पेंशनर्स के लिए राहत : राज्य के बाहर सरकारी अस्पतालों में भी पेंशनर्स करा सकेंगे इलाज
वित्त विभाग ने इसके लिए नियमों में संशोधन करते हुए अधिसूचना जारी
एलोपैथिक दवाएं, वैक्सीन्स, सिरा आदि मान्यता प्राप्त फॉर्मा स्टोर या ई-फार्मा से खरीदी जा सकेंगी।
जयपुर। राज्य सरकार ने पेंशनधारकों के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए उनके इलाज से जुड़ी व्यवस्थाओं को और अधिक व्यापक व सरल बना दिया है। अब राज्य के पेंशनर्स न सिर्फ राजस्थान के भीतर बल्कि बाहर के सरकारी अस्पतालों में भी उपचार करा सकेंगे। राज्य के अनुमोदित, पीपीपी मॉडल पर संचालित तथा रेफरल अस्पतालों में भी इलाज संभव होगा। वित्त विभाग ने इसके लिए नियमों में संशोधन करते हुए अधिसूचना जारी कर दी है।
इन अस्पतालों में इलाज की अनुमति
सरकार ने आपातकालीन परिस्थितियों में गैर-मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में भी इलाज की अनुमति दी है। आउटडोर ट्रीटमेंट के लिए दवाओं और जांच पर वार्षिक खर्च सीमा क्रमश: 50,000 रुपए और 5,000 रुपए निर्धारित की गई है। इनडोर पेशेंट के लिए दवाओं पर कोई खर्च सीमा नहीं होगी। एलोपैथिक दवाएं, वैक्सीन्स, सिरा आदि मान्यता प्राप्त फॉर्मा स्टोर या ई-फार्मा से खरीदी जा सकेंगी।
75 साल वाले पेंशनर्स को विशेष सुविधा
अधिसूचना के अनुसार 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के पेंशनर्स को विशेष सुविधा दी जाएगी। गंभीर रोगों जैसे कैंसर, क्रोनिक लिवर डिजीज, किडनी फेल्योर आदि में विटामिन, मिनरल और एंटी-ऑक्सीडेंट दवाओं की सुविधा भी शामिल की गई है। सीपीएफ स्कीम से रिटायर्ड पेंशनर्स को भी यह सुविधा दी जाएगी, बशर्ते अस्पतालों में बेड की उपलब्धता हो। यदि कोई पेंशनर निर्धारित सीमा से अधिक खर्च करना चाहता है, तो उसे आरजीएचएस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
सुविधा विवरण...
उपचार स्थल: सरकारी, अनुमोदित, पीपीपी रेफरल, आपातकाल में निजी
दवा खर्च सीमा: 50,000 वार्षिक (आउटडोर)
जांच खर्च सीमा: 5000 वार्षिक
इनडोर दवा खर्च: कोई सीमा नहीं
वरिष्ठ पेंशनर्स: 75 साल वालों को विशेष सुविधाएं
गंभीर रोगों में: विटामिन, मिनरल, एंटी-ऑक्सीडेंट शामिल
ऑनलाइन आवेदन: आरजीएचएस पोर्टल पर अनिवार्य।

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