नशा जब्त नहीं होता तो क्या होता!
हाड़ौती के युवाओं की नसों में घुल रहा नशा
करोड़ों का नशा जब्त नहीं होता तो यह युवाओं का शरीर खोखला कर देता
कोटा। नशा नाश का कारण होता है। यह सभी जानते हैं। उसके बाद भी कई लोग नशे का सेवन कर रहे है। हाड़ौती में सबसे अधिक नशा युवाओं की नसों में घुल रहा है। नारकोटिक्ट व पुलिस विभाग द्वारा कार्रवाई कर यदि करोड़ों रुपए का नशा जब्त नहीं किया जाता तो यह युवाओं के शरीर को और अधिक खोखला कर देता। कोटा शिक्षा नगरी के साथ ही पर्यटन नगरी के रूप में भी विकसित हो रहा है।यहां स्थानीय लोगों के अलावा बड़ी संख्या में युवा बाहर से आकर भी रह रहे है। कई नौकरी पेशा हैं तो कई विद्यार्थी के रूप में रह रहे है। हालत यह है कि कोटा में राजस्थान के कई जिलों के अलावा मध्य प्रदेश तक से नशा पहुंच रहा है। स्मैक, अफीम, गांजा, डोडा पोस्त के रूप में नशा युवाओं के शरीर में पहुंचाया जा रहा है। स्मैक की छोटी-छोटी पुड़ियाएं, नशे की सिगरेट और अन्य तरह से नशा युवाओं को अपनी गिरफ्त में जकड़ रहा है। जिस तरह से पुलिस और नारकोटिक्स विभाग द्वारा पिछले सालों में मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उससे अंदाजा लगाया जा सकता है। जिस बड़ी मात्रा में नशा जब्त किया गया है वह तो बहुत कम है। उससे कहीं अधिक नशा समाज में पहुंच चुका होगा। यदि यह मादक पदार्थ भी जब्त नहीं होता तो यह उस मात्रा को बढ़ाने में काफी अधिक सहायक होता। कोटा शहर में वैसे तो हर क्षेत्र में नशे का कारोबार हो रहा है। लेकिन सबसे अधिक कोचिंग क्षेत्र में युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे है। एनर्जी ड्रिंक्स व स्मरण शक्ति बढ़ाने समेत कई तरह से युवाओं को नशा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से दिया जा रहा है। पुलिस और नारकोटिक्स विभाग द्वारा की गई यह कार्रवाई तो नाम मात्र की है। इसके अलावा न जाने कितना नशा युवाओं की नसों में पहुंच चुका होगा।
मध्य प्रदेश की टीम ने किया था 900 किलो डोडा चूरा जब्त
हाल ही में मध्य प्रदेश की नारकोटिक्स टीम करीब 900 किलो से अधिक मादक पदार्थ डोडा चूरा जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार कर ले जा रही थी। जिसे कोटा के आस-पास तस्करों ने छुड़ाने का प्रयास किया था। हालांकि तस्कर इसमें सफल नहीं हो सके। इस तरह की घटना पूर्व में भी कई बार हो चुकी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नशे को समाज में पहुंचाने का किस हद तक साजिश रची जा रही है। इससे पहले बांसवाड़ा में भी कोचिंग क्षेत्र में बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किया गया था। कोटा में भी शहर पुलिस की ओर से समय-समय पर नशा करने वालों व मादक पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती रही है। जिसमें स्मैक, चरस व गांजा जब्त कर आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया। वहीं नारकोटिक्स विभाग द्वारा भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। जिसमें पिछले सालकी तुलना में अधिक कार्रवाई की गई है। साथ ही करोड़ों रुपए का मादक पदार्थ जब्त किया गया है।
करीब तीन गुना अधिक डोडा चूरा जब्त
नारकोटिक्स विभाग द्वारा मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ लगातार और बड़ी कार्रवाई की जा रही है। जिसमें गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष करीब तीन गुना अधिक डोडा चूरा जब्त किया गया है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में7855.37 किलो डोडा चृूरा जब्त किया गया था। वह इस साल नवम्बर तक ही 20341.12 किलो जब्त किया गया। इसी तरह से गत वर्ष 218.31किलो अफीम, 1 किलो हेरोइन,145.56 किलो गांजा समेत अन्य मादक पदार्थ जब्त किया था। वहीं इस साल 86.761किलो अफीम,1.354 किलो हेरोइन और 37.51 किलो गांजा समेत अन्य मादक पदार्थ जब्त किया गया था। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जब्त किए गए मादक पदार्थ की बाजार कीमत करोड़ों रुपए है।
गत वर्ष से दोगुनी कार्रवाई
नारकोटिक्स विभाग कोटा ने वर्ष 2023 में मादक पदार्थ जब्त करने के खिलाफ जितनी कार्रवाई की थी उससे दो गुनी से अधिक कार्रवाई इस साल के 11 महीने में ही की जा चुकी है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गत वर्ष कुल 35 मामले दर्ज हुए थे। वहीं इस साल अभी तक 80 मामले दर्ज हो चुके हैं। गत वर्ष कुल 45 आरोपी गिरफ्तार किए गए थे। वहीं इस बार आरोपियों की संख्या भी दो गुनी से अधिक 101 रही है। यदि ये आरोपी गिरफ्तार नहीं होते तो ये समाज में युवाओं को नशा पहुंचाने में अधिक भागीदार बनते। लेकिन तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई से उसे किसी हद तक कम किया गया है।
जेल में आधे स्मैक ची
इधर जानकारी के अनुसार कोटा की जेल में वर्तमान में जितने आरोपी व बंदी है। उनमें से करीब आधे बंदी स्मैकची व नशे के आदी वाले हैं। पुलिस भी नशा करने वालों को पकड़ने से कतराने लगी है। इसका कारण नशा करने वालों को पकड़कवर उन्हें संभालना व उनके लिए नशे की व्यवस्था कर पाना उनके लिए किसी सिर दर्द से कम नहीं है।
शरीर को खोखला कर शहर की बिगाड़ रहे सूरत
नशा युवाओं के शरीर को खोखला तो कर ही रहा है। साथ ही नशा करने वाले अपराधी बन रहे हैं। नशेड़ी शहर में आए दिन चोरियां करके शहर की सृूरत बिगाड़ रहे हैं। कहीं लोहे की रैलिंग चोरी कर रहे हैं तो कहीं घरों से साइकिल, बाइक, पानी व बिजली के मीटर और मेन रोड से डेकोरेटिव लाइटें तक चोरी कर रहे हैं।
युवा पीढ़ी को नशे से बचाना आवश्यक
युवा वर्ग देश का भविष्य है। उसमें देश के लिए बहुत कुछ करने की क्षमता है। उसका सही जगह पर उपयोग होना चाहिए। लेकिन वर्तमान में जिस तरह से युवा नशे की गिरफ्त में जकड़ रहा है उसे इससे बचाने की आवश्यकता है। नशा ही युवा पीढ़ी को उसकी दिशा से भटकाने के साथ ही परिवारों के टृटने का कारण भी बन रहा है।नशे के खिलाफ संबंधित विभागों को लगातार कार्रवाई करते रहना होगा। यदि करोड़ों का नशा जब्त नहीं होता तो यह युवाओं की नसों में ही पहुंचता।
-बल्लभ पोरवाल, छावनी
मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ विभाग द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। पिछले दो साल में ही कार्रवाई करते हुए सवा सौ से अधिक मामले दर्ज हुए। डेढ़ सौ से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। विभाग का प्रयास है कि अधिक से अधिक कार्रवाई कर मादक पदार्थ व नशे की सामग्री को समाज में पहुंचने से रोका जा सके। विभाग का प्रयास है कि कोटा को नशा मुक्त बनाया जाए। इसके लिए छोटे-छोटे तस्करों की जगह बड़े सप्लायरों को पकड़ने की कार्ययोजना बनाई जाएगी।
-नरेश बुंदेल, आयुक्त, नारकोटिक्स विभाग कोटा
Comment List