीडर पर सप्लाई शुरू की। इसके बाद दोपहर 1 बजे टर्बिडिटी का लेवल 612 एनटीयू पर पहुंच गया। ऐसे में मुसीबत बढ़ती रही। लेकिन दोपहर बाद जैसे-जैसे बांधों के गेट बंद होते गए वैसे वैसे टर्बिडिटी का लेवल डाउन होता गया। शाम  4.30 बजे के बाद से पानी में मिट्टी की मात्रा कम होती गई। रात 9.30 बजे तक टर्बिडिटी का लेवल 3.50 से 400 के बीच रहा। 

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कहीं सुबह तो कहीं दोपहर को सुचारू हुई जलापूर्ति
मंगलवार देर रात हुई बारशि व कोटा बैराज के आठ गेट खोलकर की गई पानी की निकासी से शहर के कुछ हिस्सों में गुरुवार को पानी की सप्लाई करीब 8 घंटे तक बाधित रही।  एक्सईएन नथानी ने बताया कि सुबह जो सप्लाई 5.30 पर शुरू होनी थी पर डर्बिटिडी के कारण कुछ फीडर पर 10.30 बजे तो कुछ फीडर पर दोपहर 1 से 2 के बीच सप्लाई शुरू हुई,जो रात तक जारी रही। 

5 साल में पहली बार 612 एनटीयू पहुंचा टर्बिडिटी लेवल
उन्होंने बताया कि राणा प्रताप सागर बांध के गेट खुलने पर गुरुवार को टर्बिडिटी का जो लेवल बढ़ा है, वह पिछले पांच साल में पहली बार देखने को मिला है। इससे पहले राणा सागर बांध के गेट खुलने पर टर्बिडिटी 600 के पार नहीं पहुंची। लेकिन, गांधी सागर के गेट खुलने पर टर्बिडिटी  का लेवल 700 से 1000 एनटीयू तक पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में जल शोधन करना बहुत मुश्किल हो जाता है।

पानी शुद्ध छोड़ा, फिर घरों में मटमेला पानी, यह है कारण
अधिकारियों के अनुसार, जल शोधन केंद्रों से प्रत्येक चरण में शुद्ध पानी ही सप्लाई किया गया है। इसके बावजूद घरों में मटमेला पानी आया तो उसका कारण  यह है कि केंद्रों से जुड़ी सप्लाई पाइप लाइनों में मिट्टी की परत जमी रहती है। ऐसे में जल शुद्ध पानी प्रेशर से छोड़ा जाता है तो पाइपों में जमी मिट्टी भी बहकर चली जाती है। जब घरों के नलों को पहली बार खोला जाता है तो थोड़ी देर मटमेला पानी आता है लेकिन कुछ देर बाद ही साफ पानी की आपूर्ति हो जाती है।  

इन इलाकों में आई परेशानी
अधिशाषी अभियंता नगर खंड द्वितीय श्याम माहेश्वरी ने बताया कि 130 एमएलडी जल शोधन संयत्र सकतपुरा से जलापूर्ति किए जाने वाले क्षेत्र नदी पार सम्पूर्ण सकतपुरा, नान्ता, बालिता, सम्पूर्ण कुन्हाडी, बड़गांव जोन, सम्पूर्ण बून्दी रोड़ क्षेत्र, शम्भूपुरा जोन, नयाखेड़ा, नयापुरा, सिविल लाइन्स, लाडपुरा, खाईरोड़, खण्ड गांवड़ी, दोस्तपुरा, आर्मी क्षेत्र, खेड़लीफाटक, नालारोड़, जनकपुरी, गुरूद्वारा रोड़, भीमगंजमण्डी, डडवाड़ा, सम्पूर्ण स्टेशन क्षेत्र, कैलाशपुरी जोन, भदाना जोन, काला तालाब जोन, सोगरिया जोन, आकाशवाणी कॉलोनी, सरस्वती कॉलोनी, पुलिस लाइन रोड की समस्त कॉलोनियां, आरके नगर, शिव नगर, बोरखेड़ा जोन, बारां रोड, नया नोहरा जोन, चन्द्रेसल जोन, रोटेदा, रायपुरा जोन के उपभोक्ताओं से अपील की है कि जल की गुणवत्ता में सुधार नहीं होने तक आवश्यक मात्रा में पेयजल का संग्रहण करके रखें।

अल सुबह से दोपहर तक टर्बिडिटी बढ़ जाने से जल शोधन गंभीर रूप से प्रभावित हुई। शाम से टर्बिडिटी  का लेवल घटा है। शुक्रवार सुबह तक जलापूर्ति समान्य होने की संभावना है। यदि, टर्बिडिटी  का लेवल नहीं घटता है तो सुबह-शाम की पारी में एक समय जलापूर्ति की जाएगी। वहीं, अकेलगढ़ प्लांट पर मॉनिटरिंग के लिए सोमवार से रविवार तक सभी जेईएन की ड्यूटी लगा दी गई है। घरों में मटमेला पानी आ सकता है लेकिन वह पानी पूरी तरह से शुद्ध होने के साथ बैक्ट्रेरिया मुक्त है। जलापूर्ति समान्य करने के हरसंभव प्रयास जारी हैं। ऐसे समय में शहरवासी जल संग्रहण करके रखें।   
- प्रकाशवीर नथानी, एक्सईएन जलदाय विभाग 

 

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